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अलवर के स्थानीय सवालों का जवाब नहीं दे पाईं मंत्री ममता भूपेश, प्रेस वार्ता बीच में छोड़ा - प्रदेश सरकार की योजना

राजस्थान सरकार का एक साल पूरा होने पर अलवर के सूचना केंद्र में शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इसमें अलवर प्रभारी मंत्री ममता भूपेश और अन्य कांग्रेसी नेता शामिल रहे. इस दौरान स्थानीय कार्यों और योजनाओं के सवाल पर मंत्री जवाब नहीं दे सकीं. ऐसे में बार-बार पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को माइक थाम कर सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे.

alwar news, अलवर की खबर
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Published : Dec 20, 2019, 6:46 PM IST

अलवर. प्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को जयपुर में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई नई सरकारी योजनाओं की शुरूआत की. इसी तरह से सरकार के मंत्री और जिला प्रभारियों की ओर से सभी जिलों में पहुंचकर सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है. इसके तहत अलवर के सूचना केंद्र में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.

कांग्रेस की ओर से सूचना केंद्र में प्रेस वार्ता का हुआ आयोजन

इस दौरान प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार के कार्यों की जानकारी दी. इसके बाद जैसे ही पत्रकारों के सवाल शुरू हुए मंत्री खड़ी हो गईं. इस पर पत्रकारों ने विरोध किया और सवालों के जवाब देने के लिए कहा. स्थानीय सवालों के जवाब देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को आगे आना पड़ा. जिला प्रभारी व मंत्री ममता भूपेश को अलवर की योजना के कार्यों की भी जानकारी नहीं थी. ऐसे में साफ है कि मंत्री ममता भूपेश बिना तैयारी के प्रेस वार्ता में पहुंची थी. उन्होंने जिन योजनाओं के बारे में बताया वो योजनाएं सरकार की ओर से प्रकाशित अलवर की पुस्तक में नहीं थी. यह मुद्दा पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बन गया.

पढ़ें- अलवरः मुंडावर में वार्ड-13 के लिए पंच पद की आरक्षण लॉटरी का वार्डवासियों ने किया विरोध

इस बीच मंत्री के अचानक प्रेस वार्ता में खड़े होकर जाने पर सभी लोगों ने प्रतिक्रिया दी. जबकि खुद के बचाव में मंत्री और अन्य कांग्रेसी कुछ अलग ही बात कहते हुए नजर आए. उनका कहना था कि वो सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है. जबकि कांग्रेस के नेता पत्रकारों के सवाल से बचते हुए दिखाई दिए. इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को बार-बार सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे. जिले में चल रहे बड़े मामलों की भी जिला प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने कोई जानकारी नहीं दी. ऐसे में अलवर की योजनाओं के बारे में भी वह नहीं बता सकी. इस कार्यक्रम में अलवर के सभी कांग्रेसी विधायक, मुख्य सचिव सहित कई आला अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत कई लोग मौजूद रहे.

अलवर. प्रदेश सरकार के एक साल पूरा होने पर शुक्रवार को जयपुर में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई नई सरकारी योजनाओं की शुरूआत की. इसी तरह से सरकार के मंत्री और जिला प्रभारियों की ओर से सभी जिलों में पहुंचकर सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है. इसके तहत अलवर के सूचना केंद्र में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया.

कांग्रेस की ओर से सूचना केंद्र में प्रेस वार्ता का हुआ आयोजन

इस दौरान प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार के कार्यों की जानकारी दी. इसके बाद जैसे ही पत्रकारों के सवाल शुरू हुए मंत्री खड़ी हो गईं. इस पर पत्रकारों ने विरोध किया और सवालों के जवाब देने के लिए कहा. स्थानीय सवालों के जवाब देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को आगे आना पड़ा. जिला प्रभारी व मंत्री ममता भूपेश को अलवर की योजना के कार्यों की भी जानकारी नहीं थी. ऐसे में साफ है कि मंत्री ममता भूपेश बिना तैयारी के प्रेस वार्ता में पहुंची थी. उन्होंने जिन योजनाओं के बारे में बताया वो योजनाएं सरकार की ओर से प्रकाशित अलवर की पुस्तक में नहीं थी. यह मुद्दा पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बन गया.

