भरतपुर. इन दिनों कोरोना महामारी के चलते भरतपुर जिला हॉटस्पॉट बना हुआ है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगा हुआ है. इस स्थिति में मृतकों के परिवार अपने लोगों का हिन्दू धर्म के अनुसार दाह संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि श्मशान में लकड़ियों की भारी कमी है, इसलिए वे मशीन से ही अपने लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. ऐसे में बुधवार को राष्ट्रीय पक्षी की मौत के बाद अलग ही नजारा देखने को मिला.
दरअसल, सुबह एक मोर की करंट लगने से मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक शव यात्रा निकाली गई और हिन्दू धर्म के अनुसार मृत मोर का अंतिम संस्कार किया गया. मामला शहर के पक्का बाग का है, जहां पर एक नर मोर की करंट लगने से मौत हो गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना फारेस्ट विभाग को दी.
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मौके पर फारेस्ट विभाग के कर्मचारियों ने पहुंचकर मृत मोर के शव का पोस्टमार्टम करवाया और उसके बाद उसकी एक मृत व्यक्ति की तरह शव यात्रा निकाली गई. शव यात्रा में स्थानीय लोग सहित फारेस्ट विभाग के कर्मचारी, प्रशाशनिक अधिकारी भी मौजूद रहे. मृत मोर के शव का अमेरिकन गेट के पास श्मशान पर हिन्दू धर्म के अनुसार पूरे सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया.