भरतपुर. विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान 83 दिनों के लॉकडाउन के बाद मंगलवार को फिर से पर्यटकों के लिए खुल जाएगा. लंबे अंतराल के बाद पर्यटक फिर से उद्यान में पक्षियों की अठखेलियां देख सकेंगे. राज्य सरकार के आदेश के बाद मंगलवार से खुलने जा रहे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों को संक्रमण से बचाने के लिए घना प्रशासन ने सभी जरूरी इंतजाम कर लिए हैं. घना प्रशासन की ओर से पर्यटकों को प्रवेश से पहले सैनिटाइज किया जाएगा. साथ ही एक समय में सिर्फ 10 रिक्शों को ही प्रवेश दिया जाएगा.
घना निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि जिला प्रशासन से चर्चा के बाद मंगलवार से घना को पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है. पर्यटकों को घना में सुबह 6 से शाम को 4 बजे तक प्रवेश दिया. इसके साथ ही प्रवेश से पूर्व सभी पर्यटकों के फुल बॉडी सैनिटाइजेशन के लिए प्रवेश द्वार पर ही सैनिटाइजेशन चैंबर बनाया गया है. पर्यटक सैनिटाइजेशन के बाद टिकट विंडो से सोशल डिस्टेंसिंग पर खड़े होकर टिकट ले सकेंगे.
निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए फिलहाल घना में एक बार में सिर्फ 10 रिक्शा और पर्यटकों को ही प्रवेश दिया जाएगा. उनके लौटने पर ही पर्यटकों के अगले ग्रुप को प्रवेश दिया जाएगा. इतना ही नहीं घना से लौटने वाले पर्यटकों को भी सैनिटाइजेशन के बाद ही यहां से बाहर भेजा जाएगा.
महंगा हुआ टिकट...
निदेशक मोहित गुप्ता ने बताया कि इस बार पर्यटकों को टिकट के लिए पहले की तुलना में ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा. देशी पर्यटकों को जहां 85 के स्थान पर 95 का टिकट मिलेगा. वहीं, विद्यार्थियों को 25 की जगह 30 और विदेशी पर्यटकों को 575 की जगह 625 का टिकट मिलेगा. यह नई दरें मंगलवार से लागू हो जाएंगी.
संग्रहालय भी कल से खुलेगा...
राजकीय संग्रहालय भी मंगलवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. संग्रहालय पर्यटकों के लिए नियमित के बजाय एक दिन छोड़कर दूसरे दिन यानी (मंगलवार, गुरुवार, शनिवार और रविवार) खुलेगा. संग्रहालय खुलने का समय सुबह 9 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक रखा जाएगा. पहले सप्ताह पर्यटकों के लिए निशुल्क प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही एक बार में सिर्फ 5-6 सैलानियों को ही संग्रहालय में प्रवेश मिलेगा.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान 17 मार्च से और राजकीय संग्रहालय 18 मार्च से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में देसी-विदेशी करीब 400 प्रजातियों के हजारों पक्षी पहुंचते हैं. जिनको देखने के लिए हर वर्ष करीब डेढ़ लाख सैलानी यहां आते हैं.