अलवर. अलवर सहित एनसीआर में एक तरफ पटाखे चलाने पर बैन है, तो दूसरी तरफ प्रदूषण नियंत्रण विभाग प्रदूषण पर पैनी नजर रख रहा है. विभाग की तरफ से पहली बार दिवाली से पहले वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग की जा रही है. जबकि दिवाली के दिन वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण की जांच हर साल की तरह की जाएगी.
यह भी पढ़ें - पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने पूर्व मंत्री माधोसिंह के घर जाकर संवेदना प्रकट की
अलवर देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो चुका है. बता दें कि अलवर के भिवाड़ी में हमेशा प्रदूषण की मात्रा 300 यूजी से ज्यादा होती है. अलवर सहित पूरे एनसीआर में तेजी से फैलते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने पटाखों के चलाने पर रोक लगाई है. उसके बाद भी लोग धड़ल्ले से पटाखे चलाते हैं. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण विभाग प्रदूषण की मॉनिटरिंग कर रहा है. पहली बार प्रदूषण विभाग ने दीपावली से 7 दिन पहले वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग शुरू की है.
प्रदूषण विभाग कर रहा एयर मॉनिटरिंग
इस जांच की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है. अलवर शहर में काला कुआं स्थित सेटेलाइट हॉस्पिटल व कृषि उपज मंडी के पीछे प्रदूषण विभाग के पुराने कार्यालय में वायु प्रदूषण की प्रतिदिन जांच की जा रही है. इसके अलावा अलवर में प्रदूषण विभाग के तीन स्थाई जांच केंद्र हैं. वहां भी प्रदूषण विभाग एयर मॉनिटरिंग कर रहा है. वैसे तो स्थाई केंद्रों से साल भर जांच होती है. लेकिन दिवाली के मौके पर भी की जाती है.
7 दिन पहले एयर प्रदूषण की मॉनिटरिंग शुरू
प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहली बार दिवाली से 7 दिन पहले एयर प्रदूषण की मॉनिटरिंग शुरू की गई है. वैसे दिवाली के दिन ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण की जांच होगी. इसके अलावा दिवाली से एक दिन पहले व दिवाली के बाद भी वायु प्रदूषण की जांच की जाएगी. जिससे प्रदूषण का आकलन लगाया जा सके, विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रदूषण कम रहे.
इसके प्रयास विभाग की तरफ से किए जा रहे हैं. औद्योगिक इकाइयों को जागरूक करने के अलावा जो औद्योगिक इकाई प्रदूषण फैलाती हैं. उनको सुधार करने की भी चेतावनी दी है. अलवर में औद्योगिक इकाई भिवाड़ी की तुलना में कम है. भिवाड़ी में औद्योगिक इकाइयां ज्यादा है. इसलिए भिवाड़ी, नीमराणा, खुशखेड़ा व शाहजहांपुर क्षेत्र में प्रदूषण ज्यादा रहता है.