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अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण के चलते बारिश में भरतपुर हुआ जलमग्न, अब होगी कार्रवाई

भारी बारिश के चलते भरतपुर शहर के कई इलाके पानी में जलमग्न हो गए. इस पर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने नाराजगी जाहिर की (Vishvendra Singh on waterlogging in Bharatpur) है. उन्होंने जलभराव की इस स्थिति के लिए अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही.

Cabinet Minister Vishvendra Singh on illegal colonies in Bharatpur, says to take action
अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण के चलते बारिश में भरतपुर हुआ जलमग्न, अब होगी कार्रवाई
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Published : Oct 10, 2022, 10:56 PM IST

भरतपुर. रियासत काल में भरतपुर में पानी निकासी का सिस्टम इतना सुदृढ़ था कि कितनी भी तेज बारिश और बाढ़ आने पर यहां का पूरा पानी शहर से बाहर निकल कर नदी में मिल जाता था. यही वजह है कि इस सिस्टम को चीन ने भी अपनाया था. लेकिन अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण के चलते शहर तालाब में तब्दील हो गया. इस मामले में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई की बात कही है.

सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने शहर के अतिक्रमण व अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है. विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पहले रूपारेल, गंभीरी नदी और बाणगंगा से पानी आता था, जो गिर्राज कैनाल और सीएफसीडी के रास्ते चिकसाना बांध होते हुए खारी नदी में निकल जाता था. यही वजह थी कि यहां के इरीगेशन और फ्लडिंग सिस्टम को चीन ने अपनाया था. मंत्री ने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष यदुराज सिंह ने मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के सामने भरतपुर के इरीगेशन सिस्टम को लेकर ढाई घंटे का व्याख्यान दिया था.

अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण पर क्या बोले विश्वेंद्र सिंह

पढ़ें: जलभराव की समस्या से परेशान ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर किया प्रदर्शन, फंस गए मंत्री

अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ा: मंत्री ने कहा कि भरतपुर में तेजी से अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं. नालों पर अतिक्रमण कर लिए गए हैं. अवैध कॉलोनियां काट दीं, पैसे कमा (Vishvendra Singh on illegal colonies in Bharatpur) लिए. लेकिन उन कॉलोनियों में न तो ड्रेनेज सिस्टम है न अन्य व्यवस्थाएं. लोगों ने गड्ढों में कॉलोनियां काट दीं. उसमें सरकार की क्या गलती है. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि प्राकृतिक आपदा है और इसे कोई भी सरकार नहीं रोक सकती. लेकिन अतिवृष्टि के समय से ही भरतपुर का पूरा प्रशासन समस्या समाधान में जुटा हुआ है.

पढ़ें: Heavy Rain in Rajasthan: आम जनजीवन अस्त व्यस्त, कई जगहों पर जलभराव की स्थिति

होगी कार्रवाई: राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने बताया कि अतिवृष्टि से शहर में पैदा हुई जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने के लिए 38 ट्यूबवेल पंप संचालित कर पानी की निकासी की जा रही है. पुष्प वाटिका कॉलोनी में अवरुद्ध नाले से पानी की निकासी की जा रही है. डॉ सुभाष गर्ग ने बताया कि शहर में जितनी भी अवैध कॉलोनी हैं या अतिक्रमण किए हुए हैं, उनके खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी. चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और यूआईटी को निर्देशित कर दिया गया है.

भरतपुर. रियासत काल में भरतपुर में पानी निकासी का सिस्टम इतना सुदृढ़ था कि कितनी भी तेज बारिश और बाढ़ आने पर यहां का पूरा पानी शहर से बाहर निकल कर नदी में मिल जाता था. यही वजह है कि इस सिस्टम को चीन ने भी अपनाया था. लेकिन अवैध कॉलोनियों और अतिक्रमण के चलते शहर तालाब में तब्दील हो गया. इस मामले में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्रवाई की बात कही है.

सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह और राज्य मंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने शहर के अतिक्रमण व अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है. विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि पहले रूपारेल, गंभीरी नदी और बाणगंगा से पानी आता था, जो गिर्राज कैनाल और सीएफसीडी के रास्ते चिकसाना बांध होते हुए खारी नदी में निकल जाता था. यही वजह थी कि यहां के इरीगेशन और फ्लडिंग सिस्टम को चीन ने अपनाया था. मंत्री ने बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष यदुराज सिंह ने मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के सामने भरतपुर के इरीगेशन सिस्टम को लेकर ढाई घंटे का व्याख्यान दिया था.

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अब अतिक्रमण की भेंट चढ़ा: मंत्री ने कहा कि भरतपुर में तेजी से अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं. नालों पर अतिक्रमण कर लिए गए हैं. अवैध कॉलोनियां काट दीं, पैसे कमा (Vishvendra Singh on illegal colonies in Bharatpur) लिए. लेकिन उन कॉलोनियों में न तो ड्रेनेज सिस्टम है न अन्य व्यवस्थाएं. लोगों ने गड्ढों में कॉलोनियां काट दीं. उसमें सरकार की क्या गलती है. कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि प्राकृतिक आपदा है और इसे कोई भी सरकार नहीं रोक सकती. लेकिन अतिवृष्टि के समय से ही भरतपुर का पूरा प्रशासन समस्या समाधान में जुटा हुआ है.

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होगी कार्रवाई: राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने बताया कि अतिवृष्टि से शहर में पैदा हुई जलभराव की स्थिति से निजात दिलाने के लिए 38 ट्यूबवेल पंप संचालित कर पानी की निकासी की जा रही है. पुष्प वाटिका कॉलोनी में अवरुद्ध नाले से पानी की निकासी की जा रही है. डॉ सुभाष गर्ग ने बताया कि शहर में जितनी भी अवैध कॉलोनी हैं या अतिक्रमण किए हुए हैं, उनके खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी. चाहे कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम और यूआईटी को निर्देशित कर दिया गया है.

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