अलवर. कोरोना और लॉकडाउन का सभी पर बुरा प्रभाव पड़ा है. देश के आर्थिक हालात लगातार खराब हो रहे हैं. लोगों की नौकरियां जा रही हैं. लेकिन कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन का प्रकृति को खास फायदा होता नजर आ रहा है. प्रदूषण का स्तर भी लगातार कम हो रहा है. देश की नदियों का पानी साफ हो चुका है.
इसके अलावा प्रदूषण कम होने के कारण विजिबिलिटी भी बेहतर हुई है. इस दौरान अलवर में इस समय प्रदूषण अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है. इसका फायदा भी लोगों को मिलने लगा है. लोगों को साफ हवा मिल रही है.
जिले में मानसून के दौरान प्रदूषण अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुका है. अलवर और भिवाड़ी शहर की आबोहवा लॉकडाउन के बाद ही साफ हो गई है. अब मानसून में खासा सुधार देखने को मिल रहा है. देशभर में प्रदूषण के मामलों में भिवाड़ी सबसे प्रदूषित शहर रह चुका है. जबकि अब भिवाड़ी में पीएम (particulate matter) 2.5-25 µg ( µg मीट्रिक माप माइक्रोग्राम के लिए सही प्रतीक है. जो एक ग्राम का दस लाखवां हिस्सा या एक मिलीग्राम का एक हजारवां हिस्सा है. Μ के लिए प्रतीक एक ग्रीक अक्षर (म्यू) है जिसका अर्थ है 'छोटा') बना हुआ है.
वहीं, अलवर में यह 20 µg है. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पीएम 2.5- 50 µg के आसपास था. प्रदूषण नियंत्रण मंडल की वेबसाइट के अनुसार इस साल 19 अगस्त को अलवर की हवा पीएम 10 का स्तर 50 µg तो वहीं, पिछले साल 123.17 दर्ज किया गया था. भिवाड़ी में 19 अगस्त को पीएम 10 का स्तर 54 दर्ज किया गया. जबकि पिछले साल 150 यूजी से अधिक था. इस साल लॉकडाउन के बाद से वातावरण साफ रहा है. अब मानसून की बारिश के चलते हरियाली छा गई है. साथ ही धूल मिट्टी के कण भी कम उड़ रहे हैं.
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राजस्थान की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले अलवर में 15,000 से अधिक छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं. साल 2018 में भिवाड़ी पांचवे स्थान पर प्रदूषित शहर रहा है. वहीं, पिछले साल इस की रैंकिंग 20 थी और यहां का वार्षिक एयर क्वालिटी इंडेक्स 83 था, लेकिन इस साल लॉकडाउन के चलते यहां की आबोहवा काफी साफ हो रही है. ऐसे में इस साल लोगों को साफ और बेहतर हवा मिलेगी.
अलवर के आंकड़ें
दिनांक | पीएम 2.5 | पीएम 10 |
16 अगस्त | 25.7 µg | 25.7 µg |
17 अगस्त | 26.11 µg | 54.31 µg |
18 अगस्त | 29.55 µg | 58.31 µg |
19 अगस्त | 27.62 µg | 50.09 µg |
20 अगस्त | 27.4 µg | 50.65 µg |
भिवाड़ी के आंकड़े
दिनांक | पीएम 2.5 | पीएम 10 |
16 अगस्त | 17.48 µg | 24.2 µg |
17 अगस्त | 17.39 µg | 36.1 µg |
18 अगस्त | 36.99 µg | 63.9 µg |
19 अगस्त | 34.1 µg | 72.88 µg |
20 अगस्त | 28.81 µg | 54. 3 µg |
प्रदूषण से लोगों को होती है परेशानी
अलवर और भिवाड़ी में तेजी से फैल रहे प्रदूषण से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रदूषण से अस्थमा के लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है. वहीं, प्रदूषण के कारण आंखों की परेशानी, त्वचा रोग सहित कई तरह की दिक्कतें सामने आती हैं.
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कई बार अलवर को लग चुकी है फटकार
अलवर एनसीआर (National Capital Region) का हिस्सा है. प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड और एनजीटी की तरफ से कई बार राज्य सरकार को फटकार लगा चुकी है. केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से भिवाड़ी की कई औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण फैलाने पर सील तक किया जा चुका है, लेकिन उसके बाद भी लगातार प्रदूषण का दौर जारी है.