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बृज विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार, राज्यपाल कलराज मिश्र ने किया Online लोकार्पण

राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को जिले के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बृज क्षेत्र के तमाम छात्रों की उम्मीदें अब जल्द ही साकार होंगी.

भरतपुर समाचार, bharatpur news
बृज विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार
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Published : Aug 23, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Aug 23, 2020, 7:15 PM IST

भरतपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को जिले के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि बृज विश्वविद्यालय का नया भवन पूरे बृज क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए गौरवशाली सिद्ध होगा. राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का परिसर अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता है. गुरुजन ही अपने विद्यार्थी को समाज और राष्ट्र के प्रति एक उत्तरदाई नागरिक के रूप में ढालते हैं.

साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में इस सत्र से शुरू होने वाले पांच नए पाठ्यक्रमों की भी घोषणा की. इसमें राजनीति विज्ञान, भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, 6 माह के 2 डिप्लोमा पाठ्यक्रम (फूड प्रोसेसिंग एवं बेकरी और राजस्थान का इतिहास, संस्कृति एवं भूगोल) शामिल हैं.

बृज विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार

इसके बाद राज्यपाल ने विवि के नए परिसर में लगभग एक बीघे में बने संविधान पार्क का भी शिलान्यास किया. इस संविधान पार्क में संविधान उद्यान स्तंभ, मूर्तियां एवं कानून की जानकारी वाले शिलालेख आदि लगाए जाएंगे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय के कोरोना संक्रमण काल में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की.

पढ़ें- SPECIAL: सुल्ताना से खत्म हो रहा है धीरे-धीरे लोहे का रिश्ता, कभी हामड की आवाज से उठता था गांव

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश कुमार सिंह धाकरे ने राज्यपाल कलराज मिश्र का आभार प्रकट किया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. धाकरे ने बताया कि निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के नए परिसर में एक मॉडल स्कूल, एक सामुदायिक एफएम रेडियो एवं भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की जाएगी.

साढ़े 12 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ नया भवन

जिले के कुम्हेर क्षेत्र के चक सकितरा में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का साढ़े 12 करोड़ की लागत से नया भवन बनकर तैयार हो गया है. राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम द्वारा तैयार किया गया यह भवन अपने हैरिटेज लुक के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. विवि परिसर में प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस एवं परीक्षा खंड का निर्माण कराया गया है.

विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए भवन का ऑनलाइन लोकार्पण करेंगे. प्रथम चरण में नए भवन में विश्वविद्यालय की प्रशासनिक शाखा शिफ्ट की जाएगी. साथ ही परीक्षा शाखा अभी पूर्ववत एमएसजे कॉलेज परिसर में ही संचालित होगी. वहीं, विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां ग्लोबल लॉ इंस्टीट्यूट में संचालित होगी.

ऐसा है विवि का नया भवन

विवि के सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का नया भवन 20 हेक्टेयर जमीन में तैयार किया गया है. यह शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर है. भवन को आकर्षक बनाने के लिए राजस्थानी स्थापत्य कला का इस्तेमाल किया गया है और इसे हैरिटेज लुक दिया गया है. साथ ही नए भवन के मुख्य द्वार के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. भवन के मुख्य द्वार एवं एकेडमिक ब्लॉक के ऊपर छतरियों का निर्माण किया गया है.

हर साल बचाएंगे 12 लाख लीटर वर्षाजल

सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर वर्षा जल संग्रहण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किया गया है, जिसके तहत तीनों भवनों की नालियों को 2 तालाबों से जोड़ा गया है. इसमें बारिश का पूरा जल एकत्रित होगा. इनमें एक तालाब की क्षमता 10 लाख लीटर एवं दूसरे की 2 लाख लीटर वर्षा जल एकत्रित करने की है. इतना ही नहीं, तालाबों में एकत्रित होने वाले वर्षा जल को बाद में रीसायकल कर गार्डेनिंग एवं अन्य कार्यों में फिर से उपयोग में लाने की भी योजना है.

