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'हिरण को मारने पर सलमान खान को 5 साल की सजा हो सकती है तो नील गाय के लिए ऐसा कानून क्यों ?'

वसुंधरा सरकार द्वारा नील गाय को मारने का कानून बनाया गया था और सरपंच की अनुमति से कोई भी व्यक्ति ऐसा कर सकता है. इस कानून के विरोध में बुधवार को अलवर में एक बार फिर लोग लामबंद हुए. वे लंबे समय से इस कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने पर लोगों ने महात्मा गांधी की जयंती पर कंपनी बाग के बाहर धरना दिया.

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Published : Oct 2, 2019, 11:58 PM IST

अलवर. नील गाय द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने व आए दिन आने वाली शिकायतों को देखते हुए सरकार ने नील गाय को मारने के लिए कानून बनाया. इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति सरपंच की अनुमति लेकर नील गाय को मार सकता है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.

इस वजह से अलवर में सड़क पर उतरे लोग

इस कानून का लगातार कई सालों से विरोध चल रहा है. अलवर में भी लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं और कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में कई बार लोगों द्वारा आला अधिकारियों व मंत्रियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन वसुंधरा सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब लोगों को कांग्रेस सरकार से खासी उम्मीदें हैं. कई बार कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के सामने इस पक्ष को रखा गया है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाने के विरोध में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी बाग के गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए.

पढ़ें : खींवसर और मंडावा उपचुनाव के लिए भाजपा ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, लिस्ट में सनी देओल भी

समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नील गाय भी एक जीव है. जब हिरण को मारने पर सलमान खान को 5 साल की सजा हो सकती है तो नील गाय को मारने का नियम भाजपा सरकार ने क्यों बनाया है. प्रत्येक जीव को जीने का अधिकार है और जीव हत्या पूरी तरह से गलत है. सरकार को कोई दूसरा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे जीव हत्या रुक सके व लोगों की समस्याओं का भी समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता व राजनीतिक पार्टी भी चुप हैं, जो हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं व केवल अपने मतलब सिद्ध करने में लगे रहते हैं.

अलवर. नील गाय द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने व आए दिन आने वाली शिकायतों को देखते हुए सरकार ने नील गाय को मारने के लिए कानून बनाया. इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति सरपंच की अनुमति लेकर नील गाय को मार सकता है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.

इस वजह से अलवर में सड़क पर उतरे लोग

इस कानून का लगातार कई सालों से विरोध चल रहा है. अलवर में भी लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं और कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में कई बार लोगों द्वारा आला अधिकारियों व मंत्रियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन वसुंधरा सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब लोगों को कांग्रेस सरकार से खासी उम्मीदें हैं. कई बार कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के सामने इस पक्ष को रखा गया है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाने के विरोध में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी बाग के गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए.

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समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नील गाय भी एक जीव है. जब हिरण को मारने पर सलमान खान को 5 साल की सजा हो सकती है तो नील गाय को मारने का नियम भाजपा सरकार ने क्यों बनाया है. प्रत्येक जीव को जीने का अधिकार है और जीव हत्या पूरी तरह से गलत है. सरकार को कोई दूसरा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे जीव हत्या रुक सके व लोगों की समस्याओं का भी समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता व राजनीतिक पार्टी भी चुप हैं, जो हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं व केवल अपने मतलब सिद्ध करने में लगे रहते हैं.

Intro:अलवर।
वसुंधरा सरकार द्वारा नीलगाय को मारने का कानून बनाया गया था। सरपंच की अनुमति से कोई भी व्यक्ति नील गाय को मार सकता है। इस कानून के विरोध में अलवर में सैकड़ों लोग खड़े हुए हैं। लंबे समय से वो कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाने पर लोगों ने महात्मा गांधी की जयंती पर कंपनी बाग के बाहर धरना दिया।


Body:नीलगाय द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने वह आए दिन आने वाली शिकायतों को देखते हुए सरकार ने नीलगाय को मारने के लिए कानून बनाया इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति सरपंच की अनुमति लेकर नीलगाय को मार सकता है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी इस कानून का लगातार कई सालों से विरोध चल रहा है अलवर में भी लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं तो कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं इस संबंध में कई बार लोगों द्वारा आला अधिकारियों व मंत्रियों को ज्ञापन दिए गए। लेकिन वसुंधरा सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया ऐसे में अब लोगों को कांगरे सरकार से खासी उम्मीदें हैं कई बार कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के सामने इस पक्ष को रखा गया है। लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाने के विरोध में 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी बाग के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया लोग सुबह से ही धरने पर बैठ गए।


Conclusion:वरिष्ठ पत्रकार समाजसेवी ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि नीलगाय भी एक जीव है। जब हिरण को मारने पर सलमान खान को 5 साल की सजा हो सकती है। तो नीलगाय को मारने का नियम भाजपा सरकार ने क्यों बनाया है। प्रत्येक जीव को जीने का अधिकार है। जीव हत्या पूरी तरह से गलत है। सरकार को कोई दूसरा रास्ता निकालना चाहिए। जिससे जीव हत्या रुक सके व लोगों की समस्याओं का भी समाधान हो सके उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता व राजनीतिक पार्टी भी चुप हैं। जो हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं व केवल अपने मतलब सिद्ध करने में लगे रहते हैं।

बाइट-ओमप्रकाश गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी
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