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अलवर: बारिश कम होने का पौधरोपण पर दिख रहा है असर, नहीं लग रहे पौधे

अन्य शहरों की तुलना में अलवर में कम बारिश हो रही है. इसका असर अलवर में लगने वाले पौधारोपण पर भी दिखने लगा है. वन विभाग की तरफ से अलवर की 10 सीट पर एक लाख 70 हजार पौधे लगाने थे. वैसे तो यह काम अब तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक करीब एक लाख पौधे लगे हैं. इसके अलावा लोगों की ओर से भी पौधे लगाने का काम किया जाता है, लेकिन अभी वो काम भी धीमा चल रहा है.

Plantation in Alwar, Alwar Forest Department
बारिश कम होने से पौधरोपण का कार्य अधूरा
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Published : Jul 31, 2020, 4:06 AM IST

अलवर. जिले में 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का नेशनल पार्क है. इसके अलावा 150 वर्ग किलोमीटर में अलवर बफर जोन सहित कुल जिले के करीब 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल फैला हुआ है. जंगल के लिए अलवर देश-विदेश में जाना जाता है. मानसून से पहले हर साल वन विभाग की तरफ से लाखों पौधे लगाए जाते हैं.

बारिश कम होने से पौधरोपण का कार्य अधूरा

इस बार जिले की 10 साइट की 500 हेक्टेयर जमीन पर एक लाख 70 हजार से अधिक पौधे लगने थे. नियम के हिसाब से जुलाई के पहले सप्ताह में पौधरोपण का काम शुरू होता है और माह के अंत तक यह काम पूरा होना था, लेकिन इस बार अलवर में कम बारिश होने के कारण अब तक केवल 300 हेक्टेयर जमीन पर एक लाख पौधे लगे हैं. इसी तरह से जिले की 13 नर्सरी से लोगों को पौधे वितरित किए जाते हैं. इस बार तीन लाख 50 हजार पौधे वितरण होने थे, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ लाख पौधे वितरित किए गए हैं.

पढ़ें- अलवर: हरियाणा सब्जी बेचने जा रहे विक्रेता पर बदमाशों ने की फायरिंग

वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बारिश कम होने के कारण पौधारोपण का कार्य और पौधा वितरण का कार्य धीमा चल रहा है. लेकिन जल्दी यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वैसे तो वन विभाग की तरफ से हर बार पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार पौधे लगाने के साथ उनकी देखरेख में रख रखा हुआ काम भी विभाग की तरफ से किया जाएगा. इस बार जिन क्षेत्रों में पौधे लगाए जा रहे हैं. उनमें ज्यादातर जगह वन विभाग की ऐसी साइट है, जहां पौधारोपण की आवश्यकता थी. पौधारोपण में आम, जामुन, पीपल, बरगद सहित सभी तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा पौध तैयार की गई है, वो भी लगातार बांटे जा रहे हैं.

अलवर. जिले में 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का नेशनल पार्क है. इसके अलावा 150 वर्ग किलोमीटर में अलवर बफर जोन सहित कुल जिले के करीब 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल फैला हुआ है. जंगल के लिए अलवर देश-विदेश में जाना जाता है. मानसून से पहले हर साल वन विभाग की तरफ से लाखों पौधे लगाए जाते हैं.

बारिश कम होने से पौधरोपण का कार्य अधूरा

इस बार जिले की 10 साइट की 500 हेक्टेयर जमीन पर एक लाख 70 हजार से अधिक पौधे लगने थे. नियम के हिसाब से जुलाई के पहले सप्ताह में पौधरोपण का काम शुरू होता है और माह के अंत तक यह काम पूरा होना था, लेकिन इस बार अलवर में कम बारिश होने के कारण अब तक केवल 300 हेक्टेयर जमीन पर एक लाख पौधे लगे हैं. इसी तरह से जिले की 13 नर्सरी से लोगों को पौधे वितरित किए जाते हैं. इस बार तीन लाख 50 हजार पौधे वितरण होने थे, लेकिन अभी तक केवल डेढ़ लाख पौधे वितरित किए गए हैं.

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वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बारिश कम होने के कारण पौधारोपण का कार्य और पौधा वितरण का कार्य धीमा चल रहा है. लेकिन जल्दी यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा. वैसे तो वन विभाग की तरफ से हर बार पौधे लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार पौधे लगाने के साथ उनकी देखरेख में रख रखा हुआ काम भी विभाग की तरफ से किया जाएगा. इस बार जिन क्षेत्रों में पौधे लगाए जा रहे हैं. उनमें ज्यादातर जगह वन विभाग की ऐसी साइट है, जहां पौधारोपण की आवश्यकता थी. पौधारोपण में आम, जामुन, पीपल, बरगद सहित सभी तरह के पौधे लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा पौध तैयार की गई है, वो भी लगातार बांटे जा रहे हैं.

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