अलवर. प्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को जयपुर में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई नई सरकारी योजनाओं की शुरूआत की. इसी तरह से सरकार के मंत्री और जिला प्रभारियों की ओर से सभी जिलों में पहुंचकर सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है. इसके तहत अलवर के सूचना केंद्र में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.
इस दौरान प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार के कार्यों की जानकारी दी. इसके बाद जैसे ही पत्रकारों के सवाल शुरू हुए मंत्री खड़ी हो गईं. इस पर पत्रकारों ने विरोध किया और सवालों के जवाब देने के लिए कहा. स्थानीय सवालों के जवाब देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को आगे आना पड़ा. जिला प्रभारी व मंत्री ममता भूपेश को अलवर की योजना के कार्यों की भी जानकारी नहीं थी. ऐसे में साफ है कि मंत्री ममता भूपेश बिना तैयारी के प्रेस वार्ता में पहुंची थी. उन्होंने जिन योजनाओं के बारे में बताया वो योजनाएं सरकार की ओर से प्रकाशित अलवर की पुस्तक में नहीं थी. यह मुद्दा पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बन गया.
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इस बीच मंत्री के अचानक प्रेस वार्ता में खड़े होकर जाने पर सभी लोगों ने प्रतिक्रिया दी. जबकि खुद के बचाव में मंत्री और अन्य कांग्रेसी कुछ अलग ही बात कहते हुए नजर आए. उनका कहना था कि वो सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है. जबकि कांग्रेस के नेता पत्रकारों के सवाल से बचते हुए दिखाई दिए. इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को बार-बार सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे. जिले में चल रहे बड़े मामलों की भी जिला प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने कोई जानकारी नहीं दी. ऐसे में अलवर की योजनाओं के बारे में भी वह नहीं बता सकी. इस कार्यक्रम में अलवर के सभी कांग्रेसी विधायक, मुख्य सचिव सहित कई आला अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत कई लोग मौजूद रहे.