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RSCPCR Chairman in Bharatpur: बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए बनाए जाएंगे कड़े कानून-संगीता बेनीवाल - RSCPCR trying to stop child abusers elopement cases

राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने का कहना है कि बाल संप्रेक्षण गृहों से बाल अपचारियों का पलायन रोकने के लिए कड़े कानून तैयार किए (Strict laws for eloped child abusers) जाएंगे. साथ ही वह इस संबंध में प्रदेश सीएम से भी मुलाकात करेंगी. उन्होंने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के बारे में भी चर्चा की.

RSCPCR trying to stop child abusers elopement cases
बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए बनाए जाएंगे कड़े कानून : संगीता बेनीवाल
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Published : May 4, 2022, 7:41 PM IST

Updated : May 4, 2022, 11:50 PM IST

भरतपुर. प्रदेश की राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में निवासरत बाल अपचारियों के पलायन को रोकने के लिए जल्द ही राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (आरएससीपीसीआर) मुख्यमंत्री से मिलेगा और इसके लिए कड़े कानून भी तैयार किए जाएंगे. बुधवार को भरतपुर में आयोजित 'शिक्षित बचपन, सुरक्षित बचपन' विषय पर संभाग स्तरीय कार्यशाला में भाग लेने आई आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए आयोग लगातार प्रयास कर रहा (RSCPCR trying to stop child abusers elopement cases) है. साथ ही प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. एक सवाल के जवाब में बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह से कई बार बच्चों के पलायन की घटनाएं सामने आती हैं. कई बार पलायन करने वाले बच्चे फिर से मिल जाते हैं, जिनसे हम उनके पलायन करने की वजह भी जानने का प्रयास करते हैं.

संगीता बेनीवाल ने बाल अपचारियों के पलायन पर कही ये बात...

पढ़ें: भरतपुर: बाल संप्रेक्षण गृह से 6 बाल अपचारियों के फरार होने का मामला, जांच करने पहुंची बाल आयोग की टीम

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए जल्द ही आयोग प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलेगा और पलायन को रोकने के लिए कड़े कानून भी बनाए जाएंगे. बेनीवाल ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से शिक्षाविदों के साथ चर्चा कर हम प्रदेश के ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जो किसी वजह से शिक्षा से वंचित हैं या फिर स्कूलों से ड्रॉप आउट हो गए हैं. बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा.

पढ़ें: कोटा: बाल अपचारियों ने किया निरीक्षण टीम पर हमला, जांच में मिले मोबाइल

उन्होंने कहा कि हम बच्चों को रेस्क्यू कर लाते हैं, लेकिन सही पुनर्वास नहीं होने की वजह से फिर से वे उसी काम में लग जाते हैं. इसके लिए आयोग जल्द ही प्रोजेक्ट तैयार कर काम शुरू करेगा. बेनीवाल ने कार्यशाला में शिक्षाविदों से कहा कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को 'नो बैग डे' घोषित किया है. इसकी सभी पालना करें. साथ ही शनिवार को बच्चों को 'गुड टच बैड टच' की जानकारी दें. कार्यशाला में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, आयोग सदस्य समेत शिक्षाधिकारी मौजूद थे.

भरतपुर. प्रदेश की राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में निवासरत बाल अपचारियों के पलायन को रोकने के लिए जल्द ही राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (आरएससीपीसीआर) मुख्यमंत्री से मिलेगा और इसके लिए कड़े कानून भी तैयार किए जाएंगे. बुधवार को भरतपुर में आयोजित 'शिक्षित बचपन, सुरक्षित बचपन' विषय पर संभाग स्तरीय कार्यशाला में भाग लेने आई आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने यह बात कही.

उन्होंने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए आयोग लगातार प्रयास कर रहा (RSCPCR trying to stop child abusers elopement cases) है. साथ ही प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं. एक सवाल के जवाब में बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश के राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह से कई बार बच्चों के पलायन की घटनाएं सामने आती हैं. कई बार पलायन करने वाले बच्चे फिर से मिल जाते हैं, जिनसे हम उनके पलायन करने की वजह भी जानने का प्रयास करते हैं.

संगीता बेनीवाल ने बाल अपचारियों के पलायन पर कही ये बात...

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उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए जल्द ही आयोग प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलेगा और पलायन को रोकने के लिए कड़े कानून भी बनाए जाएंगे. बेनीवाल ने कहा कि कार्यशाला के माध्यम से शिक्षाविदों के साथ चर्चा कर हम प्रदेश के ऐसे बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जो किसी वजह से शिक्षा से वंचित हैं या फिर स्कूलों से ड्रॉप आउट हो गए हैं. बेनीवाल ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा.

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उन्होंने कहा कि हम बच्चों को रेस्क्यू कर लाते हैं, लेकिन सही पुनर्वास नहीं होने की वजह से फिर से वे उसी काम में लग जाते हैं. इसके लिए आयोग जल्द ही प्रोजेक्ट तैयार कर काम शुरू करेगा. बेनीवाल ने कार्यशाला में शिक्षाविदों से कहा कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को 'नो बैग डे' घोषित किया है. इसकी सभी पालना करें. साथ ही शनिवार को बच्चों को 'गुड टच बैड टच' की जानकारी दें. कार्यशाला में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, आयोग सदस्य समेत शिक्षाधिकारी मौजूद थे.

Last Updated : May 4, 2022, 11:50 PM IST
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