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भरतपुर: आरबीएम अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों की हड़ताल, बिना जांच के कार्रवाई का आरोप - Nursing workers strike in RBM Hospital

भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में स्ट्रेचर नहीं मिलने पर परिजनों द्वारा कंधे पर शव लेकर जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशासन एक नर्सिंगकर्मी को सस्पेंड कर दिया. जिसके विरोध में अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों ने हड़ताल कर दी. नर्सिंगकर्मियों का आरोप है कि, मामले में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बिना जांच के कार्रवाई की गई है.

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र्सिंग कर्मियों ने किया हड़ताल
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Published : Jul 23, 2020, 5:13 PM IST

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल राज बहादुर मेमोरियल में नर्सिंगकर्मियों ने हड़ताल करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि, कुछ दिनों एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. स्ट्रेचर में देरी होने पर परिजन शव को कंधे पर ले गए थे. प्रशासन की ओर से मामले में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंगकर्मी को जिम्मेदार मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया. जबकि ऐसा कदम उठाने से पहले प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए थी.

नर्सिंगकर्मियों की हड़ताल

बता दें कि, जिले में कोरोना संक्रमण मामले 2245 हो चुके हैं. बढ़ते कोरोना माहमारी के दौरान नर्सिंगकर्मियों का हड़ताल करना इस मुश्किल को और बढ़ा सकता है. ऐसे में नर्सिंगकर्मियों की ओर से की गई हड़ताल के बाद प्रशासन भी उनसे बात करने में लगा हुआ है. जिससे नर्सिंगकर्मी दोबारा अपने काम पर जा सके.

क्या है पूरा मामला...

जानकारी के अनुसार 21 जुलाई को कुम्हेर तहसील के गांव अघाईया खुर्द निवासी लकवा ग्रस्त मरीज बलवीर सिंह की तबीयत खराब हो गई थी. जिसे लेकर परिजन जिला आरबीएम अस्पताल पहुंचे थे. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लेकिन इंतजार करने के बाद जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो, परिजन शव को कंधों पर लेकर गए और हंगामा भी किया. जिसका वीडियो वायरल भी हुआ था. इसके बाद प्रशासन ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया.

ये पढ़ें: बड़ी लापरवाही : गर्भवती महिला को लगाया खाली सिलेंडर...ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत

नर्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरभान सिंह के अनुसार स्ट्रेचर अन्य मरीज के लिए व्यस्त होने की बजह से शव को ले जाने के लिए स्ट्रेचर में देरी हुई. उसका वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने बगैर जांच के नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया, जो गलत है. जिसके इसके विरोध में उन्होंने कार्य का बहिष्कार किया गया है. साथ ही हरभान सिंह ने कहा कि, कोरोना माहमारी में नर्सिंगकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर हर समय संक्रमित मरीजों के लिए काम कर रहे हैं. जिससे खुद नर्सिंगकर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए है. लेकिन प्रशासन ने बगैर जांच के निलंबित किया है. जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा.

ये पढ़ें: भरतपुर अस्पताल में शव को स्ट्रेचर तक नसीब नहीं, बाप की लाश कंधे पर रखकर तीसरी मंजिल से नीचे आया बेटा, Video Viral

वहीं पूरे मामले को लेकर पीएमओ डॉ. नवदीप सैनी ने बताया कि, कोरोना संक्रमण महामारी चल रही है. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्य कर रहा है. सभी मरीजों का अच्छे इलाज किया जा रहा है. आज जो कुछ हुआ है, उसमे अधिकारियों से बात कर समाधान निकाला जायेगा.

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल राज बहादुर मेमोरियल में नर्सिंगकर्मियों ने हड़ताल करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि, कुछ दिनों एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. स्ट्रेचर में देरी होने पर परिजन शव को कंधे पर ले गए थे. प्रशासन की ओर से मामले में मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंगकर्मी को जिम्मेदार मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया. जबकि ऐसा कदम उठाने से पहले प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए थी.

नर्सिंगकर्मियों की हड़ताल

बता दें कि, जिले में कोरोना संक्रमण मामले 2245 हो चुके हैं. बढ़ते कोरोना माहमारी के दौरान नर्सिंगकर्मियों का हड़ताल करना इस मुश्किल को और बढ़ा सकता है. ऐसे में नर्सिंगकर्मियों की ओर से की गई हड़ताल के बाद प्रशासन भी उनसे बात करने में लगा हुआ है. जिससे नर्सिंगकर्मी दोबारा अपने काम पर जा सके.

क्या है पूरा मामला...

जानकारी के अनुसार 21 जुलाई को कुम्हेर तहसील के गांव अघाईया खुर्द निवासी लकवा ग्रस्त मरीज बलवीर सिंह की तबीयत खराब हो गई थी. जिसे लेकर परिजन जिला आरबीएम अस्पताल पहुंचे थे. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लेकिन इंतजार करने के बाद जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो, परिजन शव को कंधों पर लेकर गए और हंगामा भी किया. जिसका वीडियो वायरल भी हुआ था. इसके बाद प्रशासन ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया.

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नर्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष हरभान सिंह के अनुसार स्ट्रेचर अन्य मरीज के लिए व्यस्त होने की बजह से शव को ले जाने के लिए स्ट्रेचर में देरी हुई. उसका वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने बगैर जांच के नर्सिंगकर्मी को निलंबित कर दिया, जो गलत है. जिसके इसके विरोध में उन्होंने कार्य का बहिष्कार किया गया है. साथ ही हरभान सिंह ने कहा कि, कोरोना माहमारी में नर्सिंगकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर हर समय संक्रमित मरीजों के लिए काम कर रहे हैं. जिससे खुद नर्सिंगकर्मी भी कोरोना संक्रमित हुए है. लेकिन प्रशासन ने बगैर जांच के निलंबित किया है. जिसे बर्दास्त नहीं किया जायेगा.

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वहीं पूरे मामले को लेकर पीएमओ डॉ. नवदीप सैनी ने बताया कि, कोरोना संक्रमण महामारी चल रही है. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्य कर रहा है. सभी मरीजों का अच्छे इलाज किया जा रहा है. आज जो कुछ हुआ है, उसमे अधिकारियों से बात कर समाधान निकाला जायेगा.

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