अलवर. कोरोना में लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं. तो वहीं, कोरोना के चलते लोगों की नौकरी पर संकट मंडराने लगा है. बड़ी संख्या में कंपनियां लोगों को नौकरी से निकाल रही है. नए युवाओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान डिप्रेशन की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है और आत्महत्या के मामले भी बढ़ने लगे हैं.
अलवर में 7 माह से वेतन नहीं मिलने से परेशान अलवर के हैप्पी पब्लिक स्कूल का स्टाफ रविवार को धरने पर बैठ गया. स्कूल के स्टाफ ने कहा कि फरवरी माह से उनको वेतन नहीं मिला है. ऐसे में उन्हें जीवन यापन करने में कई तरह की दिक्कतें आ रही है. स्कूल स्टाफ ने स्कूल प्रबंधन से बातचीत करने का प्रयास किया. लेकिन अभी स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई भी जवाब नहीं दिया गया है.
धरने पर बैठे स्टाफ ने कहा कि 70 से अधिक स्टाफ को फरवरी माह से वेतन नहीं मिला है. इसमें 15 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और अन्य शिक्षक शामिल है. शिक्षकों का कहना है कि जब तक उनको वेतन नहीं मिलेगा वो धरने पर बैठे रहेंगे. क्योंकि बिना वेतन के जीवन यापन करने में खासी दिक्कत आ रही है.
कुछ लोगों ने कहा कि वो किराए के मकान में रहते हैं. अब उनके पास किराया देने तक के पैसे नहीं बचे हैं. इस संबंध में पहले भी कई बार स्कूल प्रबंधन से बात की गई. तो उनका कहना था कि उनका पैसा शिक्षा विभाग में अटका हुआ है. जब वो पैसा मिलेगा उसके बाद वेतन दिया जाएगा. ऐसे में स्कूल में काम करने वाले शिक्षक व अन्य स्टाफ को खासी परेशानी हो रही है.
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धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि बच्चों से लगातार स्कूल प्रबंधन की ओर से फीस ली जा रही है. लेकिन उनको वेतन देने के लिए संस्था के पास पैसे नहीं है. ऐसे में साफ है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से गड़बड़ी की जा रही है. शिक्षकों ने कहा कि जब तक उनको वेतन नहीं मिलेगा वह धरने पर बैठे रहेंगे.