भरतपुर. जिले के सरपंच संघ ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सरपंचों का आरोप है कि दो दशकों से केंद्रीय वित्त आयोग की अनुदान राशि ग्राम पंचायतों के खातों में सीधे आती थी. लेकिन राज्य सरकार ने चौदहवें वित्त आयोग की केंद्र सरकार से मिली राशि जो कि ग्राम पंचायतों के खाते में आनी थी. वह राशि 1 हजार 8 सौ 50 करोड़ पंचायत समिति के खातों में डाल दी गई.
जिसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विकास अधिकारी ने पंचायत समितियों को एफएपसी की राशि ग्राम पंचायतों के खाते में डालने के आदेश दिए थे, लेकिन उन आदेशों की अवेहलना करते हुए शुक्रवार को राशि ग्राम पंचायतों के खाते में नहीं डाली गई है. इसके अलावा भरतपुर जिले की सभी ग्राम पंचायतों की दूसरी किश्त 56 करोड़ 33 लाख 80 हजार की राशि पंचायत समितियों के खातों से अभी तक ट्रांसफर नहीं हुई है, जिसकी वजह से चल रहे विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए हैं.
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ऐसे में सरपंच संघ की मांग है कि भारत सरकार द्बारा जारी की गई, भरतपुर जिले की दूसरी किश्त 56 करोड़ 33 लाख 80 हजार की राशि को पंचायत समितियों के खाते से भरतपुर जिले की सभी ग्राम पंचायतों के खाते में जमा करवाई जाए.
वहीं सरपंच संघ का आरोप है कि भरतपुर जिले की कुछ पंचायत समितियों द्बारा मनमाने तरीके से एफएपसी की 25 प्रतिशत राशि ही ग्राम पंचायतों के खाते में जमा करवाने की योजना बनाई जा रही है. अगर राज्य सरकार ऐसा नही करती तो जल्द ही जिला कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.