पढ़ें- अलवरः मुंडावर में वार्ड-13 के लिए पंच पद की आरक्षण लॉटरी का वार्डवासियों ने किया विरोध

इस बीच मंत्री के अचानक प्रेस वार्ता में खड़े होकर जाने पर सभी लोगों ने प्रतिक्रिया दी. जबकि खुद के बचाव में मंत्री और अन्य कांग्रेसी कुछ अलग ही बात कहते हुए नजर आए. उनका कहना था कि वो सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है. जबकि कांग्रेस के नेता पत्रकारों के सवाल से बचते हुए दिखाई दिए. इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को बार-बार सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे. जिले में चल रहे बड़े मामलों की भी जिला प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने कोई जानकारी नहीं दी. ऐसे में अलवर की योजनाओं के बारे में भी वह नहीं बता सकी. इस कार्यक्रम में अलवर के सभी कांग्रेसी विधायक, मुख्य सचिव सहित कई आला अधिकारी, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक समेत कई लोग मौजूद रहे.

Intro:अलवर
राजस्थान सरकार का एक साल पूरा होने पर अलवर के सूचना केंद्र में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश सरकार में मंत्री व अलवर प्रभारी ममता भूपेश ने सरकारी योजनाओं के बारे में बताया। उसके बाद जैसे ही पत्रकारों के सवाल शुरू हुए। मंत्री व अन्य कांग्रेसी पत्रकार वार्ता बीच में छोड़कर जाने लगे। स्थानीय कार्यों व योजनाओं के सवाल पर मंत्री जवाब नहीं दे सकी। ऐसे में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को माइक थाम कर सवालों के जवाब देने पड़े।


Body:प्रदेश सरकार का 1 साल पूरा होने पर मुख्य कार्यक्रम जयपुर में आयोजित हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई नई सरकारी योजनाओं को शुरू किया। इसी तरह से सरकार के मंत्री व जिला प्रभारी द्वारा सभी जिलों में पहुंचकर सरकार की योजनाओं का बखान किया जा रहा है। इसी के तहत अलवर की सूचना केंद्र में शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इसमें प्रभारी मंत्री ममता भूपेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह अलवर के सभी कांग्रेसी विधायक मुख्य सचिव सहित कई आला अधिकारी जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित सभी लोग मौजूद रहे। इस दौरान प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सरकार के कार्यों की जानकारी दी। इसके बाद जैसे ही पत्रकारों के सवाल शुरू हुए मंत्री खड़ी हो गई। इस पर पत्रकारों ने विरोध किया व सवालों के जवाब देने के लिए कहा। स्थानीय सवालों के जवाब देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री को आगे आना पड़ा। जिला प्रभारी मंत्री ममता भूपेश को अलवर की योजना के कार्यों की भी जानकारी नहीं थी। ऐसे में साफ है कि मंत्री ममता भूपेश बिना तैयारी के प्रेस वार्ता में पहुंची। उन्होंने जिन योजनाओं के बारे में बताया वो योजनाएं सरकार द्वारा प्रकाशित अलवर की पुस्तक में नहीं थी।


Conclusion:यह मुद्दा पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बन गया। मंत्री के अचानक प्रेस वार्ता में खड़े होकर जाने पर सभी लोगों ने प्रतिक्रिया दी। जबकि खुद के बचाव में मंत्री व अन्य कांग्रेसी अन्य बात कहते हुए नजर आए। उनका कहना था की वो सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार है। जबकि कांग्रेस के नेता पत्रकारों के सवाल से बचते हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को बार-बार सवालों के जवाब देने पड़ रहे थे। जिले में चल रहे बड़े मामलों की भी जिला प्रभारी मंत्री ममता भूपेश को कोई जानकारी नहीं दी। ऐसे में अलवर की योजनाओं के बारे में भी वह नहीं बता सकी।
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