अलवर. कोरोना के चलते अलवर में पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया बंद हो गई थी, लेकिन एक बार फिर से अलवर में पासपोर्ट बनने का काम शुरू हुआ है. ऐसे में लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों को जयपुर जाना पड़ रहा था. कोरोना के चलते ट्रेन और बस सेवा अभी पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही थी. अलवर से बड़ी संख्या में युवा व लोग नोकरी और पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं. ऐसे में पासपोर्ट बनवाने के लिए लोगों को जयपुर के चक्कर लगाने पड़ते थे. इसमें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता था.
पासपोर्ट के लिए कई बार जयपुर जाना आना पड़ता था. एक बार में प्रकिया पूरी नहीं होती थी. लंबे समय से अलवर में पासपोर्ट की व्यवस्था शुरू करने की मांग उठ रही थी. ऐसे में सरकार ने अलवर सहित राजस्थान के कई शहरों में तीन साल पहले पासपोर्ट की प्रक्रिया शुरू की थी. प्रतिदिन 30 से 40 लोगों के पासपोर्ट अलवर में बन रहे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह में पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया रोक दी गई थी. उसके बाद जुलाई अगस्त माह में पासवर्ड बनने का काम शुरू हुआ, लेकिन डाकघर में पासपोर्ट कार्यालय में कर्मचारियों के पॉजिटिव आने के बाद एक बार फिर से पासपोर्ट बनने का काम बंद कर दिया गया, लेकिन बीते दिनों फिर से पासपोर्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, इससे अलवर के लोगों को राहत मिली है.
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अलवर में पासपोर्ट बनाने का काम मुख्य डाकघर में होता है. ऐसे में डाकघर के अधिकारी ने बताया कि इस समय प्रतिदिन 20 पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं. सभी लोगों को ऑनलाइन पासपोर्ट के लिए तारीख और समय मिलता है. उस समय के अनुसार आवेदक पासपोर्ट कार्यालय में पहुंचता है और उसकी आगे की प्रक्रिया की जाती है. अभी पासपोर्ट अधिकारी अलवर नहीं आ रहे हैं. दस्तावेजों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कैन करके जयपुर भेजा जाता है. ऑनलाइन व उनको अप्रूवल देते हैं, लेकिन जल्द ही पासपोर्ट अधिकारी अलवर कार्यालय में आएंगे, जिसके बाद पासपोर्ट की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है क्योंकि पहले भी ज्यादा पासपोर्ट बन रहे थे. ऐसे में आने वाले समय में लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.