भरतपुर. जिले का सेवर केंद्रीय कारागृह इन दिनों कैदियों और बंदियों के लिए ऐशगाह बना हुआ है. सेवर जेल के कैदियों और बंदियों को मोबाइल, सिम, गुटखा, तंबाकू और गांजा तक उपलब्ध कराया जाता है. वहीं, इन सब में जेल प्रशासन की मिलीभगत सामने आई है. इस पूरे मामले को लेकर भरतपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप कपूर ने जेल डीजी को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.
पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप कपूर ने बताया कि सेवर सेंट्रल जेल में कैदियों और बंदियों को जेल प्रशासन व कर्मचारियों की मिलीभगत से मोबाइल व अन्य सामग्री पहुंचाने का खुलासा हुआ है. अब डीजी जेल बीएल सोनी को पत्र भेजकर दोषी पाए गए तत्कालीन जेल अधीक्षक सुधीर कुमार पुनिया, जेलर राजवीर सिंह पूनिया, मुख्य प्रहरी विदेश कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा है.
वहीं, मिलीभगत के आरोप में एक प्रहरी केशव देव शर्मा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, फिलहाल वह जमानत पर है. इनमें जेल अधीक्षक सुधीर कुमार और जेलर राजवीर सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जेल परिसर के बाहर एक महिला, एक पुरुष और एक जेल पहरी को पकड़ा गया था. ये लोग जेल के अंदर गांजा पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे. इनके पास से गांजा भी बरामद किया गया था.
जेल से हर दिन होते थे 250 कॉल
बीते दिनों सेवर सेंट्रल जेल में तीन बार जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से औचक निरीक्षण किए गए, जिसमें करीब 200 कैदियों व बंदियों के पास मोबाइल फोन पाए गए. जिनसे हर दिन करीब 250 कॉल किए जाते थे. इतना ही नहीं सेवर जेल में जब भी अधिकारियों की ओर से चेकिंग की जाती है, तब जेल प्रशासन ही कैदियों और बंदियों को अलर्ट कर देता है और बैरक के पास ही खुदाई करके उन वस्तुओं को प्लास्टिक की थैली में रखकर मिट्टी में दबा देता है.
जेल में ऐश की कीमत
- एंड्राइड फोन- 50-60 हजार रुपए
- कीपैड मोबाइल- 15-20 हजार रुपए
- तम्बाकू- 1500 रुपए
- बीड़ी- 2500 रुपए
- सिगरेट का पैकेट- 3000 रुपए
गौरतलब है कि सेवर सेंट्रल जेल में लॉरेंस बिश्नोई जैसे गैंगस्टर भी बंद हैं. समय-समय पर जेल से कई बार सोशल मीडिया पर वीडियो एवं फोटो भी अपलोड किए गए हैं, जो बाद में वायरल हुए.