भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज में एक साल के इंतजार के बाद अब जल्द ही विज्ञान संकाय के विद्यार्थी 3डी स्मार्ट साइंस लैब में प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे. लैब स्थापित करने का कार्य शुरू हो चुका है और जिम्मेदारों की माने तो अगले माह लैब में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. करीब 10 लाख रुपए की लागत से स्थापित की जा रही लैब में जहां विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल पढ़ाई के दौरान समझने में आसानी होगी, वहीं लैब में काम में लिए जाने वाले उपकरण व रसायन का खर्च भी बचेगा. इतना ही नहीं प्राणी शास्त्र विभाग (जूलॉजी) के विद्यार्थी बिना जानवरों के इस्तेमाल के भी प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे.
रसायन और जानवरों का नहीं होगा इस्तेमाल
डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें प्रायोगिक पढ़ाई के दौरान रसायनों का और जानवरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उपकरणों से कराए जाने वाले प्रयोग इतने वास्तविक होंगे के विद्यार्थियों को प्रायोगिक पढ़ाई करने में पूरी तरह से वास्तविकता का आभास होगा. गौरतलब है कि प्राणी शास्त्र में कई जानवरों पर होने वाले प्रयोगों पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब विद्यार्थी आसानी से तकनीक के माध्यम से बिना किसी जानवर के इस्तेमाल के प्रयोग कर सकेंगे.
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1 साल से अटका हुआ था लैब का कार्यगौरतलब है कि एमएसजी कॉलेज में 3डी स्मार्ट साइंस लैब अप्रैल 2019 में स्थापित हो जानी थी, लेकिन कई अड़चनों के बाद इसका कार्य करीब 1 साल बाद अब शुरू हो पाया है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए कॉलेज की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई थी. लेकिन, उसमें कोई कमी के चलते टेंडर निरस्त कर दिए गए थे. ऐसे में अब दोबारा टेंडर जारी कर ले स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है.