भरतपुर. लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के विभिन्न जिलों से उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को ऊंचा नगला और रारह बॉर्डर छोड़ने आए रोडवेज के कर्मचारियों को सोमवार सुबह स्थानीय प्रशासन ने बासी भोजन भेज दिया. इससे रोडवेज के कर्मचारी भड़क गए और खाना फेंक दिया.
परेशान रोडवेज कर्मचारी जब इसकी शिकायत करने के लिए रोडवेज के स्थानीय अधिकारियों के पास पहुंचे तो वह भी नदारद मिले. ऐसे में परेशान कर्मचारियों ने स्थानीय कर्मचारियों से अपनी पीड़ा बताई, जिसके बाद स्थानीय रोडवेज कर्मचारियों ने ताजा भोजन तैयार करवाकर कर्मचारियों को भोजन करवाया.
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जानकारी के अनुसार 1 मई को पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, उदयपुर, बाड़मेर, झालावाड़, जैसलमेर, अजमेर आदि जिलों में फंसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को 25 रोडवेज बसों से यहां के रारह और ऊंचा नगला बॉर्डर पर छोड़ने आए थे.
तब से इन बसों के करीब 50 चालक-परिचालक भरतपुर रोडवेज के केंद्रीय बस स्टैंड पर ठहरे हुए हैं. सोमवार को जब जिला प्रशासन की ओर से इन चालक परिचालकों के लिए भोजन भेजा गया और उन्होंने जैसे ही खाने के लिए उसे खोला तो पता चला कि वह बासी खाना है. ऐसे में गुस्साए कर्मचारियों ने बासी भोजन फेंक दिया.
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झालावाड़ के चालक तेज सिंह देवड़ा ने बताया कि वापसी में उत्तर प्रदेश की तरफ से आने वाले प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को ले जाने के लिए सभी बसों को यहां रोका गया है. लेकिन प्रशासन की ओर से रोडवेज कर्मचारियों के ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं की है. बस स्टैंड पर ना तो पीने के लिए पानी है और ना ही ताजा खाना मिल पा रहा है.
गौरतलब है कि 1 अप्रैल को प्रदेश के विभिन्न जिलों से उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को रारह बॉर्डर और ऊंचा नगला बॉर्डर से भेजा गया था. अब उत्तर प्रदेश की तरफ से 6 हजार प्रवासी राजस्थानी मजदूरों के आने की सूचना है, जिनको ले जाने के लिए इन रोडवेज बसों को भरतपुर के केंद्रीय बस स्टैंड पर रोका गया है.