भरतपुर. नाबालिग बच्चे से सामूहिक कुकर्म मामले में फरार चल रहे आरोपी लिपिक राहुल कटारा ने गुरुवार शाम को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. वहीं मामले के अन्य फरार आरोपी लिपिक अंशुल सोने की पुलिस टीम सरगर्मी से तलाश कर रही हैं.
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि नाबालिग बालक से सामूहिक कुकर्म प्रकरण में फरार चल रहे आरोपी लिपिक राहुल कटारा ने गुरुवार को सीओ सिटी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. आरोपी की बीते कई दिनों से तलाश की जा रही थी. आरोपी से पूरे मामले में पूछताछ की जा रही है. वहीं फरार आरोपी लिपिक अंशुल सोनी की तलाश के लिए पुलिस की टीमें अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दबिश दे रही हैं.
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गौरतलब है कि जज जितेंद्र गुलिया और दो लिपिक राहुल कटारा एवं अंशुल सोनी ने 7वीं कक्षा के बालक के साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद दोनों लिपिक फरार हो गए थे. जबकि आरोपी जज जितेंद्र को न्यायालय ने 15 दिन के लिए जेल भेज दिया था. दोनों फरार आरोपियों में से राहुल कटारा ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया.
कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम
28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की.