अलवर. राजस्थान-हरियाणा की सीमा पर बैठे किसानों की ट्रैक्टर प्रवेश रात 10 बजे समाप्त हो चुकी है. सभी ट्रैक्टर और गाड़ियां वापस शाहजहांपुर बॉर्डर पर लौट चुकी है. हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों को 10 घंटे का समय दिया गया था. सुबह 10 बजे किसानों ने हरियाणा में प्रवेश किया और रात 10 बजे तक सभी वाहन वापस शाहजहांपुर तक पहुंच गए. राजस्थान के किसानों की ट्रैक्टर परेड पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही.
बता दें कि 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली. इस दौरान दिल्ली में जमकर हंगामा हुआ. किसान लाल किले और आईटीओ तक पहुंचे. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, किसानों पर डंडे बरसाए और पानी की बौछार छोड़ी गई, लेकिन इसके बाद भी किसानों के हौसले पस्त होते नजर नहीं आए.
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अलवर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर बैठे हजारों की संख्या में किसानों को सुबह 10 बजे हरियाणा पुलिस ने हरियाणा में प्रवेश दिया. उसके बाद शाम करीब 5:30 बजे तक किसान मानेसर पहुंचे. सरकार की अनुमति के अनुसार किसान तिरंगे को सलामी देते हुए वापस शाहजहांपुर पहुंचे. 8 बजे से किसानों के आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात 10 बजे तक चलता रहा.
हरियाणा सीमा पर बैठे किसानों की ट्रैक्टर परेड शांतिपूर्ण संपन्न हुई. रास्ते में हरियाणा पुलिस की तरफ से कई जगहों पर बस कैंटर को बीच रास्ते में रोककर खड़ा किया गया था, इस दौरान कई ट्रैक्टर बस से टकराई लेकिन कोई विवाद नहीं हुआ.
किसान नेताओं ने कहा कि लगातार बातचीत का दौर जारी है. अलवर से दिल्ली जाते समय किसान 8 घंटे में मानेसर पहुंचे, जबकि मानेसर से शाहजहांपुर आने में 3 घंटे का समय लगा. इस दौरान किसानों को भारी जाम से गुजरना पड़ा तो कई जगह पर आने-जाने में खासी दिक्कत हुई. किसान नेताओं ने कहा कि पूरे रास्ते में लोगों का जोश देखने को मिला. लोगों ने जगह-जगह पर किसान की ट्रैक्टर का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड इतिहास में दर्ज होगी.