अलवर. जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन पुरजोर कोशिश कर रहा हैं. बढ़ते संक्रमण के चलते एक तरफ जहां लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं ज्यादा संक्रमित मरीजों वाले क्षेत्रों को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित किया गया हैं.
बीमारी से लोगों को बचाने में सबसे बड़ा योगदान मेडिकल स्टाफ के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों का भी है. एक तरफ जहां मेडिकल स्टाफ दिन-रात मेहनत कर संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहा. वहीं संक्रमित मरीजों के अस्पताल से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ और वार्ड की साफ-सफाई कर्मियों करते हैं. जिससे सफाई कर्मचारियों के संक्रमित होने का खतरा अधिक बना रहता है. सफाई कर्मियों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे इसे देखते हुए ग्रामीण विकास संस्थान और फर्स्ट स्टेप स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा की ओर से महिला सफाई कर्मियों को साड़ियां और पुरुषों को पैंट-शर्ट के कपड़े वितरित किए गए.
ग्रामीण विकास संस्थान और निजी स्कूल की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन, समाजसेवियों और भामाशाहों की ओर से जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े, मेडिकल सामान सहित अन्य जरूरत की सामान वितरित किए जा रहे हैं. लेकिन सफाई कर्मियों के ऊपर कम ही ध्यान दिया जा रहा है.
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कोरोना की पहली लहर से लेकर अब-तक सफाई कर्मियों की ओर से भर्ती संक्रमित मरीजों की दिन-रात सेवा की जा रही है. सफाई कर्मियों ने भोजन वितरण से लेकर वार्डों की साफ-सफाई की बखूबी जिम्मेदारी निभाई है. बावजूद इसके सफाई-कर्मियों को नजरअंदाज किया जा रहा है. जिसके चलते आज सामान्य चिकित्सालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों को 51 साड़ियां और पुरुष कर्मचारियों को 40 से 50 पैंट शर्ट के कपड़े वितरित किए गए हैं.