भरतपुर. सांसद रंजीता कोली पर बीते दिनों हुए हमले को लेकर पुलिस की ओर से चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर से मामला गरमा गया है. कोली ने खुद पर हुए हमले को षड्यंत्र बताते हुए पुलिस पर निशाना साधा (MP Ranjeeta Koli allegations on police) है. उन्होंने कहा कि यदि वह अधिकारियों को सूचना देकर कार्रवाई करने जाती, तो पुलिस अधिकारियों की पोल कैसे खुल पाती. अब पुलिस अधिकारी बड़े खनन माफिया को बचाने के चक्कर में हैं.
सांसद रंजीता कोली ने कहा कि मैं पुलिस अधीक्षक के प्रेस नोट का खंडन करती हूं. उन्होंने कहा कि गांव धिलावटी पुलिस चौकी के पास 7 अगस्त देर रात हुए हमले में और अवैध खनन के मामले में मात्र चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनको मोहरा बनाया गया है. इस पूरे मामले में पुलिस मुख्य अवैध खनन माफिया को बचाने का कार्य कर रही (Ranjeeta Koli targets Gehlot Govt) है. सांसद ने कहा कि गहलोत सरकार और पुलिस अधिकारियों ने अभी तक अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई है. इस संबंध में गहलोत सरकार का कहना था कि अवैध खनन नहीं हो रहा है, जिसकी पुष्टि खनिज विभाग द्वारा कामां थाने में कराई गई रिपोर्ट से हो चुकी है.
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सांसद कोली ने कहा कि अवैध खनन के मुद्दे उठाने पर उन पर चार बार जानलेवा हमला हुआ है. यह सरकार की बहुत बड़ी चूक है. इस पर मुख्यमंत्री को अपना बयान जारी करना चाहिए. पुलिस का कहना है कि मैंने बिना अधिकारियों को सूचना दिए अचानक ही ट्रकों को रुकवाया. अगर मैं अधिकारियों को बताती तो पुलिस अधिकारियों की पोल कैसे खुली पाती. सांसद ने कहा कि पुलिस के अनुसार सीसीटीवी कैमरो में 34 ट्रक रिकॉर्ड हो रहे हैं. लेकिन पुलिस ने अभी सिर्फ 6 ट्रकों की ही जांच की है. बाकी के 28 ट्रक कहां गए. इस पूरे मामले से यह साबित हो गया है कि मेरे ऊपर हुआ हमला षड्यंत्र था और खनन माफिया मुझे जान से मारना चाहते थे. लेकिन पुलिस अब इस पूरे मामले में लीपापोती कर बड़े माफियाओं को बचाने के चक्कर में है.
पुलिस ने चार आरोपियों को पकड़ा है और प्रेस नोट जारी किया है. आरोपियों ने वारदात को कबूला है. सांसद ने कहा कि जब मुझ पर हमला हुआ तो वहां 10 से ज्यादा लोग मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने सिर्फ 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. बाकी के बड़े लोगों को पुलिस बचाने का काम कर रही है.