अलवर. नील गाय द्वारा खेतों को नुकसान पहुंचाने व आए दिन आने वाली शिकायतों को देखते हुए सरकार ने नील गाय को मारने के लिए कानून बनाया. इस कानून के तहत कोई भी व्यक्ति सरपंच की अनुमति लेकर नील गाय को मार सकता है और उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.
इस कानून का लगातार कई सालों से विरोध चल रहा है. अलवर में भी लोग इसके विरोध में खड़े हुए हैं और कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं. इस संबंध में कई बार लोगों द्वारा आला अधिकारियों व मंत्रियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन वसुंधरा सरकार ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में अब लोगों को कांग्रेस सरकार से खासी उम्मीदें हैं. कई बार कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के सामने इस पक्ष को रखा गया है, लेकिन अभी तक कोई कदम नहीं उठाने के विरोध में 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी बाग के गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए.
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समाजसेवी ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नील गाय भी एक जीव है. जब हिरण को मारने पर सलमान खान को 5 साल की सजा हो सकती है तो नील गाय को मारने का नियम भाजपा सरकार ने क्यों बनाया है. प्रत्येक जीव को जीने का अधिकार है और जीव हत्या पूरी तरह से गलत है. सरकार को कोई दूसरा रास्ता निकालना चाहिए, जिससे जीव हत्या रुक सके व लोगों की समस्याओं का भी समाधान हो सके. उन्होंने कहा कि इस संबंध में नेता व राजनीतिक पार्टी भी चुप हैं, जो हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करते हैं व केवल अपने मतलब सिद्ध करने में लगे रहते हैं.