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French delegation in Keoladeo National Park : प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने और जैव विविधता बढ़ाने में मदद करेगी फ्रेंच एजेंसी - French Development Agency in Keoladeo

भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों का स्वर्ग है. इस उद्यान से मुंह मोड़ चुके प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने और घना पार्क में जैव विविधता बढ़ाने में फ्रेंच एजेंसी फ्रेंसेज डी डेवलपमेंट (एएफडी) मदद करेगी. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे के माध्यम से रोजगार के अवसर तैयार करने पर काम करेगी.

French delegation in Keoladeo National Park
French delegation in Keoladeo National Park
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Published : Nov 27, 2021, 6:20 PM IST

Updated : Nov 27, 2021, 10:43 PM IST

भरतपुर. भरतपुर पक्षी विहार (Bharatpur Bird Sanctuary) बर्ड्स की जन्नत माना जाता रहा है. विगत कुछ वर्षों में भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रवासी पक्षियों की विमुखता झेल रहा है. बरसों पहले कई प्रवासी पक्षी केवलादेव से मुंह मोड़ चुके हैं. अब यह कवायद की जा रही है कि इन पक्षियों को फिर घना के लिए आकर्षित किया जाए.

केवलादेव नेशनल पार्क में फ्रेंच डवलपमेंट एजेंसी फ्रेंसेज डी डवलपमेंट के डेलीगेशन की मौजूदगी अच्छी खबर है. बदलते मौसम और पानी की कमी के चलते केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ चुके प्रवासी पक्षियों को अब फिर से आकर्षित करने के प्रयास किए जाएंगे. घना पार्क में जैव विविधता को भी बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. इसके लिए फ्रेंच एजेंसी फ्रेंसेज डी डेवलपमेंट (एएफडी) राजस्थान सरकार की मदद करेगी. एजेंसी की मदद से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की चारों तरफ बसे हुए गांवों के निवासियों के लिए उद्यान आधारित रोजगार के अवसर भी तैयार किए जाएंगे. इसके लिए एजेंसी राजस्थान सरकार की आर्थिक मदद भी करेगी.

केवलादेव नेशनल पार्क में फ्रेंच डेलीगेशन

जैव विविधता बढ़ाने पर जोर

भरतपुर पक्षी विहार (Bharatpur Bird Sanctuary) जैव विविधता के कारण जाना जाता है. केवलादेव में जैव विविधता के संरक्षण (Conservation of Biodiversity in Keoladeo) की दरकार है. उद्यान के डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का एक अप्रूव्ड मैनेजमेंट प्लान है. इसी प्लान के तहत उन प्रवासी पक्षियों को फिर से आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा, जो यहां पर आना बंद हो गए हैं.

पढ़ें- घना का आकर्षण : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता देखने भरतपुर आएगा फ्रांस का 4 सदस्यीय डेलिगेशन

साथ ही यहां से कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिज़र्व में चीतल भेजे जाएंगे और अन्य किसी स्थान से यहां अन्य वन्य जीव लाये जाएंगे. इसके लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी भी उद्यान की आर्थिक एवं अन्य पहलुओं पर मदद करेगी. मोहित गुप्ता ने बताया कि केवलादेव पहुंचे फ्रांसीसी दल (French delegation in Keoladeo National Park) ने दो दिन तक उद्यान का विजिट किया और यहां पर जैव विविधता बढ़ाने एवं ज्यादा से ज्यादा प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा की.

French delegation in Keoladeo National Park
ग्रामीणों के साथ उद्यान आधारित रोजगार पर बात

आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे से रोजगार

मोहित गुप्ता ने बताया कि फ्रांसीसी दल ने उद्यान के नेचर गाइड और रिक्शा चालकों से चर्चा की। उनके कार्य करने के तरीके को समझा। साथ ही फ्रांसीसी दल ने उद्यान के चारों तरफ बसे गांव में पर्यटकों के लिए होमस्टे जैसी सुविधाएं विकसित करके ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर विकसित करने का सुझाव दिया है। इससे विदेशी और देशी पर्यटकों को वाइल्डलाइफ टूरिज्म के साथ ही ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। भरतपुर में फेंच डवलपमेंट एजेंसी (French Development Agency in bharatpur) विकास के कार्यों के लिए आर्थिक मदद भी करने वाली है.

