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लोक परिवहन बसों का टैक्स बढ़ाए जाने को लेकर सड़क पर उतरे संचालक

अलवर सहित प्रदेशभर में राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में राजस्थान लोक परिवहन सेवा यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, यूनियन के लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही टैक्स कम नहीं होता है, तो बसों को खड़ा कर दिया जाएगा और परमिट सरेंडर कर दिए जाएंगे.

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Published : Jul 22, 2019, 5:14 PM IST

टैक्स बढ़ाने को लेकर बस संचालकों का विरोध

अलवर. प्रदेशभर में राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में राजस्थान लोक परिवहन सेवा यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया और टैक्स कम कराने की मांग की गई.

बता दें, जिले के करीब 18 रूटों पर राजस्थान लोक परिवहन की करीब एक हजार बसें संचालित होती हैं. अलवर सहित प्रदेशभर में लोक परिवहन बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में बस संचालकों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. यूनियन के अध्यक्ष मुरारीलाल भारद्वाज ने बताया कि राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रीजन संविदा वाहन परमिट लागू किया जाए. इसका टैक्स 100 रुपए प्रति सीट के हिसाब से रखा जाए. अन्य परमिट की भांति 500 स्थाई परमिट दिया जाए. वहीं, प्राइवेट सर्विस मार्गों की भांति 2385 किया जाए. शहर के आसपास के इलाके अलावा नई बस में 60 दिन की टैक्स छूट दी जाए.

टैक्स बढ़ाने को लेकर बस संचालकों का विरोध

भरद्वाज ने बताया कि दूसरे परमिट उठाने तक की अवधि 30 दिन की हो. यात्री वाहनों के परमिट शर्तों का उल्लंघन पर जुर्माना रखा जाए. अलवर भरतपुर एनसीआर रीजन में आते हैं. इसलिए में टैक्स में कमी की जाए. लोक परिवहन टैक्स की दर 665 रुपए से घटाकर 410 रुपए रखा जाए. इन सभी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है.

लोक परिवहन बस सेवा के संचालकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी, तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही बसों की मांग पूरी नहीं कि गई तो बसों को खड़ा करके परमिट को सरेंडर किया जाएगा. सरकार लोक परिवहन बस सेवा को बंद करना चाहती है, इसलिए टैक्स में एक साथ इतनी बढ़ोतरी की गई है. इससे बस संचालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए सरकार को जल्द से जल्द बढ़े हुए टैक्स को कम करना चाहिए.

अलवर. प्रदेशभर में राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में राजस्थान लोक परिवहन सेवा यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया और टैक्स कम कराने की मांग की गई.

बता दें, जिले के करीब 18 रूटों पर राजस्थान लोक परिवहन की करीब एक हजार बसें संचालित होती हैं. अलवर सहित प्रदेशभर में लोक परिवहन बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में बस संचालकों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. यूनियन के अध्यक्ष मुरारीलाल भारद्वाज ने बताया कि राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रीजन संविदा वाहन परमिट लागू किया जाए. इसका टैक्स 100 रुपए प्रति सीट के हिसाब से रखा जाए. अन्य परमिट की भांति 500 स्थाई परमिट दिया जाए. वहीं, प्राइवेट सर्विस मार्गों की भांति 2385 किया जाए. शहर के आसपास के इलाके अलावा नई बस में 60 दिन की टैक्स छूट दी जाए.

टैक्स बढ़ाने को लेकर बस संचालकों का विरोध

भरद्वाज ने बताया कि दूसरे परमिट उठाने तक की अवधि 30 दिन की हो. यात्री वाहनों के परमिट शर्तों का उल्लंघन पर जुर्माना रखा जाए. अलवर भरतपुर एनसीआर रीजन में आते हैं. इसलिए में टैक्स में कमी की जाए. लोक परिवहन टैक्स की दर 665 रुपए से घटाकर 410 रुपए रखा जाए. इन सभी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है.

लोक परिवहन बस सेवा के संचालकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी, तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही बसों की मांग पूरी नहीं कि गई तो बसों को खड़ा करके परमिट को सरेंडर किया जाएगा. सरकार लोक परिवहन बस सेवा को बंद करना चाहती है, इसलिए टैक्स में एक साथ इतनी बढ़ोतरी की गई है. इससे बस संचालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए सरकार को जल्द से जल्द बढ़े हुए टैक्स को कम करना चाहिए.

Intro:अलवर सहित प्रदेशभर में राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है। इसके विरोध में राजस्थान लोक परिवहन सेवा यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया व टैक्स कम कराने की मांग की गई। यूनियन के लोगों ने कहा कि अगर जल्द ही टैक्स कम नहीं होता है। तो बसों को खड़ा कर दिया जाएगा व परमिट सरेंडर कर दिए जाएंगे।


Body:अलवर के करीब 18 रूटों पर राजस्थान लोक परिवहन की करीब एक हजार बसें संचालित होती हैं। अलवर सहित प्रदेशभर में लोक परिवहन बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है। इसके विरोध में फत संचालकों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। यूनियन के अध्यक्ष मुरारीलाल भारद्वाज ने बताया किस डेट कैरिज वाहनों के टैक्स स्लाइड शो किलोमीटर से शुरू करके हर 50 किलोमीटर को बनाया गया है। जिसकी निर्धारित दर एक हजार प्रत्येक सीट शुरू करके अधिकतम ढाई सौ रुपए प्रति सीट की गई है। गरीब मजदूरों को रोजाना आसपास के क्षेत्रों से लाने व ले कर जाने के हित में उपनगरीय टैक्स स्थाई परमिट की सीलिंग हटाई जाए।

राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रीजन संविदा वाहन परमिट लागू किया जाए। इसका टैक्स 100 रुपए प्रति सीट के हिसाब से रखा जाए। अन्य परमिट की भांति 500 स्थाई परमिट दिया जाए। अवैध संचालकों को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पूर्व में जियो का जुर्माना 28 हजार रुपए था। जिसको घटा कर दिया गया है। इस जुर्माने की राशि बढ़ाकर 9000 की जाए। प्राइवेट सर्विस मार्गो की भांति 2385 किया जाए। शहर के आसपास के इसके अलावा नई बस में 60 दिन की टैक्स छूट दी जाए।

दूसरे परमिट उठाने तक की अवधि 30 दिन की हो यात्री वाहनों के परमिट शर्तों का उल्लंघन पर जुर्माना रखा जाए। अलवर भरतपुर एनसीआर रीजन में आते हैं। इसलिए में कमी की जाए लोक परिवहन टैक्स की दर 665 रुपए से घटाकर 410 रुपए रखा जाए। इन सभी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है।


Conclusion:लोक परिवहन बस सेवा के संचालकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी। तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही बसों की मांग पूरी नहीं कि गई तो बसों को खड़ा करके परमिट को सरेंडर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार लोक परिवहन बस सेवा को बंद करना चाहती है। इसलिए टैक्स में एक साथ इतनी बढ़ोतरी की गई है। इससे बस संचालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द बड़े हुए टैक्स को कम करना चाहिए।

बाइट- यूनियन के अध्यक्ष
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