भरतपुर. राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में शराब पार्टी और मादक पदार्थों के सेवन की घटना का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बाल अधिकारिता विभाग की लापरवाही सामने आई है. पहले भी जिम्मेदारों की लापरवाही से बालिका गृह और बाल संप्रेक्षण गृह से बालक-बालिका फरार हो गए थे. ऐसे में बाल अधिकारिता विभाग के अंतर्गत संचालित बालिका गृह और बाल संप्रेक्षण गृह की व्यवस्थाओं और अव्यवस्थाओं को लेकर ईटीवी भारत ने बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने खास बातचीत की और जाना की यहां ऐसे हालात क्यों हैं.
जानकारी के अनुसार पहले भी बाल अधिकारिता विभाग के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बालिका गृह से 5 बालिकाएं दीवार कूदकर फरार हो गई थी. वहीं बाल संप्रेक्षण गृह से भी 22 बाल अपचारी एक साथ फरार हो गए थे. अब संप्रक्षेण गृह में शराब पार्टी का वीडियो वायरल (Bharatpur Child Care Home Viral Video) होने के बाद यहां कि व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. ऐसे में ईटीवी भारत से खास बातचीत में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष (president of Child Welfare Committee Gangaram Parashar) गंगाराम पाराशर ने यहां के अव्यवस्थाओं के सभी बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत की.
जिम्मेदार सचेत होते तो नहीं होती घटना
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृह (State Child Care Home Bharatpur) में आवासीय बालकों द्वारा शराब और मादक पदार्थ की पार्टी कर उसका वीडियो वायरल करने के पीछे विभाग भी जिम्मेदार है. यदि विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने समय पर व्यवस्थाएं बेहतर कर ली होती तो यह घटना नहीं होती. इस पूरी घटना में कहीं ना कहीं विभाग और विभाग के जिम्मेदार दोषी हैं. उनपर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
अध्यक्ष पाराशर ने कहा कि यदि विभाग के जिम्मेदार चौकन्ने होते तो यह घटना नहीं होती. बाल संप्रेक्षण गृह में आवासित अन्य बच्चे भी इस तरह की घटनाओं से प्रताड़ित रहते हैं. गृह की अव्यवस्थाओं को लेकर बाल कल्याण समिति की ओर से कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों को भी लिखा गया है.
बाल संप्रेक्षण गृह की 5 मुख्य खामियां, जिससे ऐसी घटनाएं होती हैं....
नहीं है मुख्य द्वार पर सुरक्षा गार्ड
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि बाल संप्रेक्षण गृह परिसर के मुख्य द्वार पर बार-बार कहने के बावजूद कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं किया गया है. ऐसे में परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति आसानी से प्रवेश कर सकता है.
गृह के कमरों की खिड़िकियों की जालियां टूटी
बाल संप्रेक्षण गृह की कमरों की खिड़कियों की जालियां टूटी हुई है. ऐसे में बिना गार्ड वाले गेट से प्रवेश करने वाला व्यक्ति बिना रोक-टोक के इन खिड़कियों तक पहुंच कर कमरों में बंद बाल अपचारियों को कोई भी मादक पदार्थ या शराब आसानी से पहुंचा सकता है.
CCTV खराब
बाल संप्रेक्षण गृह में कई सीसीटीवी कैमरे बीते कई महीने से खराब है. ऐसे में परिसर में आने जाने वाले लोगों पर पूरी तरह से नजर नहीं रखी जा पा रही.
निजी गार्ड लापरवाह
गृह परिसर में सभी निजी (रेस्को) गार्ड लगे हुए हैं. ऐसे में वो पूरी जिम्मेदारी के साथ काम नहीं करते. परिसर में होम गार्ड या पुलिस गार्ड लगना जरूरी है.
एक अधिकारी के पास कई प्रभार का भार
बाल अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त निदेशक पूरन सिंह के पास कई प्रभार हैं. ऐसे में बाल संप्रेक्षण गृह, बालिका गृह आदि की जिम्मेदारी के लिए अलग से अधिकारी लगाया जाए.
बालिका गृह से फरार हो गई थी 5 बालिकाएं
अध्यक्ष गंगाराम पाराशर ने बताया कि पहले बालिका गृह की व्यवस्था अभी ठीक नहीं थी. यही वजह थी कि बालिका गृह से 5 बालिकाएं दीवार कूदकर भाग छूटी थी. उस समय खुद बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने पीछा करके 4 बालिकाओं को दस्तयाब किया था. उसके बाद राज्य बाल आयोग को पत्र लिखा गया और व्यवस्थाओं को बेहतर किया गया.
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गौरतलब है कि भरतपुर के राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में आवासित बाल अपचारियों द्वारा जन्मदिन की मादक पदार्थों शराब पार्टी की गई. उसका वीडियो वायरल हुआ तो विभाग, प्रशासन और राज्य सरकार द्वारा घटना की जांच की गई लेकिन हकीकत में यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर बाल कल्याण समिति की ओर से समय-समय पर विभाग के आला अधिकारियों को अवगत कराया गया. इसके बावजूद यहां की व्यवस्था को बेहतर नहीं किया गया. यही वजह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इस तरह की घटना सामने आई.