फ्रांसीसी दल की मलाह गांव की इको डेवलमेंट कमेटी के साथ बैठक कराई गई. इस दौरान गांव की महिलाओं ने रोजगार की कमी की बात सामने रखी. इस पर फ्रांसीसी दल ने उद्यान आधारित रोजगार के साधन विकसित करने का सुझाव दिया.

पढ़ें- राजस्थान: केवलादेव घना में प्रवासी पक्षियों ने डाला डेरा, पर्यटन के पटरी पर लौटने की उम्मीद

अब सुझाव के साथ रिपोर्ट भेजेगा फ्रांसीसी दल

मोहित गुप्ता ने बताया कि फ्रांस के दल ने दो दिन तक उद्यान और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया. अब यह दल उद्यान पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसमें उद्यान व जैव विविधता संरक्षण, रोजगार के अवसरों को लेकर अपने सुझाव भी देगा. उसके आधार पर उद्यान में कई कार्य किए जाएंगे. इसके लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराएगी.

French delegation in Keoladeo National Park
ये है पक्षियों का स्वर्ग

क्या है राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना

असल में राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना पर कार्य किया जा रहा है. इस परियोजना पर फ्रांसीसी विकास एजेंसी आर्थिक मदद उपलब्ध करा रही है. इसी के तहत राजस्थान के भरतपुर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में बड़े पैमाने पर पौधरोपण जैसे कार्य भी कराए जाएंगे.

French delegation in Keoladeo National Park
केवलादेव पार्क का विजिट करते फ्रेंच डेलीगेशन के सदस्य

ईटीवी भारत उठा चुका है मुद्दा

बीते कई दशकों में बदलते मौसम और पाने की वजह से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ चुके प्रवासी पक्षियों को लेकर ईटीवी भारत भी कई बार मुद्दा उठा चुका है. ईटीवी भारत ने 'साइबेरियन सारस के बाद राजहंस ने भी मोड़ा मुंह, प्रदूषित पानी बड़ी वजह' और 'पानी की कमी के कारण केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ रहे प्रवासी पक्षी शीर्षक से खबरें प्रकाशित कर उद्यान प्रशासन और राजस्थान सरकार का इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया था.

भरतपुर. भरतपुर पक्षी विहार (Bharatpur Bird Sanctuary) बर्ड्स की जन्नत माना जाता रहा है. विगत कुछ वर्षों में भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रवासी पक्षियों की विमुखता झेल रहा है. बरसों पहले कई प्रवासी पक्षी केवलादेव से मुंह मोड़ चुके हैं. अब यह कवायद की जा रही है कि इन पक्षियों को फिर घना के लिए आकर्षित किया जाए.

केवलादेव नेशनल पार्क में फ्रेंच डवलपमेंट एजेंसी फ्रेंसेज डी डवलपमेंट के डेलीगेशन की मौजूदगी अच्छी खबर है. बदलते मौसम और पानी की कमी के चलते केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ चुके प्रवासी पक्षियों को अब फिर से आकर्षित करने के प्रयास किए जाएंगे. घना पार्क में जैव विविधता को भी बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे. इसके लिए फ्रेंच एजेंसी फ्रेंसेज डी डेवलपमेंट (एएफडी) राजस्थान सरकार की मदद करेगी. एजेंसी की मदद से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की चारों तरफ बसे हुए गांवों के निवासियों के लिए उद्यान आधारित रोजगार के अवसर भी तैयार किए जाएंगे. इसके लिए एजेंसी राजस्थान सरकार की आर्थिक मदद भी करेगी.

केवलादेव नेशनल पार्क में फ्रेंच डेलीगेशन

जैव विविधता बढ़ाने पर जोर

भरतपुर पक्षी विहार (Bharatpur Bird Sanctuary) जैव विविधता के कारण जाना जाता है. केवलादेव में जैव विविधता के संरक्षण (Conservation of Biodiversity in Keoladeo) की दरकार है. उद्यान के डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान का एक अप्रूव्ड मैनेजमेंट प्लान है. इसी प्लान के तहत उन प्रवासी पक्षियों को फिर से आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा, जो यहां पर आना बंद हो गए हैं.

