अलवर. राजस्थान में गर्मी का थर्ड डिग्री टॉर्चर जारी है. दिन के समय सड़कें खाली रहती हैं तो रात को भी गर्म हवा चलती है. गर्मी से बचने के लिए कुछ लोग छाता काम में लेते हैं तो लड़कियां मुंह पर कपड़ा बांधकर घर से निकलती हैं. गर्मी से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. इस भीषण गर्मी से बेजुबान जानवर भी परेशान हो रहे हैं. अलवर के सरिस्का बाघ परियोजना में बाघ ST 21 व बाघिन ST 9 सरिस्का जंगल के अंदर (Effect of Scorching Heat in Sariska) बन रहे पानी के हौद में नजर आए.
दिल्ली-गुड़गांव से घूमने आए पर्यटकों ने यह नजारा देखा और इसे देखकर काफी रोमांचित हुए. हालांकि, गर्मियों के दिनों में पर्यटकों की संख्या काफी कम है. पर्यटकों को टाइगर की साइटिंग भी (Tiger Sighting in Sariska) बहुत कम हो रही है. लेकिन सोमवार को यह नजारा देखकर पर्यटक काफी खुश नजर आए. सरिस्का प्रशासन की ओर से इस बार सरिस्का जंगल में पानी की व्यवस्था पहले से बेहतर की हुई है, जिससे वन्यजीवों को सरिस्का जंगल के अंदर ही पानी मिल रहा है. वहीं, टाइगर भी अब गर्मी से बचने के लिए पानी के बन रहे एनीकट व होलों में बैठते नजर आ रहे हैं.
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सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जंगल में वन्यजीव के लिए पानी की व्यवस्था भी की गई है. नए ट्यूबवेल लगाए गए हैं, साथ ही सोलर सिस्टम की व्यवस्था भी की गई है, जिससे वन्यजीव को कोई नुकसान न हो व 24 घंटे जरूरत पड़ने पर पानी की व्यवस्था हो सके. बीते सालों की तुलना में इस साल सरिस्का क्षेत्र में बेहतर बारिश हुई थी. पानी के सभी तालाब एनीकट भर गए थे, लेकिन भीषण गर्मी के चलते सभी जगह पर पानी सूख चुका है. इसलिए ट्यूबवेल की मदद से जंगली जीवों के लिए पानी की व्यवस्था की गई है.
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