अलवर. प्रदेश सरकार में मंत्री टीकाराम जूली एक माह बाद अलवर पहुंचे. सोमवार को उन्होंने मोती डूंगरी स्थित अपने कार्यालय पर जनसुनवाई की. इस दौरान जिलेभर से लोग अपनी समस्या लेकर आए. जनसुनवाई के दौरान खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती दिखीं.
गौरतलब है कि गहलोत सरकार के सभी विधायक और मंत्री बीते एक माह से बड़े होटेलों में बंद थे. इस दौरान शुरुआत में जयपुर उसके बाद जैसलमेर के होटल में विधायक और मंत्रियों को रखा गया. पहली बार सरकार के विधायक और मंत्रियों ने एक साथ ईद, रक्षाबंधन, कृष्ण जन्माष्टमी जैसे त्योहार मनाए. इस दौरान सरकार का कामकाज प्रभावित हुआ. एक माह बाद प्रदेश सरकार में श्रम मंत्री टीकाराम जूली अपने घर पहुंचे.
गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया है. इसलिए जगह-जगह कांग्रेसी विधायकों का स्वागत हो रहा है. श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने सोमवार को अलवर में मोती डूंगरी स्थित अपने कार्यालय पर एक जनसुनवाई की. एक माह से सड़क, पानी और बिजली सहित जरूरी समस्याओं को लेकर परेशान हो रहे लोग बड़ी संख्या में जनसुनवाई में पहुंचे. सुबह से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया, जो दोपहर तक चलता रहा.
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जन सुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में लोग श्रम मंत्री के कार्यालय पर पहुंचे. जनसुनवाई में सरकार की ओर से बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई थी. बिना सोशल डिस्टेंसिंग के लोग बड़ी संख्या में हुजूम में खड़े हुए थे, तो वहीं कुछ लोग बिना मास्क के भी नजर आए. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली जोश-खरोश के साथ खुद का स्वागत कराने में जुटे रहे. उनके आसपास रहने वाले लोग बिना सोशल डिस्टेंसिंग के मंत्री जी की आवभगत में दिखाई दिए.
ऐसे में साफ है कि जिस तरह सरकार ने मास्क पहनना अनिवार्य किया है और कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग रखने और मास्क पहनने की हिदायत दी जा रही है. उसी सरकार के मंत्री और कार्यकर्ता खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.