पढ़ें- घना का आकर्षण : केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की जैव विविधता देखने भरतपुर आएगा फ्रांस का 4 सदस्यीय डेलिगेशन

साथ ही यहां से कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिज़र्व में चीतल भेजे जाएंगे और अन्य किसी स्थान से यहां अन्य वन्य जीव लाये जाएंगे. इसके लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी भी उद्यान की आर्थिक एवं अन्य पहलुओं पर मदद करेगी. मोहित गुप्ता ने बताया कि केवलादेव पहुंचे फ्रांसीसी दल (French delegation in Keoladeo National Park) ने दो दिन तक उद्यान का विजिट किया और यहां पर जैव विविधता बढ़ाने एवं ज्यादा से ज्यादा प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा की.

French delegation in Keoladeo National Park
ग्रामीणों के साथ उद्यान आधारित रोजगार पर बात

आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में होमस्टे से रोजगार

मोहित गुप्ता ने बताया कि फ्रांसीसी दल ने उद्यान के नेचर गाइड और रिक्शा चालकों से चर्चा की। उनके कार्य करने के तरीके को समझा। साथ ही फ्रांसीसी दल ने उद्यान के चारों तरफ बसे गांव में पर्यटकों के लिए होमस्टे जैसी सुविधाएं विकसित करके ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर विकसित करने का सुझाव दिया है। इससे विदेशी और देशी पर्यटकों को वाइल्डलाइफ टूरिज्म के साथ ही ग्रामीण परिवेश से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा। ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। भरतपुर में फेंच डवलपमेंट एजेंसी (French Development Agency in bharatpur) विकास के कार्यों के लिए आर्थिक मदद भी करने वाली है.

फ्रांसीसी दल की मलाह गांव की इको डेवलमेंट कमेटी के साथ बैठक कराई गई. इस दौरान गांव की महिलाओं ने रोजगार की कमी की बात सामने रखी. इस पर फ्रांसीसी दल ने उद्यान आधारित रोजगार के साधन विकसित करने का सुझाव दिया.

पढ़ें- राजस्थान: केवलादेव घना में प्रवासी पक्षियों ने डाला डेरा, पर्यटन के पटरी पर लौटने की उम्मीद

अब सुझाव के साथ रिपोर्ट भेजेगा फ्रांसीसी दल

मोहित गुप्ता ने बताया कि फ्रांस के दल ने दो दिन तक उद्यान और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया. अब यह दल उद्यान पर अपनी एक रिपोर्ट तैयार करेगा और उसमें उद्यान व जैव विविधता संरक्षण, रोजगार के अवसरों को लेकर अपने सुझाव भी देगा. उसके आधार पर उद्यान में कई कार्य किए जाएंगे. इसके लिए फ्रांसीसी विकास एजेंसी आर्थिक मदद भी उपलब्ध कराएगी.

French delegation in Keoladeo National Park
ये है पक्षियों का स्वर्ग

क्या है राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना

असल में राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान वानिकी एवं जैव विविधता परियोजना पर कार्य किया जा रहा है. इस परियोजना पर फ्रांसीसी विकास एजेंसी आर्थिक मदद उपलब्ध करा रही है. इसी के तहत राजस्थान के भरतपुर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा, धौलपुर, जयपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में बड़े पैमाने पर पौधरोपण जैसे कार्य भी कराए जाएंगे.

French delegation in Keoladeo National Park
केवलादेव पार्क का विजिट करते फ्रेंच डेलीगेशन के सदस्य

ईटीवी भारत उठा चुका है मुद्दा

बीते कई दशकों में बदलते मौसम और पाने की वजह से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ चुके प्रवासी पक्षियों को लेकर ईटीवी भारत भी कई बार मुद्दा उठा चुका है. ईटीवी भारत ने 'साइबेरियन सारस के बाद राजहंस ने भी मोड़ा मुंह, प्रदूषित पानी बड़ी वजह' और 'पानी की कमी के कारण केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान से मुंह मोड़ रहे प्रवासी पक्षी शीर्षक से खबरें प्रकाशित कर उद्यान प्रशासन और राजस्थान सरकार का इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया था.

Last Updated : Nov 27, 2021, 10:43 PM IST
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