अलवर. अलवर मंडी में इस समय सरसों गेहूं और बाजरे की आवक हो रही है. बाजरा व गेहूं की पुरानी फसल मंडी में आ रही है, लेकिन एक सप्ताह में गेहूं की नई फसल की आवक भी शुरू हो जाएगी. किसानों ने गेहूं कटाई की तैयारी कर ली है. दूसरी तरफ प्रदेश के आगमन पर रविवार को अलवर के सभी मंडियां बंद रहेंगी. ऐसे में लाखों करोड़ों का कारोबार प्रभावित रहेगा.
अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. अलवर मंडी में सरसों की बंपर आवक होती है. इसके अलावा गेहूं, बाजरा, जो, चना, कपास, तिल, ढेंचा सहित अन्य फसलों की जमकर आवक होती है. इस समय मंडी में सरसों गेहूं और बाजरे की आवक हो रही है. बाजरा व गेहूं किसान पुराने घर में रखे बेचने के लिए जा रहे हैं. जबकि नई सरसों की आवक शुरू हो चुकी है.
व्यापारियों व किसानों की मानें तो एक सप्ताह में मंडी में गेहूं की आवक भी शुरू हो जाएगी. किसानों ने गेहूं की कटाई की तैयारी शुरू कर ली है, लेकिन गेहूं के इस बार किसानों को कम दाम मिलने की उम्मीद है. ऐसे में किसान खासे परेशान हैं. किसान पर व्यापारियों ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है. गेहूं की सरकारी खरीद करनी चाहिए. इसके अलावा कीमत भी निर्धारित करनी चाहिए.
व्यापारियों ने कहा कि इस समय पुराना बाजरा मंडी में बिकने के लिए आ रहा है. सीजन के समय बाजरा 1400 से 1500 रुपए के हिसाब से मंडी में बिका था, जबकि इस समय बाजरा 1200 रुपए क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. इसी तरह से 1700 के हिसाब से मंडी में बिक रहा है.
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व्यापारियों ने कहा कि किसान को फसलों के बेहतर दाम नहीं मिलते हैं. फसल बुवाई के बाद बारिश ओलावृष्टि व मौसम में आने वाले बदलाव के कारण 40 प्रतिशत फसल खराब हो जाती है. इसके अलावा बची हुई फसल में किसान को लागत का पैसा भी नहीं मिल पाता है. ऐसे में किसान कर्ज में डूबा रहता है. सरकार के तमाम दावों के बाद भी देश के किसानों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. सरकारें आती हैं व चली जाती हैं. बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन देश का किसान काफी परेशान कर्ज में डूबा हुआ है. कर्ज के चलते पानी की कमी के चलते किसानों को खेती करने में भी होती है.