अलवर. सरिस्का बाघ अभयारण्य में शनिवार को st14 का शावक नाल्देश्वर के पास भटककर अलवर जयपुर मार्ग पर पहुंच गया. इसकी जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मचारी और अधिकारी मौके पर पहुंचे. घंटों की मॉनिटरिंग के बाद वापस बाघ को जंगल भेजा गया. अलवर-जयपुर सड़क मार्ग पर नंदेश्वर के पास जंगल में बाघ को देखकर वाहन चालकों और राहगीरों की भीड़ इकट्ठा हो गई. आशंका जताई जा रही है कि ज्यादा गर्मी होने के कारण शावक नाल्देश्वर के पास भटक कर आ गया होगा. यहां झरने में पानी पीने के लिए अधिकतर बाघ पहुंचते हैं, लेकिन शावक रोड पर पहुंच गया. जिसे देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई.
बाघ को सड़क पर घूमता देख इकट्ठा हो गए लोग: बाघ st14 नया और युवा बाघ है. इसलिए जंगल (Tiger Cub spotted on Alwar Jaipur road) में इसकी मूवमेंट भी ज्यादा रहती है. कुछ समय पहले भी एक बाघ नंदेश्वर के पास जंगल में पहुंच गया था. इसकी जानकारी मिलते ही सरिस्का के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाघ की मॉनिटरिंग की. बाघ को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए. करीब एक घंटे तक शावक रोड पर ही घूमता रहा.
वन विभाग के फूले हाथ पांव: सरिस्का से बाघ के लापता होने की खबर पिछले 2 महीनों से सुर्खियों में है. एसटी13 का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. गंभीरता का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि बीते हफ्ते ही सरकार ने इसकी खोज खबर के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित (Committee constituted in Tiger ST13 missing case) की है. जो तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेगी. यह टीम सरिस्का पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल करेगी. कमेटी लापता बाघ के मामले के तथ्यों की रिपोर्ट तैयार कर एक माह में राज्य सरकार को सौंपेगी. राज्य सरकार की ओर से गठित कमेटी में राज्य के पर्यावरण सचिव पीके उपाध्याय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन सुरक्षा उदयशंकर तथा सीसीएफ वाइल्ड लाइफ पी काथिरवैल को शामिल किया गया है.
ST13 के गायब होने से सुनसान सरिस्का: सरिस्का से बाघ ST13 दो माह से गायब है. सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ाने में ST13 का अहम रोल रहा है. यह सबसे युवा व फुर्तीला बाघ है. सबसे ज्यादा साइटिंग इस बाघ की होती थी, लेकिन अब इसके शिकार की आशंका जताई जा रही है. वन विभाग व पुलिस प्रशासन की टीमों ने बाघ की तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद कमेटी बनाई गई. कमेटी सरिस्का में बाघ एसटी-13 के लापता होने के मामले के तथ्यों की जानकारी तैयार कर रिपोर्ट तैयार कर एक माह में राज्य सरकार को सौंपेगी. उस रिपोर्ट के बाद आगे बाघ की सुरक्षा व सरिस्का को लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं.