अलवर. देश में शिक्षा के माफिया लगातार जनता को लूटने में लगे हैं. प्राइवेट स्कूल संचालक अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं. सरकारों के तमाम प्रयास के बाद भी ये खेल जारी है. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में सभी स्कूलों को सरकार ने बंद कर दिया है.
ऐसे में स्कूल संचालकों से फीस नहीं लेने के भी आदेश दिए हैं. जबकि स्कूल संचालक लगातार अभिभावकों से फीस की डिमांड कर रहे हैं. इन सबके बीच स्कूल संचालकों ने ऑनलाइन क्लास का का नया तरीका निकाला. इस वक्त ये प्रक्रिया पूरे देश में चल रही है. प्राइवेट ही नहीं बल्कि सरकारी स्कूलों में भी ऑनलाइन क्लास के जरिए बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
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लेकिन बच्चों के लिए हो रही ऑनलाइन क्लास का फायदा होने की जगह नुकसान होता नजर आ रहा है. बच्चों को इस ऑनलाइन होने वाली क्लास में ना तो कुछ समझ आता है ना ही इन क्लास से उन्हें कोई फायदा पहुंच रहा है. बल्कि बच्चों के आखों में जलन और दर्द जैसे शिकायत सामने आ रही है.
ईटीवी भारत ने जब बच्चों से इस बारे में बात की, तो उन्होंने बताया कि मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन लगातार देखते रहने से उन्हें परेशानी होती है. उनके सिर में दर्द और आंखों में जलन जैसी समस्या आ रही है. यही नहीं बच्चों को नेटवर्क सही नहीं रहने पर भी दिक्कत होती है. नेटवर्क खराब होने के चलते बार-बार आवाज और वीडियो कट होते रहते हैं.
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इस तरह ऑनलाइन क्लास में बच्चों को ना तो कुछ समझ आता है, ना ही वो सही से पढ़ाई कर पाते हैं. उल्टा क्लास के चलते बच्चों के माता-पिता को कई घंटों तक मोबाइल पर उनके साथ बैठना पड़ता है. कुछ घर में मोबाइल की कमी होने के कारण भी बच्चों को परेशानी हो रही है.
वहीं, अब बच्चे स्कूल संचालकों से ऑनलाइन क्लास को बंद करने मांग कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जहां एक तरफ सरकार स्कूलों से फीस नहीं लेने की बात कह रही है. वहीं, दूसरी तरफ देश भर में फीस के लिए बच्चों और उनके परिजनों से स्कूल संचालक डिमांड कर रहे हैं.