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अब अलवर बनेगा पर्यटन हब, NCR प्लानिंग बोर्ड ने मांगा प्रस्ताव

अलवर अब जल्द ही एनसीआर का पर्यटन हब होगा. एनसीआर में आने वाले शहरों में सबसे ज्यादा पर्यटन की संभावना अलवर में है. इसलिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से अलवर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मंगा गया है. इसको लेकर के जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को अलवर के प्रताप ऑडिटोरियम में एक बैठक ली. जिसमें सभी से सुझाव मांगे गए. इसके साथ ही होने वाले मत्स्य उत्सव को लेकर चर्चा की गई.

इंद्रजीत सिंह, जिला कलेक्टर, अलवर
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Published : Jul 26, 2019, 6:47 PM IST

अलवर. प्रदेश के एक मात्र अलवर एक ऐसा जिला है, जो अरावली की पहाड़ियों से पूरी तरह से गिरा हुआ है. यहां कई तरह के प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिलते हैं. अलवर में 886 वर्ग किलोमीटर लंबा सरिस्का नेशनल पार्क है. जहां, टाइगर खुलेआम रहते हैं. इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव मांगा गया है.

जिले में 24 से अधिक पर्यटन प्वॉइंट हैं. इनमें सिलीसेढ़ झील, बाला किला, नीलकंठ महादेव मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, अलवर का कंपनी बाग, ताल वृक्ष, नारायणी माता, पांडुपोल मंदिर सहित अन्य शामिल हैं. जहां, प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं. लेकिन, समय-समय पर उनका रखरखाव नहीं होने के कारण पर्यटन स्थलों के हालात खराब हो रहे हैं.

अब अलवर होगा पर्यटन का हब

इसलिए अलवर जिला कलेक्टर की तरफ से शुक्रवार को अलवर की प्रताप ऑडिटोरियम में बैठक का आयोजन किया गया. इसमें होटल संचालक, वन विभाग के अधिकारी, पर्यटन विभाग के अधिकारी, नेचर गाइड, सरिस्का वन प्रेमी, सामाजिक संस्थान, एनजीओ संचालक और सरकारी विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव मांगे. इसके बाद आने वाले समय में मत्स्य उत्सव को लेकर चर्चा की गई. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बार मत्स्य उत्सव अन्य सालों की तुलना में बेहतर होगा. उसके लिए योजना बनाई जा रही है. उसमें आम आदमी की हिस्सेदारी होगी.

जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा एनसीआर आने वाले किसी भी शहर में पर्यटन स्थल नहीं है. सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल अलवर में है. अलवर के पर्यटन स्थलों को बेहतर करने और बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई जा रही है. पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से अलवर जिला कलेक्टर से प्रस्ताव मांगे गए हैं. जिसमें पर्यटन स्थलों को नया रूप देने, पर्यटन स्थलों पर कुछ नया करने के लिए काम कराए जाएंगे. जिससे अलवर की पहचान राष्ट्रीय मानचित्र पर बेहतर हो सके. जिला कलेक्टर ने कहा कि अलवर के ऊपर एक पुस्तक निकाली जाएगी, जिसमें पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी होगी. इसके अलावा ऑनलाइन लोगों को बेहतर जानकारी मिल सके उस पर भी पूरी कोशिश की जा रही है.

अलवर. प्रदेश के एक मात्र अलवर एक ऐसा जिला है, जो अरावली की पहाड़ियों से पूरी तरह से गिरा हुआ है. यहां कई तरह के प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिलते हैं. अलवर में 886 वर्ग किलोमीटर लंबा सरिस्का नेशनल पार्क है. जहां, टाइगर खुलेआम रहते हैं. इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव मांगा गया है.

जिले में 24 से अधिक पर्यटन प्वॉइंट हैं. इनमें सिलीसेढ़ झील, बाला किला, नीलकंठ महादेव मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, अलवर का कंपनी बाग, ताल वृक्ष, नारायणी माता, पांडुपोल मंदिर सहित अन्य शामिल हैं. जहां, प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं. लेकिन, समय-समय पर उनका रखरखाव नहीं होने के कारण पर्यटन स्थलों के हालात खराब हो रहे हैं.

अब अलवर होगा पर्यटन का हब

इसलिए अलवर जिला कलेक्टर की तरफ से शुक्रवार को अलवर की प्रताप ऑडिटोरियम में बैठक का आयोजन किया गया. इसमें होटल संचालक, वन विभाग के अधिकारी, पर्यटन विभाग के अधिकारी, नेचर गाइड, सरिस्का वन प्रेमी, सामाजिक संस्थान, एनजीओ संचालक और सरकारी विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव मांगे. इसके बाद आने वाले समय में मत्स्य उत्सव को लेकर चर्चा की गई. जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बार मत्स्य उत्सव अन्य सालों की तुलना में बेहतर होगा. उसके लिए योजना बनाई जा रही है. उसमें आम आदमी की हिस्सेदारी होगी.

जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा एनसीआर आने वाले किसी भी शहर में पर्यटन स्थल नहीं है. सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल अलवर में है. अलवर के पर्यटन स्थलों को बेहतर करने और बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई जा रही है. पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से अलवर जिला कलेक्टर से प्रस्ताव मांगे गए हैं. जिसमें पर्यटन स्थलों को नया रूप देने, पर्यटन स्थलों पर कुछ नया करने के लिए काम कराए जाएंगे. जिससे अलवर की पहचान राष्ट्रीय मानचित्र पर बेहतर हो सके. जिला कलेक्टर ने कहा कि अलवर के ऊपर एक पुस्तक निकाली जाएगी, जिसमें पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी होगी. इसके अलावा ऑनलाइन लोगों को बेहतर जानकारी मिल सके उस पर भी पूरी कोशिश की जा रही है.

Intro:अलवर जल्द ही होगा एनसीआर का पर्यटन हब। एनसीआर आने वाली शहरों में सबसे ज्यादा पर्यटन की संभावना अलवर में है। इसलिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से अलवर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन से प्रस्ताव मंगा गया है। इसको लेकर के जिला कलेक्टर ने शुक्रवार को अनवर के प्रताप ऑडिटोरियम में एक बैठक ली। इसमें सभी से सुझाव मांगे गए। उसके बाद होने वाली मत्स्य उत्सव को लेकर चर्चा की गई।


Body:अलवर में 24 से अधिक पर्यटन पॉइंट है। इसमें सिलीसेढ़ झील, बाला किला, नीलकंठ महादेव मंदिर, अजबगढ़ भानगढ़, भरतरीमK राम अलवर का कंपनी बाग ताल वृक्ष नारायणी माता पांडुपोल मंदिर सहित अन्य शामिल है। जहां प्रतिदिन हजारों पर्यटक आते हैं। लेकिन समय-समय पर उनका रखरखाव नहीं होने के कारण पर्यटन स्थलों के हालात खराब हो रहे हैं।

अलवर एक मात्र ऐसा जिला है जो अरावली की पहाड़ियों से पूरी तरह से गिरा हुआ है। यहां कई तरह के प्राकृतिक सौंदर्य भी देखने को मिलते हैं। अलवर में 886 वर्ग किलोमीटर लंबा सरिस्का नेशनल पार्क है। जहां टाइगर खुलेआम करते हैं। इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रस्ताव मांगा गया है।

इसलिए अलवर जिला कलेक्टर की तरफ से शुक्रवार को अलवर की प्रताप ऑडिटोरियम में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें होटल संचालक, वन विभाग के अधिकारी, पर्यटन विभाग के अधिकारी, नेचर गाइड, सरिस्का वन प्रेमी, सामाजिक संस्थान, एनजीओ संचालक व सरकारी विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर ने प्रस्ताव मांगे। इसके बाद आने वाले समय में मत्स्य उत्सव को लेकर चर्चा की गई। जिला कलेक्टर ने कहा कि इस बार मत्स्य उत्सव अन्य सालों की तुलना में बेहतर होगा। उसके लिए योजना बनाई जा रही है। उसमें आम आदमी की हिस्सेदारी होगी।


Conclusion:जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह ने कहा एनसीआर आने वाली किसी भी शहर में पर्यटन स्थल नहीं है। सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल अलवर में है। अलवर के पर्यटन स्थलों को बेहतर करने व बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई जा रही है। पर्यटन संभावनाओं को बढ़ाने के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की तरफ से अलवर जिला कलेक्टर से प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिसमें पर्यटन स्थलों को नया रूप देने, पर्यटन स्थलों पर कुछ नया करने के लिए काम कराए जाएंगे। जिस से अलवर की पहचान राष्ट्रीय मानचित्र पर बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि अलवर कई बदनाम हो चुका है। इसलिए अब सकारात्मक प्रयास की जरूरत है। सभी ने अपने अपने प्रस्ताव दिए व पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग रखी। जिला कलेक्टर ने कहा कि अलवर के ऊपर एक निकाली जाएगी। जिनमें पर्यटन स्थलों के बारे में पूरी विस्तार से जानकारी होगी। इसके अलावा ऑनलाइन लोगों को बेहतर जानकारी मिल सके उसके पर प्रयास किए जा रहे हैं।

बाइट- इंद्रजीत सिंह, जिला कलेक्टर
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