अलवर. जिले में सिंहद्वार में हजारों पर्यटक प्रतिदिन घूमने के लिए आते हैं. आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए दो जगहों पर पर सुविधा क्षेत्र विकसित किए जाएंगे. सुविधा क्षेत्र विकसित करने के लिए जगह भी चिन्हित हो चुकी है. जल्द ही इस पर काम शुरू होने की उम्मीद है.
अलवर जिले में 108 पर्यटन स्थल हैं. इनमें से 28 स्थल खास हैं. अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व, सिटी पैलेस, सिलीसेढ़ झील, सिटी म्यूजियम, बाला किला फोर्ट सहित अन्य पर्यटन स्थल हैं. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. सरिस्का में आने वाले पर्यटकों को शौचालय, पीने के पानी और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं मिल पाती है. ऐसे में भिवाड़ी और सरिस्का में दो जगहों पर करोड़ों रुपए की लागत से पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी. सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि सरिस्का में पर्यटकों के बैठने के लिए कुर्सी, शौचालय, पीने के पानी की व्यवस्था, कैंटीन, छायादार पेड़, टीन शेड बनाए जाएंगे. यहां आने वाले पर्यटकों को एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई जाएगी, जिसमें पर्यटकों को पर्यटन स्थल और अलवर के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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इसी तरह से भिवाड़ी में भी एक पर्यटन सेंटर बनाया जाएगा. अलवर राजस्थान का सिंहद्वार (Singhdwar of Rajasthan) है. ऐसे में सिंहद्वार में प्रवेश के समय ही पर्यटकों को पूरी जानकारी आसानी से मिल सकेगी. पर्यटन विभाग और वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. इसका सीधा फायदा आम लोगों को मिलेगा. हजारों देशी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए अलवर आते हैं.
सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने कहा के जिले में दो जगह चिन्हित हुई हैं. दोनों ही जगहों पर जल्द ही काम शुरू हो सकता है. अलवर में वैसे तो 108 पर्यटन स्थल हैं. लेकिन उनमें से 28 पर्यटन स्थल खास हैं. इसमें सरिस्का टाइगर रिजर्व, बाला किला, सिलीसेढ़ झील, जयसमंद बांध, नीलकंठ महादेव मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, सिटी पैलेस, म्यूजियम कंपनी बाग, तिजारा जैन मंदिर सहित अन्य स्थल (Tourist area will be made on tourist spots in Alwar) हैं.
अभी पर्यटक होते हैं परेशान: सरिस्का में आने वाले पर्यटक अभी परेशान होते हैं. पर्यटकों के बैठने के लिए कुर्सी, पीने के लिए आरओ का पानी, शौचालय और बैठने के लिए छायादार जगह की व्यवस्था नहीं है. गर्मी में पर्यटक परेशान होते हैं.