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स्पेशल स्टोरीः अलवर में रहने वाले लोग रहें सावधान, किसी भी समय हो सकता है वाहन चोरी

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Published : Jan 16, 2020, 5:45 PM IST

अगर आप अलवर में रहते हैं और आपके पास वाहन है, तो सावधान रहें. क्योंकि वाहन चोरी के लिए अलवर देशभर में बदनाम है. इतना ही नहीं, वाहन चोरी होने के बाद उसके मिलने की भी कोई संभावना नहीं है. अलवर पुलिस के आंकड़े कुछ यही बयां कर रहे हैं.

alwar vehicle theft news, अलवर न्यूज
अलवर पुलिस वाहन चोरी पर नहीं लगा पा रही लगाम

अलवर. वाहन चोरी के मामले में अलवर देशभर में बदनाम है. अलवर में सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं. पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी यह घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2019 में पूरे साल वाहन चोर पुलिस को चुनौती देते हुए नजर आए. इनसे निपटने के लिए पुलिस ने कई बार टीमें गठित कर कार्रवाई की. लेकिन चोरी हुए वाहनों की बरामदगी नाम मात्र की रही.

अलवर पुलिस वाहन चोरी पर नहीं लगा पा रही लगाम

पुलिस रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वर्ष 2019 में अलवर जिले में कुल 1383 वाहन चोरी हुए. इनमें से सिर्फ 185 वाहन पुलिस ने बरामद किए. अन्य वाहन मालिक अपने वाहन के लिए थानों में चक्कर लगा रहे हैं. चोरी हुए वाहनों में 1288 दुपहिया और 95 चार पहिया वाहन शामिल थे. इस हिसाब से प्रतिदिन चार वाहन अलवर से चोरी होते हैं.

पढ़ें- अब क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मित्रों से सहयोग लेगा जयपुर कमिश्नरेट

थानों के हिसाब से नजर डालें तो कोतवाली थाना क्षेत्र में 378 वाहन चोरी हुए. एनईबी थाना क्षेत्र में 271, शिवाजी पार्क में 88, अरावली विहार में 113, अलवर सदर थाना क्षेत्र में 50, एमआईए में 37, मालाखेड़ा में 72, राजगढ़ में 61, खेड़ली में 57, रामगढ़ में 47, बड़ौदा में 25, गोविंदगढ़ में 31, कठूमर में 30, लक्ष्मणगढ़ में 33, प्रतापगढ़ में 5, रैणी में 13, टहला में 15, नारायणपुर में 12, नौगांवा में 20 और थानागाजी में 25 वाहन चोरी हुए.

भिवाड़ी जिले के हालात ज्यादा खराब

अलवर जिले में बढ़ते हुए क्राइम के ग्राफ को देखते हुए सरकार ने अलवर में दो एसपी तैनात किए और पुलिस के लिहाज से 2 जिले बनाए गए. एक का नाम अलवर तो दूसरे का नाम भिवाड़ी है. यह हालात अकेले अलवर के हैं. जबकि भिवाड़ी जिले में हालात ज्यादा खराब हैं. क्योंकि भिवाड़ी में भिवाड़ी, नीमराणा, खुशखेड़ा, बहरोड़ सहित विभिन्न थाने आते हैं. इनमें वाहन चोरी और क्राइम का रेसियो प्रदेश में सबसे ज्यादा है.

यहां से होते हैं वाहन चोरी

अलवर में वाहन चोरी की सबसे ज्यादा वारदातें भीड़भाड़ वाली जगहों पर होती हैं. इसमें ज्यादातर बाजार, मॉल, सरकारी कार्यालय, कॉमर्शियल, ऑफिस शामिल हैं. शहर में अधिकांश वाहन नो पार्किंग एरिया से चोरी होते हैं. इसलिए नो पार्किंग एरिया में अपने वाहनों को खड़ा ना करें.

अलवर. वाहन चोरी के मामले में अलवर देशभर में बदनाम है. अलवर में सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं. पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी यह घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2019 में पूरे साल वाहन चोर पुलिस को चुनौती देते हुए नजर आए. इनसे निपटने के लिए पुलिस ने कई बार टीमें गठित कर कार्रवाई की. लेकिन चोरी हुए वाहनों की बरामदगी नाम मात्र की रही.

अलवर पुलिस वाहन चोरी पर नहीं लगा पा रही लगाम

पुलिस रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वर्ष 2019 में अलवर जिले में कुल 1383 वाहन चोरी हुए. इनमें से सिर्फ 185 वाहन पुलिस ने बरामद किए. अन्य वाहन मालिक अपने वाहन के लिए थानों में चक्कर लगा रहे हैं. चोरी हुए वाहनों में 1288 दुपहिया और 95 चार पहिया वाहन शामिल थे. इस हिसाब से प्रतिदिन चार वाहन अलवर से चोरी होते हैं.