खार से बचाएगी विशेष ईंट

सहायक कुलसचिव ने बताया कि भरतपुर की जमीन में खार की समस्या है. ऐसे में यहां जो भी भवन तैयार किए जाते हैं, उनकी दीवारों में सीलन और खार की समस्या सामने आती है, जिससे भवन की दीवारें कमजोर हो जाती है. इसलिए नए भवन में सीलन और खार की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष प्रकार की 'फ्लाई ऐश' की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. थर्मल पावर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई ऐश की ईंटों का निर्माण किया जाता है. इसमें कभी भी खार नहीं लगती और ना हीं सीलन आती है.

डेढ़ साल की देरी से तैयार हुआ भवन

विवि के नए भवन का निर्माण बीते 31 दिसंबर 2018 में पूरा होना था, लेकिन यह निर्माण कार्य करीब डेढ़ साल की देरी से पूरा हो पा रहा है. आरएसआरडीसी के जिम्मेदारों की मानें तो भवन परिसर में बारिश के जलभराव की समस्या के चलते कई बार निर्माण कार्य प्रभावित रहा. साथ ही कई बार सीमेंट की उपलब्धता भी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई. यही वजह है कि जो निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2018 को पूरा होना था, वह अगस्त 2020 में पूरा हो पाया है.

द्वितीय चरण में होगा इन सुविधाओं का विस्तार

सहायक कुलसचिव प्रखर प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण में विवि के पाठ्यक्रम के अनुसार नए भवन का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय कर्मचारियों के आवास ओपन एवं इनडोर स्टेडियम, जिम्नेजियम आदि का निर्माण भी कराया जाएगा.

पढ़ें- स्पेशल: बाल आयोग के पास शिकायतों का अंबार, लेकिन बोर्ड और स्कूलों का दावा, नियमों के मुताबिक चल रही Online Class

गौरतलब है कि साल 2012 में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय को राजस्थान सरकार की ओर से स्वीकृति मिली थी, जिसके बाद से विश्वविद्यालय भरतपुर शहर के महारानी श्री जया महाविद्यालय के परिसर में संचालित हो रहा है. खुद का भवन नहीं होने की वजह से विवि अपने पाठ्यक्रमों की कक्षाओं का संचालन किराए के भवनों में कर रहा था. ऐसे में नया भवन बनने से विश्वविद्यालय संचालन में गति मिलेगी.

भरतपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को जिले के महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए भवन का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि बृज विश्वविद्यालय का नया भवन पूरे बृज क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए गौरवशाली सिद्ध होगा. राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का परिसर अपनी पवित्रता के लिए जाना जाता है. गुरुजन ही अपने विद्यार्थी को समाज और राष्ट्र के प्रति एक उत्तरदाई नागरिक के रूप में ढालते हैं.

साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय में इस सत्र से शुरू होने वाले पांच नए पाठ्यक्रमों की भी घोषणा की. इसमें राजनीति विज्ञान, भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, 6 माह के 2 डिप्लोमा पाठ्यक्रम (फूड प्रोसेसिंग एवं बेकरी और राजस्थान का इतिहास, संस्कृति एवं भूगोल) शामिल हैं.

बृज विश्वविद्यालय का नया भवन बनकर तैयार

इसके बाद राज्यपाल ने विवि के नए परिसर में लगभग एक बीघे में बने संविधान पार्क का भी शिलान्यास किया. इस संविधान पार्क में संविधान उद्यान स्तंभ, मूर्तियां एवं कानून की जानकारी वाले शिलालेख आदि लगाए जाएंगे. राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालय के कोरोना संक्रमण काल में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की.

पढ़ें- SPECIAL: सुल्ताना से खत्म हो रहा है धीरे-धीरे लोहे का रिश्ता, कभी हामड की आवाज से उठता था गांव

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश कुमार सिंह धाकरे ने राज्यपाल कलराज मिश्र का आभार प्रकट किया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. धाकरे ने बताया कि निकट भविष्य में विश्वविद्यालय के नए परिसर में एक मॉडल स्कूल, एक सामुदायिक एफएम रेडियो एवं भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए कई सुविधाएं विकसित की जाएगी.

