अलवर. जिले के राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने के दौरान 200 साल पुराने तीन मंदिरों को 17 अप्रैल को गिराया (temple demolished case rajgarh) गया था. इस दौरान मूर्तियों को खंडित किया गया. इस घटना का पूरे देश में विरोध हो रहा है. वहीं, राजस्थान में जमकर राजनीति हो रही है. घटना के 8 दिन बाद जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक राजगढ़ पहुंचे. इस दौरान उनको जनता का आक्रोश झेलना पड़ा. लोगों ने विरोध करते हुए नारे लगाए.
घटना के 8 दिन बाद सोमवार को जिलाधिकारी शिव प्रसाद नकाते और पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम धटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने लोगों से बातचीत की व घटना स्थल का जायजा लिया. इस दौरान एसपी व कलेक्टर को लोगों का विरोध झेलना पड़ा. इस दौरान विरोध करने वाले 3 युवकों को हिरासत में लिया. हालांकि, बाद में पुलिस ने तीनों को छोड़ दिया. अलवर के राजगढ़ का मुद्दा पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले पर जमकर राजनीति हो रही है.
भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस के नेता भाजपा व उनके नेताओं पर सांप्रदायिक सौहार्द (Alwar Temple Demolition) बिगाड़ने का आरोप लगा रहे हैं. भाजपा के नेता राजगढ़ पहुंच रहे हैं. विरोध-प्रदर्शन करने वाले कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. भाजपा इस मुद्दे को बनाने में लगी हुई है. लगातार भाजपा के नेताओं का आने का सिलसिला अलवर में जारी है.