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खसरा प्रतिवर्ष ले रहा है 50 हजार बच्चों की जान, चिकित्साकर्मियों के लिए टीकाकरण कार्यशाला आयोजित

खसरे जैसे संक्रामक रोग व अन्य रोगों से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण व कई दूसरी जानकारियां नगर में आयोजित कार्यशाला में दी गई.

नर्सिंगकर्मिंयों को दी गई जानकारी
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Published : May 11, 2019, 9:17 PM IST

नगर (भरतपुर). ब्लॉक के चिकित्सा कर्मियों की कार्यशाला का आयोजन कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल शर्मा के मुख्य अतिथ्य में किया गया. कार्यशाला में भरतपुर आर सी एच ओ डॉक्टर अमर सिंह सैनी व ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सचिन खंडेलवाल मौजूद रहे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा कर्मियों को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया खसरा एक जानलेवा और संक्रामक रोग है.

नगर में आयोजित की गई सेमीनार

जो वायरस से फैलता है व बच्चों में असमय मृत्यु या विकलांगता का एक मुख्य कारण है. भारत में खसरा के कारण प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है. गर्भवती महिलाओं में रूबेला रोग होने से जन्मजात रूबैला सिंड्रोम हो सकता है जो गर्भ में पल रहे नवजात शिशुओं के लिए बेहद गंभीर हो सकता है. इससे गर्भपात समय पूर्व प्रसव या मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियां भी हो जाती हैं. जिससे आंख मे ग्लूकोज, मोतियाबिंद, कान में बहरापन तथा मस्तिष्क प्रभावित हो सकते हैं.

इन दोनों गंभीर बीमारियों का कोई निश्चित इलाज नहीं है एवं इनसे बचाव का खसरा रूबेला टीकाकरण ही सबसे सरल एवं सुरक्षित व सर्वश्रेष्ठ उपाय है. चिकित्सा कर्मियों को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया अभियान के दौरान नियमित टीकाकरण की सभी गतिविधियां जारी रहेगी परंतु इन सत्रों में एमआर का टीका सप्लाई नहीं किया जाएगा.

नगर (भरतपुर). ब्लॉक के चिकित्सा कर्मियों की कार्यशाला का आयोजन कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल शर्मा के मुख्य अतिथ्य में किया गया. कार्यशाला में भरतपुर आर सी एच ओ डॉक्टर अमर सिंह सैनी व ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सचिन खंडेलवाल मौजूद रहे. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा कर्मियों को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया खसरा एक जानलेवा और संक्रामक रोग है.

नगर में आयोजित की गई सेमीनार

जो वायरस से फैलता है व बच्चों में असमय मृत्यु या विकलांगता का एक मुख्य कारण है. भारत में खसरा के कारण प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है. गर्भवती महिलाओं में रूबेला रोग होने से जन्मजात रूबैला सिंड्रोम हो सकता है जो गर्भ में पल रहे नवजात शिशुओं के लिए बेहद गंभीर हो सकता है. इससे गर्भपात समय पूर्व प्रसव या मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियां भी हो जाती हैं. जिससे आंख मे ग्लूकोज, मोतियाबिंद, कान में बहरापन तथा मस्तिष्क प्रभावित हो सकते हैं.

इन दोनों गंभीर बीमारियों का कोई निश्चित इलाज नहीं है एवं इनसे बचाव का खसरा रूबेला टीकाकरण ही सबसे सरल एवं सुरक्षित व सर्वश्रेष्ठ उपाय है. चिकित्सा कर्मियों को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया अभियान के दौरान नियमित टीकाकरण की सभी गतिविधियां जारी रहेगी परंतु इन सत्रों में एमआर का टीका सप्लाई नहीं किया जाएगा.

Intro:
नगर(भरतपुर):ब्लॉक के चिकित्सा कर्मियों की कार्यशाला का आयोजन कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गोपाल शर्मा के मुख्य अतिथ्य में आयोजित की गई। कार्यशाला में भरतपुर आर सी एच ओ डॉक्टर अमर सिंह सैनी व ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सचिन खंडेलवाल मौजूद थे । कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा कर्मियों खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान की बारे में जानकारी देते हुए बताया खसरा एक जानलेवा और संक्रामक रोग है। जो वायरस से फैलता है जो बच्चों में असमय मृत्यु या विकलांगता का एक मुख्य कारण है। भारत में खसरा के कारण प्रतिवर्ष लगभग 50 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है। गर्भवती महिलाओं में रूबेला रोग होने से जन्मजात रूबैला सिंड्रोम हो सकता है जो गर्भ में पल रहे ढूंढो व नवजात शिशुओं के लिए बेहद गंभीर हो सकता है। इससे गर्भपात समय पूर्व प्रसव या मृत प्रसव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। दीर्घकालीन जन्मजात विसंगतियां भी हो जाती हैं। जिससे आंख मे ग्लूकोज मोतियाबिंद कान में बहरापन तथा मस्तिष्क प्रभावित हो सकते हैं। इन दोनों गंभीर बीमारियों का कोई निश्चित इलाज नहीं है एवं इनसे बचाव का खसरा रूबेला टीकाकरण ही सबसे सरल एवं सुरक्षित व सर्वश्रेष्ठ उपाय है चिकित्सा कर्मियों को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया अभियान के दौरान नियमित टीकाकरण की सभी गतिविधियां जारी रहेगी परंतु इन सत्रों में एम आर का टीका सप्लाई नहीं किया जाएगा अवकाश एवं रविवार के दिन अभियान का सत्र नहीं होगा बच्चों को खसरा रूबेला का टीका एक नियत स्थान पर लगाया जाएगा घर घर जाकर टीकाकरण नहीं किया जाएगा। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी डॉ सचिन खंडेलवाल ने चिकित्सा कर्मियों को ब्लॉक की सभी पीएससी एवं सीएससी ऊपर पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने लेबर रूम में म्यूजिक सिस्टम लगाने एवं लेबर रूम की कमियों को जल्द से जल्द कराने के साथ साथ पी एस सी व सी एच सी पर नाकारा सामान की लिस्ट बनाकर ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजने के निर्देश के साथ आयुष्मान भारत की योजना के बारे में अवगत कराया। इस मौके पर सौरव कटारा आशा कॉर्डिनेटर ओम प्रकाश मीणा रवि शंकर शर्मा रवि सैनी महाराज सिंह दिवाकर शर्मा राजवीर सिंह मनोज कुमार सेन आशा चौधरी सहित अन्य चिकित्सा कर्मी मौजूद थे।

कैसे होती है खसरे की पहचान
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा कर्मियों को खसरे के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा किसी को बुखार खारिश खांसी नाक बहना आंख लाल हो जाना जैसे प्रमुख लक्षण होने पर खतरे की पहचान की जा सकती है।

हर वर्ष होती है 50 हजार बच्चों की मृत्यु
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चिकित्सा कर्मियों को बताया खसरे से देश में हर वर्ष लगभग पचास हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है।

बाईट-डॉ गोपाल शर्मा मुख्य चिकित्साधिकारी भरतपुर।Body:चिकित्सा कर्मियों की आयोजित कार्यशाला में खसरा,रूबेला टीकाकरण का दिया प्रशिक्षण।Conclusion:null
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