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स्पेशल: भरतपुर के MSJ कॉलेज में जल्द शुरू होगी स्मार्ट साइंस लैब, विद्यार्थी 3डी तकनीक से कर सकेंगे पढ़ाई

भरतपुर के एमएसजे कॉलेज की बहुप्रतीक्षित 3डी स्मार्ट साइंस लैब अब जल्द शुरू होने वाली है. जिसके बाद अब विद्यार्थी 3डी तकनीक से प्रैक्टिक की पढ़ाई कर सकेंगे, जिससे विद्यार्थियों को समझने में आसानी होगी, लैब स्थापित होने से प्रायोगिक पढ़ाई में काम लिए जाने वाले उपकरण, रसायनों का भी खर्च बचेगा, देखिए भरतपुर से स्पेशल रिपोर्ट...

3d smart science lab, Bharatpur News
एमएसजे कॉलेज में स्मार्ट साइंस लैब
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Published : Feb 17, 2020, 1:20 PM IST

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज में एक साल के इंतजार के बाद अब जल्द ही विज्ञान संकाय के विद्यार्थी 3डी स्मार्ट साइंस लैब में प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे. लैब स्थापित करने का कार्य शुरू हो चुका है और जिम्मेदारों की माने तो अगले माह लैब में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. करीब 10 लाख रुपए की लागत से स्थापित की जा रही लैब में जहां विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल पढ़ाई के दौरान समझने में आसानी होगी, वहीं लैब में काम में लिए जाने वाले उपकरण व रसायन का खर्च भी बचेगा. इतना ही नहीं प्राणी शास्त्र विभाग (जूलॉजी) के विद्यार्थी बिना जानवरों के इस्तेमाल के भी प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे.

एमएसजे कॉलेज में स्मार्ट साइंस लैब
स्मार्ट साइंस लैब प्रभारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि भरतपुर समेत प्रदेश के सभी संभागों के बड़े कॉलेजों का 3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए चयन किया गया था. इसी के तहत एमएसजे कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग में स्मार्ट साइंस लैब स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र और भौतिक शास्त्र के विद्यार्थियों की प्रायोगिक पढ़ाई 3डी तकनीक से वर्चुअल रियलिटी के जरिए कराई जाएगी.

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: कैंसर से लड़ने में कारगर है सरसों की ये खास नस्ल, कई बीमारियों की रोकथाम में भी गुणकारी

रसायन और जानवरों का नहीं होगा इस्तेमाल
डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें प्रायोगिक पढ़ाई के दौरान रसायनों का और जानवरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उपकरणों से कराए जाने वाले प्रयोग इतने वास्तविक होंगे के विद्यार्थियों को प्रायोगिक पढ़ाई करने में पूरी तरह से वास्तविकता का आभास होगा. गौरतलब है कि प्राणी शास्त्र में कई जानवरों पर होने वाले प्रयोगों पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब विद्यार्थी आसानी से तकनीक के माध्यम से बिना किसी जानवर के इस्तेमाल के प्रयोग कर सकेंगे.

पढ़ें: Special : यहां भलाई की 'भींत' बनी 'शोरूम'...जानिए पूरी खबर

1 साल से अटका हुआ था लैब का कार्यगौरतलब है कि एमएसजी कॉलेज में 3डी स्मार्ट साइंस लैब अप्रैल 2019 में स्थापित हो जानी थी, लेकिन कई अड़चनों के बाद इसका कार्य करीब 1 साल बाद अब शुरू हो पाया है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए कॉलेज की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई थी. लेकिन, उसमें कोई कमी के चलते टेंडर निरस्त कर दिए गए थे. ऐसे में अब दोबारा टेंडर जारी कर ले स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है.

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े एमएसजे कॉलेज में एक साल के इंतजार के बाद अब जल्द ही विज्ञान संकाय के विद्यार्थी 3डी स्मार्ट साइंस लैब में प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे. लैब स्थापित करने का कार्य शुरू हो चुका है और जिम्मेदारों की माने तो अगले माह लैब में पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी. करीब 10 लाख रुपए की लागत से स्थापित की जा रही लैब में जहां विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल पढ़ाई के दौरान समझने में आसानी होगी, वहीं लैब में काम में लिए जाने वाले उपकरण व रसायन का खर्च भी बचेगा. इतना ही नहीं प्राणी शास्त्र विभाग (जूलॉजी) के विद्यार्थी बिना जानवरों के इस्तेमाल के भी प्रायोगिक पढ़ाई कर सकेंगे.

एमएसजे कॉलेज में स्मार्ट साइंस लैब
स्मार्ट साइंस लैब प्रभारी डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि भरतपुर समेत प्रदेश के सभी संभागों के बड़े कॉलेजों का 3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए चयन किया गया था. इसी के तहत एमएसजे कॉलेज के प्राणी शास्त्र विभाग में स्मार्ट साइंस लैब स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र और भौतिक शास्त्र के विद्यार्थियों की प्रायोगिक पढ़ाई 3डी तकनीक से वर्चुअल रियलिटी के जरिए कराई जाएगी.

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रसायन और जानवरों का नहीं होगा इस्तेमाल
डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसमें प्रायोगिक पढ़ाई के दौरान रसायनों का और जानवरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. उपकरणों से कराए जाने वाले प्रयोग इतने वास्तविक होंगे के विद्यार्थियों को प्रायोगिक पढ़ाई करने में पूरी तरह से वास्तविकता का आभास होगा. गौरतलब है कि प्राणी शास्त्र में कई जानवरों पर होने वाले प्रयोगों पर रोक लगा दी गई थी. लेकिन अब विद्यार्थी आसानी से तकनीक के माध्यम से बिना किसी जानवर के इस्तेमाल के प्रयोग कर सकेंगे.

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1 साल से अटका हुआ था लैब का कार्यगौरतलब है कि एमएसजी कॉलेज में 3डी स्मार्ट साइंस लैब अप्रैल 2019 में स्थापित हो जानी थी, लेकिन कई अड़चनों के बाद इसका कार्य करीब 1 साल बाद अब शुरू हो पाया है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि 3डी स्मार्ट साइंस लैब के लिए कॉलेज की ओर से टेंडर प्रक्रिया की गई थी. लेकिन, उसमें कोई कमी के चलते टेंडर निरस्त कर दिए गए थे. ऐसे में अब दोबारा टेंडर जारी कर ले स्थापित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है.
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