भरतपुर. वाणिज्यिक कर विभाग के पुनर्गठन बाद (Restructuring of Commercial Taxes Department) विभाग ने दिसंबर में जीएसटी चोरी करने वाले कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. लेकिन इनमें से एक भी पान मसाला व्यवसाई नहीं था. ऐसे में सवाल यह कि 'खास' चोरों पर इतनी मेहरबानी क्यों ?
असल में पहले जोन स्तर पर वाणिज्यिक कर विभाग की एंटिविजन टीमें जीएसटी चोरी (Action on GST Tax Evasion) करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती थीं. लेकिन 24 सितंबर 2021 को पूरे प्रदेश में एंटिविजन टीमों को खत्म (Antivision Teams of Commercial Tax Department Abolished) कर दिया गया. इसके बाद 1 नवंबर 2021 को पुनर्गठन किया गया.
अतिरिक्त आयुक्त सीपी मीणा ने बताया कि पुनर्गठन के तहत जोन स्तर पर एवं सर्कल स्तर पर डिप्टी कमिश्नर और असिस्टेंट कमिश्नर स्तर के अधिकारियों को जीएसटी चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया. लेकिन इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त से लिखित अनुमति लेनी होगी.
17 दिन में 4 ट्रक पकड़े...
पुनर्गठन के बाद 1 दिसंबर से जीएसटी चोरी करने वालों पर फिर से कार्रवाई शुरू कर दी गई. इस दौरान भरतपुर जोन में चार ट्रकों को पकड़ा गया, जो जीएसटी चोरी करके माल का परिवहन कर रहे थे. इनमें परचून, लोहा, टायर और नमकीन के ट्रक पकड़े गए. लेकिन सबसे ज्यादा जीएसटी चोरी करने वाले पान मसाला का एक भी ट्रक नहीं पकड़ा गया. जबकि पान मसाला पर (Tax on Pan Masala) सर्वाधिक 188 प्रतिशत टैक्स लगता है.
सूत्रों की मानें तो विभाग के उच्चाधिकारियों की ओर से अंदरखाने पान मसाला के ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के मौखिक निर्देश जारी किए गए हैं. इस संबंध में जब अतिरिक्त आयुक्त सीपी मीणा से पूछा गया तो Additional Commissioner CP Meena on Department Action) उन्होंने बताया कि उनके पास इस तरह के कोई निर्देश नहीं हैं. हमें डाटा इकट्ठा कर के सभी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश हैं.
मुख्यालय पर एनफोर्समेंट विंग...
पुनर्गठन के बाहर वाणिज्यिक कर विभाग के जयपुर मुख्यालय पर एनफोर्समेंट विंग (प्रवर्तन शाखा) का गठन किया गया है. इसमें 9 टीमें तैयार की गई हैं, जो पूरे प्रदेश में कहीं भी कार्रवाई कर सकती हैं.