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अलवर में आबकार विभाग की चांदी, सितम्बर माह तक बिकी 786 करोड़ की शराब

अलवर में इन दिनों शराब की बिक्री में इजाफा होता जा रहा है. आबकारी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में 7 प्रतिशत शराब की बिक्री बढ़ी है, जो साढ़े 6 सौ करोड़ से बढ़कर सितंबर माह तक ही 786 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है.

Alwar Excise Department,शराब पीने वालों की संख्या बढ़ी
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Published : Oct 19, 2019, 10:41 PM IST

अलवर. राजस्थान का अलवर एक मात्र ऐसा जिला है, जिसकी सीमा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती है. वहीं यह जिला एनसीआर में आता है, जिस कारण शहर में एनसीआर के कल्चर की झलक दिखाई देती है. जिसका असर जिले लोगों पर हो रहा है. कई युवा पार्टी और शराब के नशे का शिकार होते जा रहे है. जिस वजह से शहर में शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी

शराब पीने वालों की संख्या 786 करोड़

आबकारी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में करीब साढे़ 6 सौ करोड़ शराब की बिक्री हुई थी, जो सितम्बर माह तक 786 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है. बता दें कि जिले में 293 शराब की दुकान हैं. जिसमें से 211 ऐसी दुकान हैं. जिनपर सभी तरह की शराब मिलती है. इसके अलावा 39 विदेशी और 49 देशी शराब की दुकान हैं.

पढ़ेंः कोटा: छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी हैः हीरालाल नागर

शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी
सरकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से जिले में शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. तो वहीं बीते 2 माह में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी दर्ज की गई, इसके वाला आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है.ऐसे में आबकारी विभाग को इस साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है. तो वहीं अलवर में आए दिन हरियाणा की शराब भी मिलती है, क्योंकि अलवर हरियाणा का सीमावर्ती जिला है. हरियाणा की शराब देश में सबसे सस्ती शराब मानी जाती है.

अलवर. राजस्थान का अलवर एक मात्र ऐसा जिला है, जिसकी सीमा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती है. वहीं यह जिला एनसीआर में आता है, जिस कारण शहर में एनसीआर के कल्चर की झलक दिखाई देती है. जिसका असर जिले लोगों पर हो रहा है. कई युवा पार्टी और शराब के नशे का शिकार होते जा रहे है. जिस वजह से शहर में शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.

शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी

शराब पीने वालों की संख्या 786 करोड़

आबकारी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में करीब साढे़ 6 सौ करोड़ शराब की बिक्री हुई थी, जो सितम्बर माह तक 786 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है. बता दें कि जिले में 293 शराब की दुकान हैं. जिसमें से 211 ऐसी दुकान हैं. जिनपर सभी तरह की शराब मिलती है. इसके अलावा 39 विदेशी और 49 देशी शराब की दुकान हैं.

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शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी
सरकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से जिले में शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. तो वहीं बीते 2 माह में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी दर्ज की गई, इसके वाला आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है.ऐसे में आबकारी विभाग को इस साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है. तो वहीं अलवर में आए दिन हरियाणा की शराब भी मिलती है, क्योंकि अलवर हरियाणा का सीमावर्ती जिला है. हरियाणा की शराब देश में सबसे सस्ती शराब मानी जाती है.

Intro:अलवर
अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी व सिंघद्वार के रूप में जाना जाता है। अलवर में हजारों औद्योगिक इकाइयां हैं। अलवर से दिल्ली गुड़गांव आना-जाना आसान रहता है ऐसे में एनसीआर का खासा प्रभाव अलवर में नजर आता है। ऐसे भी लगातार अलवर में शेरों की दीवार तेजी से बढ़ रही है।


Body:अलवर सीमावर्ती जिला होने के कारण अलवर की सीमा हरियाणा उत्तर प्रदेश से लगती है। कुछ ही मिनटों में लोग हरियाणा आ जा सकते हैं। एनसीआर में आने के कारण अलवर में एनसीआर का कल्चर नजर आता है। राजस्थान में सबसे अधिक क्राइम के मामले अलवर में आते हैं। तो वहीं विकास की दृष्टि से भी अलवर अन्य जिलों से आगे हैं। ऐसे में अलवर में तेजी से शराब व शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। आबकारी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में करीब साडे 600 करोड़ कि अलवर के लोगों ने शराब पी। तो वहीं अब उसकी डिमांड भरकर 786 करोड़ के आसपास पहुंच गई है। ऐसे में लगातार हर माह शराब पीने वालों की संख्या व शराब की डिमांड बढ़ रही है। अलवर में 293 शराब की दुकान हैं। इसमें 211 ऐसी दुकान हैं जिनपर सभी तरह की शराब मिलती है। इसके अलावा 39 विदेशी व 49 देशी शराब की दुकान हैं।


Conclusion:सरकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से अलवर जिले में शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। तो वहीं बीते 2 माह में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके वाला आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। क्योंकि दिवाली व शादियों के सीजन में लोग ज्यादा शराब पीते हैं। तो वही साल के अंत में नए साल के जश्न के दौरान करोड़ों रुपए की शराब लोग पी जाते हैं। ऐसे में आबकारी विभाग को इस साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। तो वहीं अलवर में आए दिन हरियाणा की शराब भी मिलती है। क्योंकि अलवर हरियाणा का सीमावर्ती जिला है व हरियाणा की शराब देश में सबसे सस्ती शराब मानी जाती है। इस हिसाब से देखा जाए तो अलवर में तेजी से शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

लोगों को जमीनों का मिल रहा पैसा
एनसीआर में आने के कारण अलवर में तेजी से औद्योगिक इकाइयां लग रही है। तो वहीं फ्लैट व मॉल सहित एनसीआर का कल्चर अलवर में हावी हो रहा है। ऐसे में लगातार यहां के किसान जमीन बेच रहे हैं व इसके उनको मोटे दाम मिल रहे हैं। बहरोड़ नीमराना शाहजहांपुर भिवाड़ी तिजारा टपूकड़ा सहित आसपास के क्षेत्र में 1 बीघा जमीन तीन से चार करोड रुपए की बिकती है। इसलिए अलवर के लोग महंगी गाड़ियां, घूमना फिरना, पार्टी करना व विदेशों में घूमने जैसे शोक करने लगे हैं। इसलिए लगातार यहां शराब की डिमांड बढ़ रही है।

बाइट-जिला आबकारी अधिकारी, अलवर

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