भरतपुर. जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से बुधवार को भरतपुर और धौलपुर के जाटों की 3 सूत्रीय मांगों को लेकर भुसावर थाना क्षेत्र के पथैना गांव में महापंचायत आयोजित की गई. महापंचायत में जाट समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे. इस दौरान जाट समाज के नेताओं ने सरकार से वर्ष 2017 के समझौते के अनुसार तीन मांगों को पूरा करने की अपील की. इस दौरान जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने कहा कि सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों को ओबीसी आरक्षण के नाम पर फुटबॉल बना रखा है. उनका मखौल बना रखा है.
जाट नेता नेम सिंह फौजदार ने बताया कि 10 अगस्त 2015 में भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र और राज्य दोनों जगह ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया गया. उसके बाद भरतपुर और धौलपुर के जाटों को 3 साल की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. 23 अगस्त 2017 को ओबीसी कमिशन की रिपोर्ट के बाद भरतपुर और धौलपुर के जाटों को राज्य में तो आरक्षण मिल गया, लेकिन केंद्र में आरक्षण अभी तक नहीं मिला है. वहीं, राज्य सरकार ने भी केंद्र में भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण के लिए सिफारिश नहीं भेजी है.
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नहीं दी गई है नियुक्ति...
नेम सिंह फौजदार ने कहा कि जाट आंदोलन के दौरान जाट समाज के लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को भी अभी तक वापस नहीं लिया गया है. ना ही समाज के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है. जबकि नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय की ओर से भी आदेश दिए गए बावजूद इसके नियुक्ति नहीं दी गई है.
बेढम में होगी अगली महापंचायत...
फौजदार ने कहा कि पहली महापंचायत पथैना में आयोजित हुई है. इसके बाद अभी और भी जगह-जगह महापंचायत आयोजित की जाएंगी. यदि सरकार ने समय रहते तीनों मांगों को पूरा नहीं किया, तो मजबूरन जाट समाज को सड़क और पटरी पर आना पड़ेगा, जिसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी. महापंचायत के दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस जाप्ता भी लगाया गया. वहीं, अगली जाट महापंचायत डीग क्षेत्र के बेढम गांव में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.