अलवर. श्रम मंत्री के गृह जिले अलवर में एक मजदूर को न्याय नहीं मिल रहा है. बीते दो साल से श्रम विभाग और श्रम मंत्री के चक्कर लगाने के बावजूद न्याय की उम्मीद खो बैठा. आखिरकार श्रमिक निरंजन सिंह ने मकान मालिक के तानों से त्रस्त होकर अपने घर का सामान श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली के कार्यालय पर लाकर रख दिया. जहां मंत्री के कर्मचारियों ने सामान रखने को लेकर श्रमिक से खासी बहस की. परेशान निरंजन सिंह अपने सामान को लेकर सड़कों पर मारा-मारा घूम रहा है.
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बता दें, निरंजन सिंह एमआई की एक कंपनी में काम करता था. कंपनी के बंद होने के बाद कर्मचारियों को निकाल दिया गया. लेकिन कंपनी ने कई महीनों का वेतन पर पीएफ की राशि नहीं दी. न्यायालय के आदेश के बाद भी निरंजन को न्याय नहीं मिला. बीते दो साल से अपने मुआवजे की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन सहित कई गतिविधि कर चुका है. लेकिन न तो श्रम विभाग के कानों पर जूं रेंग रही है और न ही श्रम मंत्री इसे गंभीरता से ले रहे हैं.
हताश मजदूर बुधवार को एक चार पहिए की रेडी में अपने घर का सामान रखकर श्रम मंत्री कार्यालय पर पहुंचा. ऐसे में मंत्री के प्रतिनिधियों और निरंजन सिंह के बीच काफी देर तक बहस हुई. रोते हुए न्याय की भीख मांगते हुए निरंजन सिंह को आखिरकार फिर आश्वासन ही मिला. ऐसे में परेशान निरंजन आत्मदाह की धमकी दे रहा है.
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निरंजन सिंह ने कहा, वो श्रम विभाग और श्रम मंत्री के चक्कर लगा-लगाकर हताश हो चुका है. दो साल से लगातार सभी विभागीय अधिकारियों को अवगत करवाया. लेकिन विभागीय अधिकारी उसे बुरा भला कहकर वहां से चलता कर देते हैं. उसने कहा, गुरुवार को वह अपने पूरे परिवार के सदस्यों का पुतला बनाकर शहर में परिक्रमा लगाएगा और उसके बाद फिर मंत्री के कार्यालय के बाहर ही चारों का पुतला दहन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी. वहीं इस पूरे मामले पर अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.