भरतपर. विगत दिनों हुई ओलावृष्टि से भरतपुर जिले के किसान काफी आहत हैं, क्योंकि किसान की फसल ओलावृष्टि से खराब हो चुकी है. कुछ दिनों पहले फुलवारा गांव में ओलावृष्टि से फसल खराबे के बाद गुलाब सिंह नाम के एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं रविवार को जिले नगला उपटेला गांव में एक और किसान ने मौत को गले लगा लिया.
बताया जा रहा है कि सुरेश फसल खराबे से काफी आहत था और उसपर कर्ज भी था. उसके लिए फसल ही उसके लिए जीने का नाम मात्र एक सहारा थी. शनिवार को सुरेश खेत से अपने घर आया और देर रात को फांसी के फंदे से झूल गया. सुबह के समय सुरेश के बेटे ने जैसे ही अपने पिता को फांसी के फंदे से झूलता देखा तो उसने अपने परिजनों और ग्रामीणों को बताया. जिसके बाद मौके पर पुलिस ने सुरेश के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है.
सुरेश के पास करीब 1 बीघा जमीन थी, जिस पर उसने सरसों की फसल बोई थी. इसके अलावा सुरेश ने गांव के कुछ किसानों से 7 बीघा जमीन लेकर उस पर भी सरसों बोई थी, लेकिन विगत दिन हुई ओलावृष्टि ने सुरेश की खून पसीने से खड़ी की गई फसल पर पानी फेर दिया. जिसके बाद से वह काफी आहत था. इसके अलावा सुरेश पर साहूकारों का कर्ज भी था. सुरेश का एक ही लड़का है, जिसका नाम सुनील है.
गौरतलब है कि ओलावृष्टि के बाद राज्य सरकार ने प्रशासन को आदेश दिए थे कि किसान के फसल खराबे के बाद 15 दिनों के अंदर उसके खेत की गिरदावरी की जाए और उसको उसके खेत के अनुसार मुआवजा दिया जाए, लेकिन सुरेश के खेत की अभी तक गिरदावरी भी नहीं हुई थी.
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वहीं पिछले दिनों फुलवारा में हुई एक किसान की मौत पर मंत्री सुभाष गर्ग ने बताया कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अगर कोई किसान आत्महत्या कर लेता है तो राज्य सरकार उसको आर्थिक सहायता देगी, लेकिन उसके बावजूद राज्य सरकार ने किसान की मदद के लिए नया कदम उठाया. ऐसा ही ये दूसरा मामला है.