अलवर. प्रदेशभर में राजस्थान लोक परिवहन बस सेवा के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में राजस्थान लोक परिवहन सेवा यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया और टैक्स कम कराने की मांग की गई.
बता दें, जिले के करीब 18 रूटों पर राजस्थान लोक परिवहन की करीब एक हजार बसें संचालित होती हैं. अलवर सहित प्रदेशभर में लोक परिवहन बसों के टैक्स में बढ़ोतरी की गई है. इसके विरोध में बस संचालकों ने सोमवार को अलवर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. यूनियन के अध्यक्ष मुरारीलाल भारद्वाज ने बताया कि राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए रीजन संविदा वाहन परमिट लागू किया जाए. इसका टैक्स 100 रुपए प्रति सीट के हिसाब से रखा जाए. अन्य परमिट की भांति 500 स्थाई परमिट दिया जाए. वहीं, प्राइवेट सर्विस मार्गों की भांति 2385 किया जाए. शहर के आसपास के इलाके अलावा नई बस में 60 दिन की टैक्स छूट दी जाए.
भरद्वाज ने बताया कि दूसरे परमिट उठाने तक की अवधि 30 दिन की हो. यात्री वाहनों के परमिट शर्तों का उल्लंघन पर जुर्माना रखा जाए. अलवर भरतपुर एनसीआर रीजन में आते हैं. इसलिए में टैक्स में कमी की जाए. लोक परिवहन टैक्स की दर 665 रुपए से घटाकर 410 रुपए रखा जाए. इन सभी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है.
लोक परिवहन बस सेवा के संचालकों ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी, तो उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही बसों की मांग पूरी नहीं कि गई तो बसों को खड़ा करके परमिट को सरेंडर किया जाएगा. सरकार लोक परिवहन बस सेवा को बंद करना चाहती है, इसलिए टैक्स में एक साथ इतनी बढ़ोतरी की गई है. इससे बस संचालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा. इसलिए सरकार को जल्द से जल्द बढ़े हुए टैक्स को कम करना चाहिए.