साढ़े 12 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ नया भवन

जिले के कुम्हेर क्षेत्र के चक सकितरा में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का साढ़े 12 करोड़ की लागत से नया भवन बनकर तैयार हो गया है. राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम द्वारा तैयार किया गया यह भवन अपने हैरिटेज लुक के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. विवि परिसर में प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस एवं परीक्षा खंड का निर्माण कराया गया है.

विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्र महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के नए भवन का ऑनलाइन लोकार्पण करेंगे. प्रथम चरण में नए भवन में विश्वविद्यालय की प्रशासनिक शाखा शिफ्ट की जाएगी. साथ ही परीक्षा शाखा अभी पूर्ववत एमएसजे कॉलेज परिसर में ही संचालित होगी. वहीं, विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां ग्लोबल लॉ इंस्टीट्यूट में संचालित होगी.

ऐसा है विवि का नया भवन

विवि के सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का नया भवन 20 हेक्टेयर जमीन में तैयार किया गया है. यह शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर है. भवन को आकर्षक बनाने के लिए राजस्थानी स्थापत्य कला का इस्तेमाल किया गया है और इसे हैरिटेज लुक दिया गया है. साथ ही नए भवन के मुख्य द्वार के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. भवन के मुख्य द्वार एवं एकेडमिक ब्लॉक के ऊपर छतरियों का निर्माण किया गया है.

हर साल बचाएंगे 12 लाख लीटर वर्षाजल

सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर वर्षा जल संग्रहण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी तैयार किया गया है, जिसके तहत तीनों भवनों की नालियों को 2 तालाबों से जोड़ा गया है. इसमें बारिश का पूरा जल एकत्रित होगा. इनमें एक तालाब की क्षमता 10 लाख लीटर एवं दूसरे की 2 लाख लीटर वर्षा जल एकत्रित करने की है. इतना ही नहीं, तालाबों में एकत्रित होने वाले वर्षा जल को बाद में रीसायकल कर गार्डेनिंग एवं अन्य कार्यों में फिर से उपयोग में लाने की भी योजना है.

खार से बचाएगी विशेष ईंट

सहायक कुलसचिव ने बताया कि भरतपुर की जमीन में खार की समस्या है. ऐसे में यहां जो भी भवन तैयार किए जाते हैं, उनकी दीवारों में सीलन और खार की समस्या सामने आती है, जिससे भवन की दीवारें कमजोर हो जाती है. इसलिए नए भवन में सीलन और खार की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष प्रकार की 'फ्लाई ऐश' की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. थर्मल पावर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई ऐश की ईंटों का निर्माण किया जाता है. इसमें कभी भी खार नहीं लगती और ना हीं सीलन आती है.

डेढ़ साल की देरी से तैयार हुआ भवन

विवि के नए भवन का निर्माण बीते 31 दिसंबर 2018 में पूरा होना था, लेकिन यह निर्माण कार्य करीब डेढ़ साल की देरी से पूरा हो पा रहा है. आरएसआरडीसी के जिम्मेदारों की मानें तो भवन परिसर में बारिश के जलभराव की समस्या के चलते कई बार निर्माण कार्य प्रभावित रहा. साथ ही कई बार सीमेंट की उपलब्धता भी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई. यही वजह है कि जो निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2018 को पूरा होना था, वह अगस्त 2020 में पूरा हो पाया है.

द्वितीय चरण में होगा इन सुविधाओं का विस्तार

सहायक कुलसचिव प्रखर प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि द्वितीय चरण में विवि के पाठ्यक्रम के अनुसार नए भवन का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय कर्मचारियों के आवास ओपन एवं इनडोर स्टेडियम, जिम्नेजियम आदि का निर्माण भी कराया जाएगा.

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गौरतलब है कि साल 2012 में महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय को राजस्थान सरकार की ओर से स्वीकृति मिली थी, जिसके बाद से विश्वविद्यालय भरतपुर शहर के महारानी श्री जया महाविद्यालय के परिसर में संचालित हो रहा है. खुद का भवन नहीं होने की वजह से विवि अपने पाठ्यक्रमों की कक्षाओं का संचालन किराए के भवनों में कर रहा था. ऐसे में नया भवन बनने से विश्वविद्यालय संचालन में गति मिलेगी.

Last Updated : Aug 23, 2020, 7:15 PM IST
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