अलवर. सरिस्का से एक परेशान करने वाली खबर आई है. पिछले 6 दिनों से दो बाघों का कुछ पता नहीं चल रहा है. दोनों बाघों के रेडियो कॉलर भी नहीं लगा है. इसलिए वनकर्मी बाघों की मॉनिटरिंग करते थे. लेकिन 6 दिनों से उनके पगमार्क नहीं मिले हैं. ऐसे में सरिस्का प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है. 886 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैले सरिस्का में इस समय 20 बाघ हैं. इनमें से 10 बाघ, 6 बाघिन और 4 शावक हैं.
बाघों की मोनिटरिंग में वन विभाग की टीम लगी हुई है. यह टीम 24 घंटे लगातार बाघों की मोनिटरिंग करती है. कैमरा ट्रैपिंग और पगमार्क के माध्यम से लगातार बाघों की मॉनिटरिंग होती है. इसी बीच सरिस्का अभ्यारण से दो बाघों के पग मार्क नहीं मिल रहे हैं. इनकी तलाश के लिए वन विभाग की 6 टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार तलाश करने में जुटी हुई हैं. जंगल में सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई गई है.
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बाघ ST 20 और ST 21 की अंतिम लोकेशन ताल वृक्ष रेंज में मिली थी. बाघों के लापता होने के मामलो को आला अधिकारी भी मोनिटर कर रहे हैं. जिस इलाके में दोनों बाघ रहते थे. वहां बाघ ST 13 भी आता जाता है. बारिश का सीजन होने के कारण सब जगह पानी भर गया है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि दोनों बाघ पहाड़ी इलाके में चले गए हैं.
सरिस्का में बाघों के पुनर्वास के बाद शिकार की कई घटनाएं सामने आई हैं. रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किए गए बाघ ST 1 की जहर देकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद बाघ ST 11 को फंदा लगाकर उसका शिकार किया गया. बाघिन ST 5 भी शिकारियों से नहीं बच सकी. बीते साल सरिस्का में 4 बाघों की मौत ने प्रशासन के व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा दिए थे.