अलवर. राजस्थान का अलवर एक मात्र ऐसा जिला है, जिसकी सीमा हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगती है. वहीं यह जिला एनसीआर में आता है, जिस कारण शहर में एनसीआर के कल्चर की झलक दिखाई देती है. जिसका असर जिले लोगों पर हो रहा है. कई युवा पार्टी और शराब के नशे का शिकार होते जा रहे है. जिस वजह से शहर में शराब पीने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
शराब पीने वालों की संख्या 786 करोड़
आबकारी विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 में करीब साढे़ 6 सौ करोड़ शराब की बिक्री हुई थी, जो सितम्बर माह तक 786 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है. बता दें कि जिले में 293 शराब की दुकान हैं. जिसमें से 211 ऐसी दुकान हैं. जिनपर सभी तरह की शराब मिलती है. इसके अलावा 39 विदेशी और 49 देशी शराब की दुकान हैं.
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शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी
सरकारी विभाग के आंकड़ों के हिसाब से जिले में शराब की डिमांड में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. तो वहीं बीते 2 माह में 2 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी दर्ज की गई, इसके वाला आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है.ऐसे में आबकारी विभाग को इस साल करोड़ों रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है. तो वहीं अलवर में आए दिन हरियाणा की शराब भी मिलती है, क्योंकि अलवर हरियाणा का सीमावर्ती जिला है. हरियाणा की शराब देश में सबसे सस्ती शराब मानी जाती है.