अलवर. वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. रणथंभौर से बाघ 113 को सरिस्का लाया जा रहा है. देर रात तक बाघ के सरिस्का पहुंचने की संभावना है. बाघ के लिए सरिस्का के पानीढाल क्षेत्र में (Tiger being brought from Ranthambore to Sariska) नया एंक्लोजर बनाया गया है. दो से तीन दिनों तक बाघ को एंक्लोजर में रखा जाएगा. उसके बाद एंक्लोजर से बाहर निकाल दिया जाएगा. यह युवा बाघ है और रणथंभौर में यह एक बार पिता बन चुका है.
सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा (young Tiger brought in Sariska) बढ़ेगा. रणथंभौर से एक युवा बाघ सरिस्का में शिफ्ट किया जा रहा है. रणथंभौर के तालड़ा रेंज से बाघ को ट्रेंकुलाइज किया गया है. शनिवार को भी वन विभाग के अधिकारियों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया, लेकिन वह झाड़ियों में चला गया था. रविवार को सुबह से रणथंभौर में सरिस्का की टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में लगी रही. इसी बीच बाघ दिखने पर उसे ट्रेंकुलाइज करने में सफलता मिली है.
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रणथंभौर की बाघिन-19 (कृष्णा) के बेटे बाघ 113 को ट्रेंकुलाइज किया गया है. यह 5 साल का युवा बाघ है. यह एक बार पिता भी बन चुका है. ट्रेंकुलाइज करने के बाद जीपीएस का पट्टा बाघ के गले में लगाया गया है.
सरिस्का के सीसीएफ आरएन मीणा रणथंभौर से बाघ को लेकर सरिस्का आएंगे. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघ के लिए सरिस्का के पानीढाल क्षेत्र में नया एंक्लोजर बनाया गया है. पुराना एंक्लोजर कर्णाका बास गांव में था. दो से तीन दिनों तक बाघ को इस एंक्लोजर में रखा (young Tiger will be placed in enclosure) जाएगा. उसके बाद एंक्लोजर से बाहर छोड़ दिया जाएगा. बाघ को सरिस्का क्षेत्र के माहौल में सेट होने के लिए दो माह का समय लगेगा. इस बीच लगातार बाघ की मॉनिटरिंग सरिस्का टीम करेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि जंगल में बाघों का कुनबा बढ़े, इसके लिए ही युवा बाघ को सरिस्का लाया गया है. सरिस्का में युवा बाघों की संख्या कम हुई है. बाघों की तुलना में बाघिन की संख्या ज्यादा है. ऐसे में युवा बाघ कुनबा बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता हैॉ.