पढ़ें- अब क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस मित्रों से सहयोग लेगा जयपुर कमिश्नरेट

थानों के हिसाब से नजर डालें तो कोतवाली थाना क्षेत्र में 378 वाहन चोरी हुए. एनईबी थाना क्षेत्र में 271, शिवाजी पार्क में 88, अरावली विहार में 113, अलवर सदर थाना क्षेत्र में 50, एमआईए में 37, मालाखेड़ा में 72, राजगढ़ में 61, खेड़ली में 57, रामगढ़ में 47, बड़ौदा में 25, गोविंदगढ़ में 31, कठूमर में 30, लक्ष्मणगढ़ में 33, प्रतापगढ़ में 5, रैणी में 13, टहला में 15, नारायणपुर में 12, नौगांवा में 20 और थानागाजी में 25 वाहन चोरी हुए.

भिवाड़ी जिले के हालात ज्यादा खराब

अलवर जिले में बढ़ते हुए क्राइम के ग्राफ को देखते हुए सरकार ने अलवर में दो एसपी तैनात किए और पुलिस के लिहाज से 2 जिले बनाए गए. एक का नाम अलवर तो दूसरे का नाम भिवाड़ी है. यह हालात अकेले अलवर के हैं. जबकि भिवाड़ी जिले में हालात ज्यादा खराब हैं. क्योंकि भिवाड़ी में भिवाड़ी, नीमराणा, खुशखेड़ा, बहरोड़ सहित विभिन्न थाने आते हैं. इनमें वाहन चोरी और क्राइम का रेसियो प्रदेश में सबसे ज्यादा है.

यहां से होते हैं वाहन चोरी

अलवर में वाहन चोरी की सबसे ज्यादा वारदातें भीड़भाड़ वाली जगहों पर होती हैं. इसमें ज्यादातर बाजार, मॉल, सरकारी कार्यालय, कॉमर्शियल, ऑफिस शामिल हैं. शहर में अधिकांश वाहन नो पार्किंग एरिया से चोरी होते हैं. इसलिए नो पार्किंग एरिया में अपने वाहनों को खड़ा ना करें.

Intro:अलवर
अगर आप अलवर में रहते हैं व आपके पास वाहन हैं, तो सावधान रहें। क्योंकि अलवर में वाहन चोरी होते हैं। वाहन चोरी के लिए अलवर देशभर में बदनाम है। इतना ही नहीं वाहन चोरी होने के बाद उसके मिलने की भी कोई संभावना भी नहीं है। अलवर पुलिस के आंकड़े कुछ यही बयां कर रहे हैं।


Body:वाहन चोरी के मामले में अलवर देशभर में बदनाम है। अलवर में सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं। पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी यह घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। साल 2019 में पूरे साल वाहन चोर पुलिस को चुनौती देते हुए नजर आए। इनसे निपटने के लिए पुलिस ने कई बार टीमें गठित कर कार्रवाई की। लेकिन चोरी हुए वाहनों की बरामदगी नाम मात्र की रही। पुलिस रिकॉर्ड पर नजर डालें तो वर्ष 2019 में अलवर जिले में कुल 1383 वाहन चोरी हुए। इनमें से सिर्फ 185 वाहन पुलिस ने बरामद किए। अन्य वाहन मालिक अपने वाहन के लिए थानों में चक्कर लगा रहे हैं। चोरी हुए वाहनों में 1288 दुपहिया व 95 दो पहिया वाहन शामिल थे। इस हिसाब से प्रतिदिन चार वाहन अलवर से चोरी होते हैं।


Conclusion:थानों के हिसाब से नजर डालें तो कोतवाली थाना क्षेत्र में 378 वाहन चोरी हुए। एनईबी थाना क्षेत्र में 271, शिवाजी पार्क में 88, अरावली विहार में 113, अलवर सदर थाना क्षेत्र में 50, एमआईए में 37, मालाखेड़ा में 72, राजगढ़ में 61, खेड़ली में 57, रामगढ़ में 47, बड़ौदा में 25, गोविंदगढ़ में 31, कठूमर में 30, लक्ष्मणगढ़ में 33, प्रतापगढ़ में 5, रैणी में 13, टहला में 15, नारायणपुर में 12, नोगांवा में 20 व थानागाजी में 25 वाहन चोरी हुए।

भिवाड़ी जिले के हालात ज्यादा खराब
अलवर जिले में बढ़ते हुए क्राइम के ग्राफ को देखते हुए सरकार ने अलवर में दो एसपी तैनात किए व पुलिस के लिहाज से अलवर में 2 जिले बनाए गए। एक का नाम अलवर तो दूसरे का नाम भिवाड़ी है। यह हालात अकेले अलवर के हैं। जबकि भिवाड़ी जिले में हालात ज्यादा खराब है। क्योंकि भिवाड़ी में भिवाड़ी नीमराना खुश खेड़ा मानव बहरोड़ सहित विभिन्न थाने आते हैं। इनमें वाहन चोरी व क्राइम का रेशियो प्रदेश में सबसे ज्यादा है।

यहां से होते हैं वाहन चोरी
अलवर में वाहन चोरी की सबसे ज्यादा वारदातें भीड़भाड़ वाली जगहों पर होती है। इसमें ज्यादातर बाजार, मॉल, सरकारी कार्यालय, कमर्शियल, ऑफिस शामिल है। शहर में अधिकांश वाहन नो पार्किंग एरिया से चोरी होते हैं। इसलिए नो पार्किंग एरिया में अपने वाहनों को खड़ा ना करें।
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