अलवर. देवभूमि अलवर के कई प्राचीन मंदिर देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखते (Naldeshwar Temple of Alwar) हैं. इनमें से एक है सालों पुराना नलदेश्वर मंदिर, जहां भगवान शिव अमरनाथ की तरह गुफा में विराजमान हैं. गुफा अरावली की पर्वतमालाओं में बनी हुई है. हर साल नीलकंठ के दर्शन के लिए यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं. नलदेश्वर शिव मंदिर अलवर शहर से 24 किमी दूर सरिस्का क्षेत्र में स्थित है.
नलदेश्वर महादेव मंदिर से स्थानीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को पहाड़ों के रास्तों से गुजरते हुए सैकड़ों की संख्या में सीढ़िया चढ़नी पड़ती है. वहीं, ऊपर बनी मंदिरनुमा चट्टान से निरंतर पानी गिरता रहता है. सावन के समय यहां हर साल मेला भरता है. यह मंदिर अरावली की वादियों के बीच में बना हुआ है. लोगों की मान्यता है कि भगवान शिव से की गई मन्नत पूरी होती है. लोगों का मानना है कि यहां भगवान शिव की प्रतिमा अपने आप प्रकट हुई थी.
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गुफा का रहस्य : स्थानीय लोगों ने बताया कि गुफा के अंदर भगवान शिव की प्रतिमा अपने आप प्रकट हुई थी. गुफा भी प्राकृतिक बनी हुई है. इसमें एक साथ दो से तीन लोग बैठकर भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. हालांकि स्थानीय लोगों की ओर से मंदिर के आसपास क्षेत्र में बाद में कुछ निर्माण करवाया गया. लेकिन गुफा के साथ किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई.