भरतपुर. उदयपुर निवासी पर्यावरणविद डॉ सत्य प्रकाश मेहरा (Environmentalist Dr Satya Prakash Mehra) ने वर्ष 2012 में भरतपुर शहर से 5 किमी दूर रामनगर गांव में शाकुंतलम हाउस (shakuntlam house in bharatpur) की नींव रखी थी. उन्होंने शाकुंतलम के परिसर में करीब 250 प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए. इनमें से करीब 149 प्रजाति के पेड़ पौधे यहां लहलहा रहे हैं. इसी परिसर में इको फ्रेंडली मकान का भी निर्माण किया गया है. यह मकान आर्किटेक्ट लॉरी बेकर की होलो टेक्निक पर तैयार किया गया है.
पर्यावरणविद डॉ सत्य प्रकाश मेहरा ने बताया कि आज शाकुंतलम में 149 प्रजातियों के करीब 400 पेड़ पौधे मौजूद हैं. भरतपुर में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित शाकुंतलम परिसर पूरी तरह से पेड़ पौधों से आच्छादित है. यही वजह है कि यहां कई प्रकार के देसी और विदेशी पक्षी भी पहुंच जाते हैं. डॉ मेहरा ने बताया कि परिसर में अब तक 134 प्रजाति के पक्षी चिह्नित किए जा चुके हैं.
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वाटर हार्वेस्टिंग से जल संग्रहण
डॉ सत्य प्रकाश मेहरा ने बताया कि यहां पर पहले काफी खारा और फ्लोराइड युक्त पानी था. ऐसे में भूमिगत जल स्तर को ठीक करने के लिए परिसर के अंदर ही वाटर हार्वेस्टिंग का भी प्रावधान किया. यही वजह है कि आज शाकुंतलम परिसर के भूमिगत जल का टीडीएस लेवल सामान्य स्तर पर पहुंच गया है.
शाकुंतलम में पर्यावरण और जैव विविधता
गोबर गैस और सोलर प्लांट
परिसर में गोबर गैस प्लांट भी स्थापित किया गया है. जिससे रसोई गैस के रूप में गोबर गैस का इस्तेमाल कर घर की सभी जरूरतों को पूरा कर लिया जाता है. साथ ही घर की छत पर सोलर प्लांट भी लगाया गया है. इससे घर की बिजली की जरूरत भी सौर ऊर्जा से पूरी की जाती है. भरतपुर में यह इको फ्रेंडली घर (Eco friendly house in bharatpur) लोगों को हरियाली के लिए प्रेरित कर रहा है.
डॉ सत्य प्रकाश मेहरा का घर (Dr Satya Prakash Mehra house in bharatpur) अपनी वनस्तपित और जैव विविधता के कारण लोगों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. वे अपने घर में वन्यजीवन (wildlife at home) का आनंद उठा रहे हैं.