अलवर. कोरोना काल में लोगों पर लगातार महंगाई की मार पड़ रही है. राशन के बाद अब सब्जियों के दाम में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. ऐसे में आम आदमी पर दोहरी मार पड़ रही है. आर्थिक तंगी से परेशान आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है. कोरोना काल में आर्थिक तंगी के चलते लोगों की नौकरियां जा रही है. हजारों और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. कोरोना की आड़ में कुछ कारोबारी कालाबाजारी भी कर रहे हैं. इसलिए राशन के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. तो वहीं, राशन के बाद अब सब्जियां भी महंगी होने लगी है. इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है.
वहीं, मंडी में सब्जी की कम आवक होने के कारण सब्जी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में आर्थिक तंगी के संकट से जूझ रहे आम आदमी पर दोहरी मार पड़ रही है. सब्जियों के भाव पर नजर डालें तो, टमाटर 50 रुपए किलो, गोभी 50 रुपए किलो, पत्ता गोभी 50 रुपए किलो, तोरई 40 रुपए किलो, बैंगन 40 रुपए किलो, घिया 30 रुपए किलो, अरबी 40 रुपए किलो, करेले 40 रुपए किलो, कचरी 40 रुपए किलो, खीरे देसी 30 रुपए किलो, हरे खीरे 40 रुपए किलो, भिंडी 40 रुपए किलो, परमल 40 रुपए किलो, छोटे बैंगन 40 रुपए किलो, चुकंदर 60 रुपए किलो, नींबू 60 रुपए किलो, हरी मिर्च 80 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है.
इसी तरह से आलू 40 रुपए किलो, पहाड़ी आलू 50 रुपए किलो, प्याज 40 रुपए किलो के हिसाब से मंडी में बिक रहा है. ऐसे में साफ है कि अलवर मंडी में कोई भी सब्जी 40 रुपए किलो से कम के भाव में नहीं है. ऐसे में आम आदमी का बजट पूरी तरह से बिगड़ चुका है. जो सब्जी 10 से 12 रुपए किलो आम तौर पर रहती है. उस सब्जी के 4 गुने महंगे दाम लोगों को देने पड़ रहे हैं.
कोरोना काल में लोग पहले ही परेशान है. ऐसे में सब्जी भी आसमान छू रही हैं. इतना ही नहीं दुकानदारों की मानें तो आने वाले समय में सब्जी के दाम और बढ़ सकते हैं. दरसअल, अलवर की मंडी में सब्जी के कम आवक हो रही है. इसलिए लगातार सब्जी के दाम बढ़ रहे हैं. किसान प्याज की बुवाई में लगा हुआ है. इसलिए सब्जी की आवक कम है.
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वहीं, लॉकडाउन के दौरान किसानों को सब्जियां सड़क पर फेंक नहीं पड़ी थी. डिमांड कम होने और खपत नहीं होने के कारण किसान परेशान था. अब लोगों की आवाजाही बढ़ी है. काम धंधे शुरू हुए हैं तो अब मंडी में कम सब्जी बिकने के लिए आ रही है. ऐसे में आम आदमी पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता हुआ नजर आ रहा है.