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अलवर विमंदित बालिका प्रकरण: घटना के विरोध में अलवर बंद, लोग खुद कर रहे हैं समर्थन

अलवर में बालिका के साथ हुई घटना के विरोध में शनिवार को अलवर बंद का आह्वान किया गया है. सुबह से ही अलवर के सभी बाजार पूरी तरह से बंद नजर आए. लोग खुद आगे आकर अपना समर्थन दे रहे हैं. शहरी क्षेत्र के अलावा जिले की सभी विधानसभा में भी बंद का पूरा असर देखने को मिल रहा है.

Alwar Rape Case
बालिका के साथ हुई घटना के विरोध में अलवर बंद
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Published : Jan 22, 2022, 2:20 PM IST

Updated : Jan 22, 2022, 2:54 PM IST

अलवर. बालिका को न्याय दिलवाने के लिए अलवर में एक संघर्ष समिति बनाई गई है. संघर्ष समिति ने शनिवार को घटना के विरोध में बंद (Protest In Alwar) का आह्वान किया. व्यापारी, सामाजिक संस्था, युवा सभी संघर्ष समिति में शामिल है. संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि सरकार के इशारे पर पुलिस और प्रशासन पूरे मामले को हादसे का रूप देने में लगा है, जबकि बालिका के साथ गलत हुआ है.

शुरुआत में पुलिस ने दुष्कर्म की बात कही थी, लेकिन बाद में पुलिस खुद इस मामले को नया रूप दे रही है. लोगों ने कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा उनका संघर्ष जारी रहेगा. पुलिस ने सीबीआई के आने से पहले ही अलवर में सभी साक्ष्य मिटाए दिए. यह साजिश के तहत किया गया है. संघर्ष समिति की तरफ से शनिवार को जो अलवर बंद का आह्वान (Bandh Of Sangharsh Samiti In Alwar) किया उसका व्यापक असर देखने को मिला है.

अलवर बंद का दिखा असर

पढ़ें: Kirodi Lal Meena On Alwar Rape Case: मीणा बोले- मामला दबाने में जुटी सरकार

जिले भर में सुबह से ही सभी प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद नजर आए. लोग खुद आगे आकर बंद का समर्थन कर रहे हैं. इस बंद से साफ है कि अलवर की जनता में घटना को लेकर खासा रोष है. इस मामले में लगातार पीड़िता के नए वीडियो सामने आ रहे हैं. संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि पुलिस इस पूरे मामले को हिट एंड रन से जोड़ने में लगी है. पुलिस ने बढ़ते दबाव के चलते अभी तक इस मामले का खुलासा भी नहीं किया है. जबकि पुलिस ने इस मामले में सभी लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस की तरफ से सीन रीक्रिएशन की प्रक्रिया भी कर ली गई है. पुलिस खुद की कहानी को सही साबित करने में लगी हुई है.

अलवर. बालिका को न्याय दिलवाने के लिए अलवर में एक संघर्ष समिति बनाई गई है. संघर्ष समिति ने शनिवार को घटना के विरोध में बंद (Protest In Alwar) का आह्वान किया. व्यापारी, सामाजिक संस्था, युवा सभी संघर्ष समिति में शामिल है. संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का आरोप है कि सरकार के इशारे पर पुलिस और प्रशासन पूरे मामले को हादसे का रूप देने में लगा है, जबकि बालिका के साथ गलत हुआ है.

शुरुआत में पुलिस ने दुष्कर्म की बात कही थी, लेकिन बाद में पुलिस खुद इस मामले को नया रूप दे रही है. लोगों ने कहा कि जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिलेगा उनका संघर्ष जारी रहेगा. पुलिस ने सीबीआई के आने से पहले ही अलवर में सभी साक्ष्य मिटाए दिए. यह साजिश के तहत किया गया है. संघर्ष समिति की तरफ से शनिवार को जो अलवर बंद का आह्वान (Bandh Of Sangharsh Samiti In Alwar) किया उसका व्यापक असर देखने को मिला है.

अलवर बंद का दिखा असर

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जिले भर में सुबह से ही सभी प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद नजर आए. लोग खुद आगे आकर बंद का समर्थन कर रहे हैं. इस बंद से साफ है कि अलवर की जनता में घटना को लेकर खासा रोष है. इस मामले में लगातार पीड़िता के नए वीडियो सामने आ रहे हैं. संघर्ष समिति के लोगों का कहना है कि पुलिस इस पूरे मामले को हिट एंड रन से जोड़ने में लगी है. पुलिस ने बढ़ते दबाव के चलते अभी तक इस मामले का खुलासा भी नहीं किया है. जबकि पुलिस ने इस मामले में सभी लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस की तरफ से सीन रीक्रिएशन की प्रक्रिया भी कर ली गई है. पुलिस खुद की कहानी को सही साबित करने में लगी हुई है.

Last Updated : Jan 22, 2022, 2:54 PM IST
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