भरतपुर. संभाग मुख्यालय भरतपुर से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित नगला भांड गांव. यहां के महिला और पुरुष आज भी करीब 1 किलोमीटर दूर से सिर पर पीने के पानी से भरे हुए बर्तन लाते हुए नजर आ जाते हैं. गांव के पानी में अत्यधिक फ्लोराइड की मात्रा है. गांव में शुद्ध पेयजल की कोई अन्य व्यवस्था उपलब्ध नहीं है.
बीते करीब डेढ़ साल से गांव के लोगों को पेयजल के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल गांव में दो साल पहले आरओ प्लांट लगा था. छह महीने गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल मिला. लेकिन फिर प्लांट में चोरी हो गई. चोर प्लांट का ट्रांसफार्मर चुरा कर ले गए. इसकी सजा गांव वालों को मिल रही है. उस घटना के बाद कभी भी प्लांट को शुरू करने का जतन नहीं किया गया.
बिजली विभाग की अनदेखी के चलते अब गांव वालों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. ग्रामीण संदीप कसाना ने बताया कि गांव में करीब डेढ़ हजार लोगों की आबादी है. गांव के पानी में अत्यधिक फ्लोराइड है. जिसके चलते यहां जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से आरओ प्लांट लगाया गया था. ताकि गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके. लेकिन अब ये प्लांट बंद पड़ा है.
संदीप ने बताया कि गांव का आरओ प्लांट खराब होने की वजह से लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि गांव का पानी पी नहीं सकते. इसलिए करीब 1 किलोमीटर दूर पड़ोसी गांव सालावास के एक नल से पानी लाना पड़ता है.
![Drinking water crisis in Nagla Bhand village of Bharatpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/11818503_thkd.png)
ग्रामीण राजाराम गुर्जर ने बताया कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए गांव के सरपंच से भी मिले और आरओ प्लांट पर नया ट्रांसफार्मर रखने के लिए बिजली विभाग के कनिष्ठ अभियंता एवं अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत भी की. लेकिन अब तक न तो पेयजल समस्या का समाधान हुआ है और न ही आरओ प्लांट के लिए नया ट्रांसफार्मर रखा गया है. यदि बिजली विभाग ने समय रहते हुए आरओ प्लांट के लिए ट्रांसफार्मर लगा दिया होता तो गांव के डेढ़ हजार लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज नहीं होना पड़ता.