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अलवर : प्रवासी श्रमिकों के लिए खुशखबरी, बिहार और UP के लिए चलेेगी ट्रेन

अलवर में रहने वाले श्रमिकों के लिए राहत भरी खबर है. प्रदेश सरकार अब प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के लिए ट्रेनों का संचालन कर रही है. अलवर से बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए ट्रेन चलाई जाएंगी. इस ट्रेन से वही लोग जा सकेंगे जिनका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुआ होगा.

Train will run for migrant workers, Train running from Alwar to Bihar
प्रवासी श्रमिकों के लिए अलवर से चलेगी ट्रेन
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Published : May 14, 2020, 7:42 AM IST

अलवर. जिले की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए खुशखबरी है. अलवर प्रशासन की तरफ से प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने का सिलसिला लगातार जारी है. अब प्रशासन की तरफ से ट्रेन के माध्यम से उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों को घर पहुंचाया जाएगा. उसके लिए जल्द ही ट्रेन चलाई जाएगी.

प्रवासी श्रमिकों के लिए अलवर से चलेगी ट्रेन

अलवर के 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों में लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. कुछ श्रमिक लॉकडाउन के शुरुआत और लॉकडाउन के दौरान अपने निजी वाहनों से अपने राज्य पहुंचे हैं, जबकि कुछ अब भी अलवर में रह रहे हैं. हालांकि अलवर की औद्योगिक इकाइयां शुरू हो चुकी हैं.

पढ़ें- स्पेशल: लॉकडाउन के चलते सैलून इंडस्ट्री की टूटी कमर, सामने हैं कई चुनौतियां

लेकिन उसके बाद भी लोग लगातार घर की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की तरफ से सभी लोगों को घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अलवर से मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल के विभिन्न शहरों के लिए बसें रवाना की गई. जिनमें प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजा गया. प्रशासन की तरफ से अब ट्रेन के माध्यम से श्रमिकों को उनके घर भेजा जाएगा. जल्द ही अलवर से 7 से 8 ट्रेनें बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए चलेंगी.

जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जिन श्रमिकों ने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. रजिस्ट्रेशन के आधार पर श्रमिकों के राज्यों से अनुमति ली गई है. उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य की सरकारों ने निर्धारित शहरों के लिए ट्रेन चलाने की अनुमति दी है. इसलिए जल्द ही उत्तर प्रदेश और बिहार के निर्धारित शहरों के लिए 7 से 8 ट्रेनों को चलाया जाएगा.

पढ़ें- वित्त मंत्री के एलान को पूनिया ने बताया क्रांतिकारी कदम, कहा- MSME सेक्टर को दिया बड़ा आकार

इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिक ही सफर कर सकेंगे. जिला कलेक्टर ने कहा कि वैसे तो अलवर की सभी औद्योगिक इकाइयां शुरू हो चुकी हैं. लेकिन उसके बाद भी अगर कोई श्रमिक अपने घर लौटना चाहता है, तो प्रशासन की तरफ से उसको घर पहुंचाने का काम किया जाएगा.

राजस्थान सरकार के सख्त निर्देश हैं कि प्रदेश में कोई भी श्रमिक पैदल नहीं चलेगा और कोई भी श्रमिक भूखा नहीं रहेगा. इसी दिशा में प्रदेश सरकार के निर्देश पर श्रमिकों को घर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 3.0 के बाद लोग 4.0 शुरू होगा उसमें सभी को ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाएंगी.

अलवर. जिले की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए खुशखबरी है. अलवर प्रशासन की तरफ से प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने का सिलसिला लगातार जारी है. अब प्रशासन की तरफ से ट्रेन के माध्यम से उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों को घर पहुंचाया जाएगा. उसके लिए जल्द ही ट्रेन चलाई जाएगी.

प्रवासी श्रमिकों के लिए अलवर से चलेगी ट्रेन

अलवर के 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों में लाखों प्रवासी श्रमिक काम करते हैं. कुछ श्रमिक लॉकडाउन के शुरुआत और लॉकडाउन के दौरान अपने निजी वाहनों से अपने राज्य पहुंचे हैं, जबकि कुछ अब भी अलवर में रह रहे हैं. हालांकि अलवर की औद्योगिक इकाइयां शुरू हो चुकी हैं.

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लेकिन उसके बाद भी लोग लगातार घर की तरफ पलायन कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन की तरफ से सभी लोगों को घर पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अलवर से मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल के विभिन्न शहरों के लिए बसें रवाना की गई. जिनमें प्रवासी श्रमिकों को उनके घर भेजा गया. प्रशासन की तरफ से अब ट्रेन के माध्यम से श्रमिकों को उनके घर भेजा जाएगा. जल्द ही अलवर से 7 से 8 ट्रेनें बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के लिए चलेंगी.

जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जिन श्रमिकों ने ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया है. रजिस्ट्रेशन के आधार पर श्रमिकों के राज्यों से अनुमति ली गई है. उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य की सरकारों ने निर्धारित शहरों के लिए ट्रेन चलाने की अनुमति दी है. इसलिए जल्द ही उत्तर प्रदेश और बिहार के निर्धारित शहरों के लिए 7 से 8 ट्रेनों को चलाया जाएगा.

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इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले श्रमिक ही सफर कर सकेंगे. जिला कलेक्टर ने कहा कि वैसे तो अलवर की सभी औद्योगिक इकाइयां शुरू हो चुकी हैं. लेकिन उसके बाद भी अगर कोई श्रमिक अपने घर लौटना चाहता है, तो प्रशासन की तरफ से उसको घर पहुंचाने का काम किया जाएगा.

राजस्थान सरकार के सख्त निर्देश हैं कि प्रदेश में कोई भी श्रमिक पैदल नहीं चलेगा और कोई भी श्रमिक भूखा नहीं रहेगा. इसी दिशा में प्रदेश सरकार के निर्देश पर श्रमिकों को घर पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 3.0 के बाद लोग 4.0 शुरू होगा उसमें सभी को ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाएंगी.

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