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अलवरः अस्पताल में लगी आग में झुलसी बच्ची की मौत के मामले में अस्पताल प्रभारी सहित सात निलंबित

अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में मगंलवार की सुबह लगी आग के बाद वार्ड में रेडिएंट वार्मर पर लेटी एक मासूम झुलस गई थी. बच्ची को जयपुर रैफर किया गया था, लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर अस्पताल प्रभारी सहित 7 लोगों को निलंबित कर दिया गया है.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, JK Lone Hospital, गीतानंद शिशु अस्पताल
अस्पताल प्रशासन ने किया 6 लोगों को बर्खास्त
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Published : Jan 1, 2020, 9:50 PM IST

Updated : Jan 1, 2020, 11:27 PM IST

अलवर. जिले के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में मंगलवार सुबह लगी अचानक भीषण आग के दौरान रेडिएंट वार्मर पर लेटी एक मासूम झुलस गई थी. उसका जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई. इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. तो वही मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने गीतानंद अस्पताल के प्रभारी सहित 7 लोगों को निलंबित कर दिया है.

इस मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के जयपुर जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर अलवर पहुंचे. मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने स्वास्थ्य विभाग को भेजी है.

अस्पताल प्रशासन ने किया 6 लोगों को बर्खास्त

वहीं, बुधवार को बच्ची की मौत होने के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने गीतानंद शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा, घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉ कृपाल सिंह, एफबीएनसी प्रभारी शारदा शर्मा, एफबीएनसी में तैनात नर्सिंग स्टाफ भारती मीणा, स्नेह लता ,वार्ड बॉय तारा और अस्पताल में संविदा पर काम करने वाले विद्युत कर्मी रघुनंदन शर्मा को निलंबित कर दिया है. विभाग के उच्चाधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.

अलवर के एफबीएनसी वार्ड में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. बुधवार को बच्ची की मौत के बाद मामला गरमा गया. कोटा की घटना के बाद अब अलवर की घटना सामने आने के बाद प्रदेश सरकार किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरतना चाहती है. यही वजह है कि घटना के तुरंत बाद चिकित्सा मंत्री ने मामले में प्राथमिक रूप से 7 लोगों को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही वे लगातार इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे. तो वहीं अलवर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दे रहे थे.

पढ़ें- बहरोड़ पुलिस ने युवाओं को दिलाई शराब छोड़ने की शपथ, दूध पिलाकर नववर्ष की दी बधाई

स्वास्थ्य निदेशक डॉ केके शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, बच्ची के परिजन इस मामले में 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं.

अलवर. जिले के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में मंगलवार सुबह लगी अचानक भीषण आग के दौरान रेडिएंट वार्मर पर लेटी एक मासूम झुलस गई थी. उसका जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज चल रहा था. जहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई. इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. तो वही मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने गीतानंद अस्पताल के प्रभारी सहित 7 लोगों को निलंबित कर दिया है.

इस मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के जयपुर जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर अलवर पहुंचे. मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट अलवर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने स्वास्थ्य विभाग को भेजी है.

अस्पताल प्रशासन ने किया 6 लोगों को बर्खास्त

वहीं, बुधवार को बच्ची की मौत होने के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने गीतानंद शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा, घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉ कृपाल सिंह, एफबीएनसी प्रभारी शारदा शर्मा, एफबीएनसी में तैनात नर्सिंग स्टाफ भारती मीणा, स्नेह लता ,वार्ड बॉय तारा और अस्पताल में संविदा पर काम करने वाले विद्युत कर्मी रघुनंदन शर्मा को निलंबित कर दिया है. विभाग के उच्चाधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.

अलवर के एफबीएनसी वार्ड में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया. बुधवार को बच्ची की मौत के बाद मामला गरमा गया. कोटा की घटना के बाद अब अलवर की घटना सामने आने के बाद प्रदेश सरकार किसी भी स्तर पर ढिलाई नहीं बरतना चाहती है. यही वजह है कि घटना के तुरंत बाद चिकित्सा मंत्री ने मामले में प्राथमिक रूप से 7 लोगों को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही वे लगातार इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे. तो वहीं अलवर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दे रहे थे.

पढ़ें- बहरोड़ पुलिस ने युवाओं को दिलाई शराब छोड़ने की शपथ, दूध पिलाकर नववर्ष की दी बधाई

स्वास्थ्य निदेशक डॉ केके शर्मा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, बच्ची के परिजन इस मामले में 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं.

Intro:अलवर
अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल स्थित एफबीएनसी वार्ड में मंगलवार सुबह लगी अचानक भीषण आग के दौरान रेडिएंट वार्मर पर लेटी एक मासूम झुलस गई थी। उसका जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां इलाज के दौरान बुधवार सुबह उसकी मौत हो गई। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया। तो वही मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अस्पताल के प्रभारी सहित 6 लोगों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।


Body:इस मामले की जांच पड़ताल के लिए स्वास्थ्य विभाग के जयपुर जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर अलवर पहुंचे। इस मामले की पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट बनाकर अलवर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ओपी मीणा ने स्वास्थ्य विभाग को भेजी बुधवार को बच्ची की मौत होने के बाद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने गीतानंद शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश शर्मा, घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉ कृपाल सिंह, एफबीएनसी प्रभारी शारदा शर्मा, एफबीएनसी में तैनात नर्सिंग स्टाफ भारती मीणा स्नेह लता वार्ड बॉय तारा वह अस्पताल में संविदा पर काम करने वाले विद्युत कर्मी रघुनंदन शर्मा को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनको अभी तक लिखित में आदेश नहीं मिले हैं। लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।


Conclusion:अलवर के एफबीएनसी वार्ड में हुई इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग को हिला कर रख दिया। बुधवार को बच्ची की मौत के बाद मामला गरमा गया। कोटा की घटना के चलते लगातार प्रदेश सरकार अलवर की घटना पर गंभीर नजर आ रही थी। खुद स्वास्थ्य मंत्री लगातार इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे। तो वही अलवर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दे रहे थे। स्वास्थ्य निदेशक डॉ केके शर्मा ने तुरंत मामले की जांच पड़ताल के आदेश दिए वह स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों को जांच के लिए अलवर भेजा। हालांकि बच्ची के परिजन इस मामले में 10 लाख रुपए की मुआवजा राशि की मांग कर रहे हैं।
Last Updated : Jan 1, 2020, 11:27 PM IST
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