भरतपुर. सरकार लाख प्रयास के बाद भी अवैध खनन पर लगाम नहीं लग पा रही है. प्रदेश में अवैध खनन के मामले में भीलवाड़ा जहां नंबर 1 पर है, वहीं भरतपुर जिला प्रदेश में छठवें स्थान पर है. हालांकि विभाग के अधिकारियों का दावा है कि अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए समय-समय पर कार्रवाई कि जाती है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि खनन माफिया धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे हैं.
जिले में यूं तो बयाना, रूपबास, रुदावल, पहाड़ी और कामां क्षेत्रों में खान विभाग की ओर से सैंड स्टोन खनन के लिए लीज जारी कर रखी है. लेकिन जानकारी के अनुसार जिले में पहाड़ी क्षेत्र में सर्वाधिक अवैध खनन होता है. गादानेर, नागल, छपरा, विजासना, धौलेट, डाठेट आदि क्षेत्रों में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है.
कागजों में खदान बंद, फिर भी खनन जारी
जानकारी के अनुसार पहाड़पुर क्षेत्र से निकलने वाले सैंडस्टोन से अधिशुल्क वसूली के लिए खनिज विभाग ने एक कम्पनी को ठेका दिया हुआ है. इस कम्पनी का काम वैध खनन कर परिवहन कर ले जाने वाले वाहनों से रायल्टी वसूली करने का है,लेकिन पहाड़पुर क्षेत्र में खनिज विभाग की ओर से 45 खदानों का आवंटन है. यह खादानें भी करीब चार साल से प्रदूषण कन्ट्रोल बोर्ड से एनवार्यवेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण बंद है. फिर भी खनिज विभाग ने ठेका दिया हुआ है.
पढ़ेंः 3 महीनों से दुष्कर्म के मामले में फरार चल रहा आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
दोनों उपखण्ड के अन्य क्षेत्रों को छोड़कर अकेले बंशी पहाड़पुर, छऊआ मोड़, सिर्रोद, तिघर्रा और महलपुर चूरा के वन क्षेत्र से प्रतिदिन 500 से 600 ट्रैक्टर ट्रॉली भरकर पत्थर की ठेबियां निकलती है. रायल्टी कम्पनी का काम वैध (रवन्नाधारी) वाहन को तोल कर रवन्ना में अंकित वजन से अधिक वजन होने पर नियमानुसार रायल्टी वसूली करने का है,लेकिन इस नियमानुसार काम की आड़ में रायल्टी वसूलने वाली कम्पनी मोटी रकम लेकर अवैध को वैध कर काम का संचालन करा रही है.
4 साल में यहां हुए इतने अवैध खनन
स्थान | (2014 - 2017) |
भीलवाड़ा | 261 |
नागौर | 180 |
जयपुर | 167 |
सीकर | 167 |
झुंझुनू | 156 |
भरतपुर | 154 |
अप्रैल 2019 से अब तक खनन विभाग ने अवैध खनन और अवैध खनन सामग्री निर्गमन के कुल 29 मामले बताए. जिन पर 64 लाख 77 हजार का जुर्माना लगाया गया. जिसमें से 26.79 लाख वसूल किए जा चुके हैं. जबकि अब तक 9 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं.