अलवर. तेजी से समय के साथ सभी आयु वर्ग के लोगों में हार्ट की परेशानी बढ़ने लगी है, तो वहीं मौत का मुख्य कारण हार्ट होने लगा है. इसका मुख्य कारण तेजी से लाइफस्टाइल में बदलाव और हार्ड वर्क में कमी है. वर्ल्ड हार्ट डे के दिन ईटीवी भारत ने विशेषज्ञों से खास बातचीत कर यह जाना की हार्ट से जुड़ी बीमारियों से कैसे बचा जा सकता है.
लाइफ स्टाइल में बदलाव गेमचेंजर
हार्ट रोग विशेषज्ञ दीपक गुप्ता ने बताया कि तेजी से होते लाइफ स्टाइल में बदलाव हार्ट की बीमारियों का मुख्य कारण है. ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 30 मिनट घूमना चाहिए. तो वहीं जंक फूड कम काम में लेना चाहिए. जिससे सेहत बेहतर रह सके और शरीर में फैट जमा नहीं हो. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन आने वाले मरीजों में से 20 प्रतिशत मरीजों के हार्ड की शिकायत मिलती है, इसमें जागरूकता बहुत ही आवश्यक है. एक छोटी सी गलती व्यक्ति के लिए परेशानी बन सकती है.
सभी वर्ग के लोग हार्ट डिजीज से पीड़ित
तो वहीं डॉ जीएस सोलंकी ने बताया कि हार्ट डिजीज आजकलबड़ी ही कॉमन हो गई है. प्रत्येक आयु वर्ग के हार्ट की परेशानी होने लगी है. आज से 20 साल पहले 50 साल की उम्र के बाद लोगों को हार्ट की परेशानी होती थी, लेकिन आज के समय सभी आयु वर्ग के लोगों को हार्ट की शिकायत होने लगी है.
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उन्होंने कहा कि अब वो समय है जब 40 साल के बाद प्रत्येक व्यक्ति को हर बार अपनी जांच करानी चाहिए. हम पाश्चात्य सभ्यता की ओर बढ़ रहे हैं. उसके तहत हमारे खान पान रहन सहन सभी बदल रहा है. लेकिन, अभी हम उसके लिए तैयार नहीं है. लोगों का घूमना और काम करना पूरी तरह से समाप्त हो चुका है. अब व्यक्ति सभी काम आधुनिक मशीनों से करता है. ऐसे में हार्ड वर्क पूरी तरीके से समाप्त हो चुका है. इसलिए लगातार लोगों में हार्ट डिजीज की परेशानियां बढ़ रही है. लोगों को अगर बेहतर लाइफ जीनी है तो उसके लिए थोड़ी सावधानी बरतनी होगी. प्रतिदिन 30 मिनट एक्सरसाइज और व्यायाम करना होगा, जिससे गंभीर बीमारियों से बचा जा सके.